भीनमाल (जालोर). भीनमाल में नगर पालिका चुनाव का रंग परवान पर है. महिला सीट आने के बाद महिलाएं घरों से घुंघट छोड़ मैदान में कूद गई हैं. पहले जहां भीनमाल में 30 वार्ड थे. वहीं अब परिसीमन के बाद 40 वार्ड हो गए है. यहां अब निकाय चुनावी की जंग तेज हो गई है.
बता दें कि भीनमाल नगर पालिका की राजनीति में लंबे समय से जैन और ब्राह्मण समाज का बोलबाला रहा है. इस बार भी इन समाज से संबंध रखने वाले दावेदार अपने समीकरण मिला रहे हैं. दूसरी तरफ दोनों पार्टियों की ओर से बोर्ड बनाने को लेकर कई गणित लगाए जा रहे हैं.
ये होगे टिकट के दावेदार
पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को टिकट देने के बजाय इस बार कार्यकर्ताओं की पसंद पर उनके घर की महिलाओं को टिकट दिए जाएंगे. कई दावेदार चैयरमेरन की कुर्सी को पाने के लिए स्वंय की पार्टी से टिकट नहीं मांग कर घर की महिलाओं के लिए पार्टी से टिकट की मांग कर रहे हैं.
निर्दलीय उम्मीदवार तय करेगा चुनाव की दिशा
40 वार्ड में कई चर्चित चेहरे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस से कई दावेदार निर्दलीय मैदान में दिखाई देंगे. इस बार वह चुनाव की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे. भीनमाल में भाजपा और कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान शुरू हो गया है. दोनों पार्टियों में साफ तौर पर अंदरुनी भीतरघात देखा जा रहा है. दोनों पार्टियों के पास अभी तक साफ तौर पर अध्यक्ष पद का उम्मीदवार नहीं है. अपने अपने स्तर पर कई धुरंधर अपने समीकरण जमा रहे हैं.
धुरंधरों के परिवार की महिलाओं के आगे, पार्टी की सक्रिय महिलाएं दिख रही हैं बौनी
दोनों पार्टियों में लंबे समय से सक्रिय महिला कार्यकर्ता, धुरंधरों के परिवार की महिलाओं के आगे बौनी साबित हो रही हैं. बता दें कि कई सक्रिय महिला कार्यकर्ता का नंबर महिला सीट आने के बाद भी दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं पार्टी के धुरंधरों के परिवार से उनकी परिवार की महिलाएं चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट की मांग कर रही हैं, जो पार्टी के साथ कभी नहीं दिखी वह भी दावेदारी पेश कर रही हैं.
यह भी पढे़ं : गोपाष्टमी विशेष : सालासर की बालाजी गौशाला, यहां गायों के लिए RO का पानी, कूलर-पंखे भी लगे, खाने में भी उनको स्पेशल डाइट
बैठकों का दौर जारी
दोनों पार्टियों में नगर पालिका चुनावों को लेकर बैठकों का दौर जारी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कमर कस ली है. पूर्व में भीनमाल में भाजपा का बोर्ड था, इसलिए कांग्रेस पूर्ण तैयारी के साथ अपना बोर्ड बनाने के लिए प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा एक बार फिर अपना बोर्ड बनाने का प्रयास कर रही है.