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भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सरकारी सेवक ने छोड़ी नौकरी

जालोर के पशु पालन विभाग में कार्यरत गंगाराम भ्रष्टाचार को देखते रहे, आवाज भी उठाया. लेकिन लाख कोशिश के बावजुद वो कुछ नहीं कर सके. नौकरी के कार्यकाल में कई बार तत्कालीन जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर इससे अवगत भी करवाया. लेकिन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में इच्छा नहीं दिखाई. जिसके बाद अकेला शख्स भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए निकला है. उसने 1 जनवरी 2019 को नोकरी छोड़कर भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुहिम शुरू की है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जालोर, Jalore fight against corruption
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Published : Sep 20, 2019, 8:00 AM IST

जालोर. जिले के सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए एक सरकारी कार्मिक ने 1 जनवरी 2019 को अपनी नोकरी छोड़ दी और अब ढोल बजाकर भ्रष्टाचार का जड़ से खात्मा करने के लिए सब को जागरूक कर रहा है. हम बात कर रहे हैं जालोर में पशु पालन विभाग में पशु रक्षक के पद पर कार्यरत गंगाराम की. उन्होंने अपने कार्यकाल में रहते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे आहत होकर गंगाराम ने सरकारी नौकरी छोड़ दी. अब खुलेआम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए मैदान में उतर गए है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सरकारी सेवक ने छोड़ी नौकरी

गंगाराम ने भ्रष्ट कार्मिकों और अधिकारियों के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन दिया और कार्रवाई करने की मांग की है. भ्रष्टाचार के खिलाफ इस अनोखे ढंग से शुरू मुहिम को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने गंगाराम से बात की. उन्होंने बताया कि जिले के हर विभाग में अधिकारी और कार्मिक जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. लेकिन कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ नहीं बोल रहा है. सरकारी नौकरी में रहते उन्होंने कई बार भ्रष्टाचार को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. लेकिन एक बार भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके चलते उन्होंने अब खुलेआम जंग लड़ने का मन बनाया है और लोगों को जागरूक करने के लिए ढोल लेकर निकला हूं.

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साथ ही उन्होंने बताया कि शहर में करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार नगर परिषद के माध्यम से रोड बना रहा है. लेकिन अधिकारी और ठेकेदार मिलकर घटिया सामग्री से रोड का निर्माण करते हैं, जिससे वो रोड मात्र कुछ समय के दौरान ही टूट जाती है. इस बारिश से पहले जिला मुख्यालय की कई सड़कों का निर्माण किया गया था. लेकिन बारिश में सड़के पानी के साथ बह गई है. अब जगह-जगह गढ्ढे पड़े हैं. वहीं वाहन चालक टैक्स भरने के बाद भी टूटी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं.

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वहीं उन्होंने बताया कि उनके घर के आगे और आसपास में गन्दा पानी फैला रहता है. लेकिन साफ-सफाई नहीं होती है. जिले के आलाधिकारी भी जेबे भरने में लगे हुए है. उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि बिजली, सड़क, साफ सुथरा पानी की आम आदमी को हर दिन की जरूरत रहती है. लेकिन इन चीजों का अभाव है. लोग इस सुविधाओं को लेकर सरकारी दफ्तरों में जाते है. वहां पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम खेला जाता है और पैसा लेकर गरीब लोगों का काम किया जाता है.

जालोर. जिले के सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए एक सरकारी कार्मिक ने 1 जनवरी 2019 को अपनी नोकरी छोड़ दी और अब ढोल बजाकर भ्रष्टाचार का जड़ से खात्मा करने के लिए सब को जागरूक कर रहा है. हम बात कर रहे हैं जालोर में पशु पालन विभाग में पशु रक्षक के पद पर कार्यरत गंगाराम की. उन्होंने अपने कार्यकाल में रहते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे आहत होकर गंगाराम ने सरकारी नौकरी छोड़ दी. अब खुलेआम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए मैदान में उतर गए है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सरकारी सेवक ने छोड़ी नौकरी

गंगाराम ने भ्रष्ट कार्मिकों और अधिकारियों के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन दिया और कार्रवाई करने की मांग की है. भ्रष्टाचार के खिलाफ इस अनोखे ढंग से शुरू मुहिम को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने गंगाराम से बात की. उन्होंने बताया कि जिले के हर विभाग में अधिकारी और कार्मिक जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. लेकिन कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ नहीं बोल रहा है. सरकारी नौकरी में रहते उन्होंने कई बार भ्रष्टाचार को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. लेकिन एक बार भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके चलते उन्होंने अब खुलेआम जंग लड़ने का मन बनाया है और लोगों को जागरूक करने के लिए ढोल लेकर निकला हूं.

