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राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेष : शिक्षकों का सार्थक अभियान...''कन्या पूजन''

भीनमाल में एक ऐसा स्कूल है, जहां शिक्षकों ने कन्या पूजन की अनोखी पहल शुरू की है. जिससे बच्चों को नारी सम्मान के साथ संस्कार सिखाया जा सके.

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कन्या पूजन की अनोखी पहल...
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Published : Jan 24, 2020, 11:42 AM IST

Updated : Jan 24, 2020, 12:51 PM IST

भीनमाल (जालोर). एक तरफ जहां पूरे देश में लगातार छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं ने लोगों को झोकझोर दिया है. वहीं ऐसी घटनाओं को रोकने और नई पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए राजस्थान के शिक्षकों ने एक अनुकरणीय पहल की है. जालोर में एक ऐसा स्कूल है, जहां के छात्र स्कूल में पढ़नेवाली छात्राओं का कन्या पूजन करते हैं.

कन्या पूजन की अनोखी पहल...

निर्भया कांड के बाद साल 2015 में जिले के गोदन स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षकों ने कन्या पूजन का अभियान शुरू किया था. इन शिक्षकों का मानना है, कि कन्या पूजन कोई धार्मिक कर्मकांड नहीं होकर नारी सम्मान का एक प्रैक्टिकल ज्ञान है. जब छात्र कन्या पूजन करते हैं तो उनके मन में नारी के प्रति मन में श्रद्धा और सम्मान जगेगा. जिससे समाज में नारी के ऊपर होनेवाले अत्याचार रूकेंगे. वर्तमान में यह अभियान एक व्यापक रूप ले चुका है. प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षकों के साथ उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और देश के कई राज्यों में शिक्षक कन्या पूजन करवा रहे हैं.

यह भी पढ़ें. JLF 2020 : एनआरसी और सीएए का रिश्ता खतरनाक- नंदिता दास

न सरकारी आदेश, न बजट, पूरा आयोजन खुद के स्तर पर

अभियान से जुड़े शिक्षकों का मानना है, कि सरकारी आदेश के बाद आयोजन कार्यक्रम एक खानापूर्ति तक समिति हो जाता है. यह सभी अपने स्तर पर आयोजित करते हैं. जिसमें विद्यालय में पढ़ने वाली कन्याओं का पूजन छात्राओं की ओर से कर के नारी सम्मान के प्रति एक बेहतर प्रयास किया जा रहा है.

इसके लिए कोई खास दिन निर्धारित नहीं है, जब भी विद्यालय परिवार को उचित लगता है, तब सुविधानुसार आयोजन किया जाता है. वैसे नवरात्रि, बालिका दिवस और महिला दिवस को कन्या पूजन जरूर करवाया जाता है.

अभियान का उद्देश्य, ''नारी सम्मान व मन को पवित्र करना''

शिक्षकों की ओर से चलाया जा रहे इस अभियान का उद्देश्य है, कि बच्चों में नारी के प्रति सम्मान का भाव आए. पूजन के माध्यम से मन में पवित्र भाव आएं. इसलिए शिक्षकों की ओर से विद्यालय से ही बच्चों में संस्कार देने की अनुकरणीय कोशिश की जा रही है.

राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के हजारों शिक्षक जुड़े अभियान से

देशभर में हो रही दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर हर कोई अचंभित है. इसलिए शिक्षकों की ओर से राजस्थान से चला एक अभियान देश के कई राज्यों में पहुंच गया है. वर्तमान समय मे शिक्षक इस अभियान से जुड़े हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, प्रशानिक अधिकारी डॉ. जितेंद्र सोनी सहित बहुत लोगों ने इस अभियान की खूब प्रशंसा की है.

भीनमाल (जालोर). एक तरफ जहां पूरे देश में लगातार छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं ने लोगों को झोकझोर दिया है. वहीं ऐसी घटनाओं को रोकने और नई पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए राजस्थान के शिक्षकों ने एक अनुकरणीय पहल की है. जालोर में एक ऐसा स्कूल है, जहां के छात्र स्कूल में पढ़नेवाली छात्राओं का कन्या पूजन करते हैं.

कन्या पूजन की अनोखी पहल...

निर्भया कांड के बाद साल 2015 में जिले के गोदन स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षकों ने कन्या पूजन का अभियान शुरू किया था. इन शिक्षकों का मानना है, कि कन्या पूजन कोई धार्मिक कर्मकांड नहीं होकर नारी सम्मान का एक प्रैक्टिकल ज्ञान है. जब छात्र कन्या पूजन करते हैं तो उनके मन में नारी के प्रति मन में श्रद्धा और सम्मान जगेगा. जिससे समाज में नारी के ऊपर होनेवाले अत्याचार रूकेंगे. वर्तमान में यह अभियान एक व्यापक रूप ले चुका है. प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षकों के साथ उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और देश के कई राज्यों में शिक्षक कन्या पूजन करवा रहे हैं.

