भीनमाल (जालोर). कोविड- 19 महामारी सीनियर सिटिजंस के लिए जिंदगी की लड़ाई लड़ने का चैलेंज लेकर आया है. कई बुजुर्गों ने अपनी हिम्मत से इसे जीता भी है. ऐसा ही उदाहरण भीनमाल शहर के मालवीय नगर के रहने वाले नारायण सेन उम्र 76 वर्ष और उनकी पत्नी ने कोरोना को मात दे दिया है.
जानकारी अनुसार, 24 अप्रैल को नारायण सेन और उनकी पत्नी को बुखार एवं गले में तकलीफ की शिकायत आई. जिसके बाद उन्हें कोरोना सैंपल के लिए सलाह दी गई. टेस्ट करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर की सलाह ली और घर पर ही आइसोलेट होकर दवाई एवं नियमित रूप से गिलोह का काढ़ा लेते रहे. 6 मई को पुनः रिपोर्ट में उन दोनों का रिपोर्ट नेगेटिव आई. इस बीच उन्होंने कोरोना से छुटकारा पा लिया.
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गौ सेवक हैं नारायण सेन
बता दें, नारायण सेन एक गौ सेवक हैं, जो पिछले कई वर्षों से घर पर गाय पाल रहे है. साथ ही नजदीक पशुपति मंदिर में उन्होंने लगभग 100 पौधे लगाए थे जो आज छायादार पेड़ का रूप ले चुका है. उनका मानना है वृक्ष का अधिक से अधिक लगाकर आधी बीमारियों को तो वैसे ही समाप्त किया जा सकता है. पेड़ों की कमी के कारण हमें ऑक्सीजन के लिए घूमना पड़ रहा है. अगर पर्यावरण शुद्ध होगा तो कई बीमारियां स्वतः ही खत्म हो जाएगी.
अपनी भूमिका का निर्वहन करे
नारायण सेन का कहना है कि कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में रहे. यदि मरीज और उनके परिजन होम आइसोलेशन के नियमों का पालन कड़ाई से करेंगे और मरीज नियमित दवाइयों का सेवन करेंगे तो संक्रमण की दर को रोका जा सकता है. होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक होकर अपनी महती भूमिका निभाएं. इसके लिए सभी को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा.