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स्पेशल स्टोरी: जालोर के सुरक्षा कवच को देखकर CORONA भी परेशान...नहीं मिल रही एंट्री

जालोर जिले की सीमा से जुड़े जिले बाड़मेर,पाली और जोधपुर में कोरोना अपने पैर पसार चुका है, लेकिन जालोर में एंट्री नहीं मिलने से पेरशान है. जालोर जिला प्रशासन और स्थानीय लोग दिन-रात कोरोना पर नजर रख रहे हैं. जिले से जुड़ी सीमाओं को लॉक कर दिया गया है और बाहर से आने वाले हर शक्स का खाका तैयार किया जा रहा है.

corona virus patient, जालोर न्यूज
जालोर में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं.
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Published : Apr 22, 2020, 7:30 PM IST

Updated : Apr 23, 2020, 9:59 AM IST

जालोर. जिले की सीमा से जुड़े जिलों बाड़मेर, पाली और जोधपुर में कोरोना के मरीज सामने आ चुके हैं. जालोर जिले में अभी तक एक भी कोरोना का पॉजिटिव मरीज नहीं है. आने वाले दिनों में जिले को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाये रखने के लिए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया है. बाहर से आने वाले लोगों पर प्रशासन अपने स्तर पर कड़ी नजर रख रहा है.

जालोर में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं.

इस जिम्मेदारी में ग्रामीण भी प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे हैं. बाड़मेर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने की सूचना के बाद जिला कलेक्टर गुप्ता के अपील पर सबसे पहले ग्रामीणों ने कोरोना प्रभारियों की मदद से बाड़मेर जिले से आने वाले सभी रास्ते पत्थर डालकर बंद किये थे. इसके अलावा बाड़मेर जिले के सीमावर्ती गांव डूंगरी में राजस्थान मरुधरा बैंक की शाखा होने के कारण गांव में लोगों की आवाजाही ज्यादा थी, जिसके बाद स्थानीय युवाओं ने इस बढ़ती भीड़ को रोकने का जिम्मा उठाया.

गांव में घुसने वाले रास्तों पर नाका:

अब गांव में घुसने वाले रास्तों पर नाका लगाया गया है. एक सरकारी कर्मचारी के साथ 2 स्वयंसेवक बारी-बारी से ड्यूटी दे रहे हैं. गांव में आने वाले सभी लोगों का प्रत्येक नाके पर रजिस्टर में एट्री की जाती है.

ये भी पढ़ें: जयपुरिया अस्पताल को Corona मरीजों से मुक्त रखने के लिए कालीचरण ने CM को लिखा पत्र

इसके साथ बैंक में आने वाले लोगों में भी सोशल डिस्टेंसिंग रखने के अलावा पर्ची भरने में भी स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से ड्यूटी पर लगे हुए हैं.

आवारा घूमने वालों पर आई कमी:

नाकेबंदी और रजिस्टर पर एंट्री होने की वजह से बिना काम घूम रहे लोगों पर कमी आई है. यहां पहले लोगों समझाया जाता है इसके बाद भी अगर अनावश्यक लोग सड़कों में घूमते हैं उन्हें पुलिस का डर भी दिखाया जाता है. जिले में 15 अप्रैल को पहली बार नाका बनाकर अभियान की शुरुआत की गई थी.
15 अप्रैल को 369 लोग
16 अप्रैल को 354 लोग
17 अप्रैल को 404 लोग
18 अप्रैल को 225 लोग
19 अप्रैल को 219 लोग
20 अप्रैल को 310 लोगो
21 अप्रैल को 180 लोगों की आवाजाही दर्ज की गई है. बैंक जैसी जगहों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है, ताकि जिले में कोरोना दाखिल ना हो सके. बैंक के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं. मार्केट में भी पुलिसकर्मी और स्वंयसेवी संस्थाएं मदद कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: राजस्थान का भीलवाड़ा मॉडल विफल, सरकार के दावों पर भी उठे सवाल

इसके अलावा शिक्षक, और अन्य पेशों से जुड़े लोग भी इसका पालन खुद और दूसरों से करावा रहे हैं. अलावा युवक भी बड़ी तादाम में मदद कर रहे हैं गांव में बारी-बारी से नाकों पर ड्यूटी दे रहे हैं.

जालोर. जिले की सीमा से जुड़े जिलों बाड़मेर, पाली और जोधपुर में कोरोना के मरीज सामने आ चुके हैं. जालोर जिले में अभी तक एक भी कोरोना का पॉजिटिव मरीज नहीं है. आने वाले दिनों में जिले को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाये रखने के लिए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया है. बाहर से आने वाले लोगों पर प्रशासन अपने स्तर पर कड़ी नजर रख रहा है.

जालोर में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं.

इस जिम्मेदारी में ग्रामीण भी प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे हैं. बाड़मेर जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने की सूचना के बाद जिला कलेक्टर गुप्ता के अपील पर सबसे पहले ग्रामीणों ने कोरोना प्रभारियों की मदद से बाड़मेर जिले से आने वाले सभी रास्ते पत्थर डालकर बंद किये थे. इसके अलावा बाड़मेर जिले के सीमावर्ती गांव डूंगरी में राजस्थान मरुधरा बैंक की शाखा होने के कारण गांव में लोगों की आवाजाही ज्यादा थी, जिसके बाद स्थानीय युवाओं ने इस बढ़ती भीड़ को रोकने का जिम्मा उठाया.

गांव में घुसने वाले रास्तों पर नाका:

अब गांव में घुसने वाले रास्तों पर नाका लगाया गया है. एक सरकारी कर्मचारी के साथ 2 स्वयंसेवक बारी-बारी से ड्यूटी दे रहे हैं. गांव में आने वाले सभी लोगों का प्रत्येक नाके पर रजिस्टर में एट्री की जाती है.

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इसके साथ बैंक में आने वाले लोगों में भी सोशल डिस्टेंसिंग रखने के अलावा पर्ची भरने में भी स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से ड्यूटी पर लगे हुए हैं.

आवारा घूमने वालों पर आई कमी:

नाकेबंदी और रजिस्टर पर एंट्री होने की वजह से बिना काम घूम रहे लोगों पर कमी आई है. यहां पहले लोगों समझाया जाता है इसके बाद भी अगर अनावश्यक लोग सड़कों में घूमते हैं उन्हें पुलिस का डर भी दिखाया जाता है. जिले में 15 अप्रैल को पहली बार नाका बनाकर अभियान की शुरुआत की गई थी.
15 अप्रैल को 369 लोग
16 अप्रैल को 354 लोग
17 अप्रैल को 404 लोग
18 अप्रैल को 225 लोग
19 अप्रैल को 219 लोग
20 अप्रैल को 310 लोगो
21 अप्रैल को 180 लोगों की आवाजाही दर्ज की गई है. बैंक जैसी जगहों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है, ताकि जिले में कोरोना दाखिल ना हो सके. बैंक के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं. मार्केट में भी पुलिसकर्मी और स्वंयसेवी संस्थाएं मदद कर रही हैं.

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इसके अलावा शिक्षक, और अन्य पेशों से जुड़े लोग भी इसका पालन खुद और दूसरों से करावा रहे हैं. अलावा युवक भी बड़ी तादाम में मदद कर रहे हैं गांव में बारी-बारी से नाकों पर ड्यूटी दे रहे हैं.

Last Updated : Apr 23, 2020, 9:59 AM IST
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