जालोर. रानीवाड़ा तहसील के कुडी सारीयाना वन क्षेत्र में मंगलवार को अज्ञात कारणों से लगी आग पर जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम ने बुधवार को आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया है. इस आगजनी की घटना को लेकर जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया और आगजनी पर काबू पाने के लिए लगे अधिकारियों से पूरी जानकारी ली.
कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को कुडी सारीयाना वन क्षेत्र में मंगलवार को आग लग गई थी. घटना की जानकारी के बाद फायर ब्रिगेड और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन आग जंगल क्षेत्र में होने के कारण ज्यादा फैलने लगी. जिसके बाद जालोर व बाड़मेर के वन विभाग के कार्मिकों को बुलाया गया.
वहीं, मंगलवार की पूरी रात आगजनी पर काबू पाने की कोशिश की जाती रही, लेकिन आग ने विकराल रूप धारण करते हुए करीबन 250 से ज्यादा हेक्टेयर को चपेट में ले लिया. जिसके बाद बुधवार को कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया जा सका. उन्होंने बताया कि इस बार तो आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन आगे भी ग्रामीणों से अपील की है कि जंगल क्षेत्र में जलती बीड़ी, सिगरेट सहित कुछ नहीं डाले.
कलेक्टर ने की ग्रामीणों ने अपील...
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने आम नागरिकों से अपील की है कि लोग वन क्षेत्र या ऐसे क्षेत्र जहां पर छोटी सी चिंगारी से भी बड़ी आग लगने की प्रबल संभावना हो वहां पर बीड़ी, सिगरेट और जलती हुई चिंगारी नहीं फैंके. वर्षा ऋतु के बाद जंगल में उगी घास इस समय तक सूख चुकी होती है. इसमें हल्की सी चिंगारी भी भयानक आग का रूप ले सकती है.
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वर्तमान में सर्दी का असर ज्यादा होने से आमजन जगह जगह सर्दी से बचने के लिए अलाव करने के लिए आग जलाते हैं. ऐसे में उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे सर्दी से बचने के लिए भले ही अलाव जलाए लेकिन वहां से जगह छोड़ने से पहले उस आग को पूरी तरह अवश्य बूझा ले नहीं तो आपकी ये छोटी सी गलती भंयकर आग के रूप में बदलकर वन सम्पदा के साथ ही मानव के जीवन के लिए भी नुकसान दायक हो सकती है.