यह भी पढ़ें. JLF 2020 : एनआरसी और सीएए का रिश्ता खतरनाक- नंदिता दास

न सरकारी आदेश, न बजट, पूरा आयोजन खुद के स्तर पर

अभियान से जुड़े शिक्षकों का मानना है, कि सरकारी आदेश के बाद आयोजन कार्यक्रम एक खानापूर्ति तक समिति हो जाता है. यह सभी अपने स्तर पर आयोजित करते हैं. जिसमें विद्यालय में पढ़ने वाली कन्याओं का पूजन छात्राओं की ओर से कर के नारी सम्मान के प्रति एक बेहतर प्रयास किया जा रहा है.

इसके लिए कोई खास दिन निर्धारित नहीं है, जब भी विद्यालय परिवार को उचित लगता है, तब सुविधानुसार आयोजन किया जाता है. वैसे नवरात्रि, बालिका दिवस और महिला दिवस को कन्या पूजन जरूर करवाया जाता है.

अभियान का उद्देश्य, ''नारी सम्मान व मन को पवित्र करना''

शिक्षकों की ओर से चलाया जा रहे इस अभियान का उद्देश्य है, कि बच्चों में नारी के प्रति सम्मान का भाव आए. पूजन के माध्यम से मन में पवित्र भाव आएं. इसलिए शिक्षकों की ओर से विद्यालय से ही बच्चों में संस्कार देने की अनुकरणीय कोशिश की जा रही है.

राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के हजारों शिक्षक जुड़े अभियान से

देशभर में हो रही दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर हर कोई अचंभित है. इसलिए शिक्षकों की ओर से राजस्थान से चला एक अभियान देश के कई राज्यों में पहुंच गया है. वर्तमान समय मे शिक्षक इस अभियान से जुड़े हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, प्रशानिक अधिकारी डॉ. जितेंद्र सोनी सहित बहुत लोगों ने इस अभियान की खूब प्रशंसा की है.

Intro:हजारों शिक्षको की ओर से चलाया जा रहा एक सार्थक अभियान है. महिलाओं के प्रति सम्मान, पवित्रता लाने का कन्या पूजन का अनुकरणीय कार्य किया जा रहा है. Body:भीनमाल. एक तरफ जहां पूरे देश भर में लगातार छेड़छाड़ बलात्कार छोटी आयु की बच्चियों के साथ भी रेप की खबरें सुर्खियों में बनी हुई है. वहीं दूसरी ओर इन सब घटनाओं को रोकने एवं उभरती हुई नई पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए राजस्थान के शिक्षकों ने एक अद्भुत एवं अनुकरणीय पहल प्रारंभ कर रखी है. जिसका नाम दिया है विद्यालयों में कन्या पूजन इन शिक्षकों का मानना है कि कन्या पूजन कोई धार्मिक कर्मकांड नहीं होकर नारी सम्मान का एक प्रैक्टिकल है प्रायोगिक ज्ञान है. जो लड़के अपने छात्र जीवन में पांच सात बार सार्वजनिक रूप से कन्या पूजन कर लेंगे कम से कम यह तो इस अपराध से दूर रहेंगे. इस विचार के साथ ही निर्भया कांड के तुरंत बाद वर्ष 2015 में जालौर जिले के गोदन के सरकारी स्कूल से एक शिक्षक ने अभियान प्रारंभ किया था और वर्तमान में यह अभियान एक व्यापक रूप ले चुका है. प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षक के साथ उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में शिक्षक कन्या पूजन करवा रहे है. इस अभियान को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, प्रशानिक अधिकारी डॉ जितेंद्र सोनी सहित बहुत लोगों ने इस अभियान खूब प्रशंशा की.


न सरकारी आदेश न बजट, पूरा आयोजन खुद के स्तर पर :

अभियान से जुड़े शिक्षको का मानना है कि सरकारी आदेश के बाद आयोजन कार्यक्रम एक खानापूर्ति तक समिति हो जाता है. यह सभी अपने स्तर पर आयोजित करते है. जिसमे विद्यालय में पढ़ने वाली कन्याओं का पूजन छात्राओं की ओर से कर के नारी सम्मान के प्रति एक अथक प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए कोई खाश दिन निर्धारित नहीं है, जब भी विद्यालय परिवार को उचित लगता है तब सुविधानुसार आयोजन किया जाता है. वैसे नवरात्रि, बालिका दिवस व महिला दिवस को अधिकांश किया जाता है.

अभियान, उद्देश्य नारी सम्मान व मन को पवित्र करना :
शिक्षको की ओर से चलाया जा रहे इस अभियान का उद्देश्य है कि नारी के प्रति सम्मान भाव उत्पन्न करने व मन में पवित्र भाव लाना. इसलिए शिक्षकों की ओर से विद्यालय से ही बच्चों में संस्कार देने की अनुकरणीय कोशिश की जा रही है.

राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के हजारों शिक्षक जुड़े अभियान से :

देशभर में हो रही दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर हर कोई अचंभित है. इसलिए शिक्षकों की ओर से राजस्थान से चला एक अभियान देश के कई राज्यों में पहुँच गया है. देखा जाए तो हजारों की संख्या में वर्तमान समय मे शिक्षक इस अभियान से जुड़े है.Conclusion:बाईट 1 : हर्षिता शर्मा, छात्रा

बाईट 2 : संदीप जोशी, शिक्षक
Last Updated : Jan 24, 2020, 12:51 PM IST
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