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जालोर: बर्बाद हो रही अनार की फसल को मिलने लगे खरीददार, किसानों में खुशी की लहर

जालोर में अनार की बंम्पर पैदावार होने के बाद लॉकडाउन लागू होने से किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे थे. ऐसे में किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा था. लेकिन जिला कलेक्टर को किसानों के फसल खेतों में सड़ने की जानकारी मिलने के बाद देशभर के अनार के व्यापारियों से अपील की. जिसके बाद कई राज्यों से अनार के व्यापारी जालोर आये है और अनार खरीद कर ले जा रहे है.

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किसानों को मिले अनार के खरीददार
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Published : Apr 26, 2020, 5:42 PM IST

जालोर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने इस बार किसानों की कमर तोड़ कर रख दी. अनार, पपीते और जीरे सहित कई फसलों के तैयार होने के बाद लॉकडाउन लागू होने से किसान बेच नहीं पाए. ऐसे में अनार और पपीते खराब होने लग गए. जिससे किसान मायूस हो गए थे.

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किसानों को मिले अनार के खरीददार

किसानों ने अनार और पपीते की बर्बाद होती खेती को लेकर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के सामने अपनी फरियाद रखी और बताया कि अनार पैदावार बंम्पर स्तर पर हुई है, लेकिन लॉकडाउन के कारण खरीददार नहीं आ रहे है. ऐसे हालात में कोल्ड स्टोरेज के अभाव में अनार खेतों में पड़ी खराब हो रही है.

ये पढ़ें: जालोरः कोरोना से लड़ने के लिए भामाशाह ने लगवाई 20 सैनिटाइज मशीन

जिसके बाद जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने किसानों के लिए देशभर के अनार के व्यापारियों से अपील की. साथ ही जिले के किसानों से अनार खरीदने के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने का भरोसा दिलाया. जिसका अब सकारात्मक परिणाम सामने आया है. कलेक्टर के अपील पर कई राज्यों के अनार व्यापारियों ने जालोर जिले का रुख किया है और किसानों से अनार खरीद रहे है.

कृषि विभाग से सहायक उप निदेशक फूलाराम मेघवाल ने बताया कि जालोर जिले के सायला, सांचोर औऱ बागोड़ा क्षेत्र के लगभग 160 अनार उत्पादक काश्तकारों का लगभग 500 मैट्रिक टन अनार लाॅकडाउन के कारण बिक्री से वंचित हो रहा था. लेकिन कलेक्टर गुप्ता के अपील पर देश के अलग अलग राज्यों से आये खरीददारों ने एक सप्ताह में लगभग 125 मैट्रिक टन अनार खरीद कर ले गए है.

ये पढ़ें: श्रीगंगानगर : दो बार हुआ सर्वे, नहीं मिला संक्रमण का एक भी रोगी

गाइडलाइंस के अनुसार खेतों में हो रहा है कार्य

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में अनार के उत्पादन के बाद लॉकडाउन लागू होने के कारण किसानों के खेतों में अनार पड़े सड़ रहे थे. बाद में किसानों के नुकसान को देखते हुए जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार खेतों में कार्य करने की छूट दी. अब व्यापारी नियमों के तहत कार्य करवाकर अनार की पैकिंग कर लेकर जा रहे है.

जालोर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने इस बार किसानों की कमर तोड़ कर रख दी. अनार, पपीते और जीरे सहित कई फसलों के तैयार होने के बाद लॉकडाउन लागू होने से किसान बेच नहीं पाए. ऐसे में अनार और पपीते खराब होने लग गए. जिससे किसान मायूस हो गए थे.

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किसानों को मिले अनार के खरीददार

किसानों ने अनार और पपीते की बर्बाद होती खेती को लेकर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के सामने अपनी फरियाद रखी और बताया कि अनार पैदावार बंम्पर स्तर पर हुई है, लेकिन लॉकडाउन के कारण खरीददार नहीं आ रहे है. ऐसे हालात में कोल्ड स्टोरेज के अभाव में अनार खेतों में पड़ी खराब हो रही है.

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जिसके बाद जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने किसानों के लिए देशभर के अनार के व्यापारियों से अपील की. साथ ही जिले के किसानों से अनार खरीदने के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने का भरोसा दिलाया. जिसका अब सकारात्मक परिणाम सामने आया है. कलेक्टर के अपील पर कई राज्यों के अनार व्यापारियों ने जालोर जिले का रुख किया है और किसानों से अनार खरीद रहे है.

कृषि विभाग से सहायक उप निदेशक फूलाराम मेघवाल ने बताया कि जालोर जिले के सायला, सांचोर औऱ बागोड़ा क्षेत्र के लगभग 160 अनार उत्पादक काश्तकारों का लगभग 500 मैट्रिक टन अनार लाॅकडाउन के कारण बिक्री से वंचित हो रहा था. लेकिन कलेक्टर गुप्ता के अपील पर देश के अलग अलग राज्यों से आये खरीददारों ने एक सप्ताह में लगभग 125 मैट्रिक टन अनार खरीद कर ले गए है.

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गाइडलाइंस के अनुसार खेतों में हो रहा है कार्य

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में अनार के उत्पादन के बाद लॉकडाउन लागू होने के कारण किसानों के खेतों में अनार पड़े सड़ रहे थे. बाद में किसानों के नुकसान को देखते हुए जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार खेतों में कार्य करने की छूट दी. अब व्यापारी नियमों के तहत कार्य करवाकर अनार की पैकिंग कर लेकर जा रहे है.

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