जालोर. मानसून की पहली बारिश ने नगर परिषद के अधिकारियों के खोखले दावों की पोल खोल कर रख दी. बुधवार की रात को हुई मूसलाधार बारिश के कारण जिला कलेक्ट्रेट आफिस के सामने सहित कई स्थानों पर दो से तीन फीट तक पानी का भराव हो गया. जिसके चलते शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
शहर में बारिश और गन्दे पानी की निकासी के लिए नगर परिषद की ओर से करोड़ों रुपयों के टेंडर निकाल कर नालियां बनाई गई हैं. जिससे शहर के पानी की निकासी के नगर परिषद के अधिकारियों ने दावा भी किया. लेकिन मानसून की पहली बारिश ने नगर परिषद के अधिकारियों के खोखले दावों की पोल खोल कर रख दी.
जगह जगह पानी के भराव की जानकारी मिलने के बाद नगर परिषद के अधिकारी हरकत में आए और आनन फानन में पानी निकासी को लेकर प्रयास शुरू किए गए. नगर परिषद ने सबसे पहले जिला कलेक्टर ऑफिस के सामने से एकत्रित पानी की निकासी के लिए पंप लगाकर पानी को टैंकर में भर कर दूर खाली करवाया.
इसके अलावा कई जगहों पर अभी तक पानी का भराव हो रखा है, जिसे खाली करवाने का प्रयास चल रहा है. सबसे ज्यादा बस स्टेशन और सरकारी स्कूलों में जल भराव देखा गया. पानी की निकासी उचित नहीं होने के कारण शहर में जगह-जगह पानी का भराव हो जाता है. जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अधिकारियों के कानों से जूं तक नहीं रेंग रही है.
शहरवासियों ने बताया की सरकारी स्कूल और बस स्टेशन के पास में पानी का भराव ज्यादा होने के कारण लोगों और स्कूली बच्चों की सबसे ज्यादा परेशानी होती है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते पानी की निकासी को लेकर व्यवस्था नहीं हो पा रही है.