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Mahant Paras Bharti kidnapping case: महंत पारस भारती ने रची खुद के अपरहण की कहानी, जानिए क्या है पूरा मामला

जालोर के वालेरा महंत पारस भारती के अपहरण के मामले का पर्दाफाश हो गया (Mahant Paras Bharti kidnapping case solved) है. पुलिस के अनुसार, महंत को 5 लोग एक वीडियो को लेकर ब्लैकमेल कर रहे थे. पैसे नहीं देने पर बदनाम करने की धमकी भी दी जा रही थी. इसी कारण महंत ने खुद के अपहरण की कहानी रची.

Mahant Paras Bharti kidnapping case: he himself planned his kidnapping
वालेरा महंत पारस भारती के अपहरण की गुत्थी सुलझी, ब्लैकमेल की धमकी के चलते हुए थे गायब
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Published : Jul 4, 2022, 11:29 PM IST

जालोर. जिले का बहुचर्चित वालेरा महंत पारस भारती के अपहरण की पूरी कहानी झूठी निकली. पुलिस तीन दिन तक आठ टीमों का गठन कर महंत की खोजबीन कर रही थी. इस दरम्यान रविवार देर रात महंत रेवदर के आबकारी थाने पहुंचे. यहां उन्होंने खुद बताया कि उन्हें अज्ञात लोग फेंककर चले गए. इसके बाद महंत को पुलिस जालोर लेकर आई और कड़ाई से पूछताछ की तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया.

सोमवार को एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 1 जुलाई को दुददेश्वर महादेव मठ वालेरा के महंत पारस भारती रात्रि करीब 9 बजे कार लेकर अकेले ही जागरण में जाने का कह कर निकले. जिसके बाद उनकी कार वालेरा सरहद में कांखी रोड पर मिली व कार के दरवाजे खुले हुए और कार की विंडस्क्रीन टूटा हुआ था. महंत का मोबाइल भी बंद आ रहा था. इसके बाद अपहरण की आशंका जताते हुए सायला पुलिस को सूचना दी गई.

महंत पारस भारती के अपहरण की ये है सच्ची कहानी...

पढ़ें: Jalore Big News : वालेरा मठ के महंत पारस भारती का अपरहण, पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम...जानिए पूरा मामला

महंत के अपहरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर निशान्त जैन एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों व संतों को शांत करवाया. इसके बाद एसपी ने अलग-अलग 6 टीमों का गठन कर तलाशी में लगाई. वहीं दो टीमों को हरिद्वार व गुजरात भेजा. इस दौरान महंत अचानक रेवदर के आबकारी थाने पहुंचे. जिसके बाद पुलिस महंत को जालोर लेकर आई और कड़ाई से पूछताछ की. इसमें उन्होंने खुद गायब होना (Mahant Paras Bharti planned his own kidnap) बताया.

पढ़ें: महंत पारस भारती का नहीं लगा सुराग, ग्रामीणों और संतों में आक्रोश...पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम

इसलिए रची अपहरण की कहानी: एसपी ने बताया कि महंत से पूछताछ में सामने आया कि पारस भारती को कुछ दिनों से नागेन्द्रसिंह, अभयसिंह, छतरसिंह महावीर व जोगसिंह अपने पास महंत का गलत वीडियो होने की बात कहकर ब्लैकमेल करते हुए रुपए मांग रहे थे. पांचों बदमाश पैसे नहीं देने पर महंत को बदनाम करने की धमकी दे रहे थे. जिसके चलते महंत ने खुद के अपहरण की कहानी रची और सहयोगी मोवनाराम, भवाराम उर्फ भूपेन्द्र और सूजाराम के साथ मिलकर कांखी रोड पर गाड़ी में तोड़फोड़ करके सिरोही के पोसीन्द्रा धर्मनाथ महादेव मंदिर में चले गए थे. जिसके बाद रविवार रात्रि में रेवदर आबकारी थाना पहुंचे. इस घटना में महंत को ब्लैकमेल करने वाले पांच लोगों को भी दस्तयाब कर लिया गया है.

जालोर. जिले का बहुचर्चित वालेरा महंत पारस भारती के अपहरण की पूरी कहानी झूठी निकली. पुलिस तीन दिन तक आठ टीमों का गठन कर महंत की खोजबीन कर रही थी. इस दरम्यान रविवार देर रात महंत रेवदर के आबकारी थाने पहुंचे. यहां उन्होंने खुद बताया कि उन्हें अज्ञात लोग फेंककर चले गए. इसके बाद महंत को पुलिस जालोर लेकर आई और कड़ाई से पूछताछ की तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया.

सोमवार को एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 1 जुलाई को दुददेश्वर महादेव मठ वालेरा के महंत पारस भारती रात्रि करीब 9 बजे कार लेकर अकेले ही जागरण में जाने का कह कर निकले. जिसके बाद उनकी कार वालेरा सरहद में कांखी रोड पर मिली व कार के दरवाजे खुले हुए और कार की विंडस्क्रीन टूटा हुआ था. महंत का मोबाइल भी बंद आ रहा था. इसके बाद अपहरण की आशंका जताते हुए सायला पुलिस को सूचना दी गई.

महंत पारस भारती के अपहरण की ये है सच्ची कहानी...

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महंत के अपहरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर निशान्त जैन एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों व संतों को शांत करवाया. इसके बाद एसपी ने अलग-अलग 6 टीमों का गठन कर तलाशी में लगाई. वहीं दो टीमों को हरिद्वार व गुजरात भेजा. इस दौरान महंत अचानक रेवदर के आबकारी थाने पहुंचे. जिसके बाद पुलिस महंत को जालोर लेकर आई और कड़ाई से पूछताछ की. इसमें उन्होंने खुद गायब होना (Mahant Paras Bharti planned his own kidnap) बताया.

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इसलिए रची अपहरण की कहानी: एसपी ने बताया कि महंत से पूछताछ में सामने आया कि पारस भारती को कुछ दिनों से नागेन्द्रसिंह, अभयसिंह, छतरसिंह महावीर व जोगसिंह अपने पास महंत का गलत वीडियो होने की बात कहकर ब्लैकमेल करते हुए रुपए मांग रहे थे. पांचों बदमाश पैसे नहीं देने पर महंत को बदनाम करने की धमकी दे रहे थे. जिसके चलते महंत ने खुद के अपहरण की कहानी रची और सहयोगी मोवनाराम, भवाराम उर्फ भूपेन्द्र और सूजाराम के साथ मिलकर कांखी रोड पर गाड़ी में तोड़फोड़ करके सिरोही के पोसीन्द्रा धर्मनाथ महादेव मंदिर में चले गए थे. जिसके बाद रविवार रात्रि में रेवदर आबकारी थाना पहुंचे. इस घटना में महंत को ब्लैकमेल करने वाले पांच लोगों को भी दस्तयाब कर लिया गया है.

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