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साथ ही उन्होंने बताया कि शहर में करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार नगर परिषद के माध्यम से रोड बना रहा है. लेकिन अधिकारी और ठेकेदार मिलकर घटिया सामग्री से रोड का निर्माण करते हैं, जिससे वो रोड मात्र कुछ समय के दौरान ही टूट जाती है. इस बारिश से पहले जिला मुख्यालय की कई सड़कों का निर्माण किया गया था. लेकिन बारिश में सड़के पानी के साथ बह गई है. अब जगह-जगह गढ्ढे पड़े हैं. वहीं वाहन चालक टैक्स भरने के बाद भी टूटी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं.

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वहीं उन्होंने बताया कि उनके घर के आगे और आसपास में गन्दा पानी फैला रहता है. लेकिन साफ-सफाई नहीं होती है. जिले के आलाधिकारी भी जेबे भरने में लगे हुए है. उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि बिजली, सड़क, साफ सुथरा पानी की आम आदमी को हर दिन की जरूरत रहती है. लेकिन इन चीजों का अभाव है. लोग इस सुविधाओं को लेकर सरकारी दफ्तरों में जाते है. वहां पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम खेला जाता है और पैसा लेकर गरीब लोगों का काम किया जाता है.

Intro:अकेला सख्स भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए निकला है। आज घर से ढोल बजाकर लोगों को जागरूक करते करते जिला कलेक्टर के आफिस पहुंचा था और विभिन्न विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग की।

Body:भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सरकारी सेवक ने छोड़ी नौकरी, अब ढोल बजाकर सबको कर रहे हैं जागरूक
जालोर
जिले के सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने के लिए एक सरकारी कार्मिक ने अपनी नोकरी छोड़ दी और अब ढोल बजाकर भ्रष्टाचार का जड़ से खात्मा करने के लिए सब को जागरूक कर रहा है। हम आज बात कर रहे है जालोर में पशु पालन विभाग में पशु रक्षक के पद पर कार्यरत गंगाराम की। उन्होंने अपने कार्यकाल में रहते भ्रष्टाचार के खिलाफ कई बार जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे आहत होकर गंगाराम ने सरकारी नोकरी छोड़ दी और अब खुलेआम
भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ने के लिए मैदान में उतर गए। उन्होंने आज भ्रष्ट कार्मिकों व अधिकारियों के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन दिया और कार्यवाही करने की मांग की।
भ्रष्टाचार के खिलाफ इस अनोखे ढंग से शुरू मुहिम को लेकर ईटीवी भारत की टीम से गंगाराम से बात की तो उन्होंने बताया कि जिले के हर विभाग में अधिकारी व कार्मिक जमकर भ्रष्टाचार कर रहे है, लेकिन कोई भी व्यक्ति उनके खिलाफ नहीं बोल रहा है। सरकारी नोकरी में रहते उन्होंने कई बार भ्रष्टाचार को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया, लेकिन एक बार भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके चलते उन्होंने अब खुलेआम जंग लड़ने का मानस बनाया है और लोगों को जागरूक करने के लिए ढोल लेकर निकला हु। खास बातचीत में उन्होंने बताया कि शहर में करोड़ों रुपये खर्च कर सरकार नगर परिषद के माध्यम से रोड बना रहा है, लेकिन अधिकारी व ठेकेदार मिलकर घटिया सामग्री से रोड का निर्माण करते है जिससे वो रोड मात्र कुछ समय के दौरान ही टूट जाती है। इस बारिश से पहले जिला मुख्यालय की कई सड़कों का निर्माण किया गया था, लेकिन बारिश में सड़के पानी के साथ बह गई है। अब जगह जगह गढ्ढे पड़े है। वाहन चालक टेक्स भरने के बाद भी टूटी सड़कों पर चलने को मजबूर है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनके घर के आगे व आसपास में गन्दा पानी फैला रहता है, लेकिन साफ सफाई नहीं होती है। जिले के आलाधिकारी भी जेबे भरने में लगे हुए है। उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि बिजली, सड़क, साफ सुथरा पानी की आम आदमी को हर दिन की ज़रुरत रहती है, लेकिन इन चीजों का अभाव है। लोग इस सुविधाओं को लेकर सरकारी दफ्तरों में जाते है तो वहां पर भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम खेला जाता है ओर पैसा लेकर गरीब लोगों का काम किया जाता है।
1 जनवरी 2019 को छोड़ दी नोकरी
जिले के पशु पालन विभाग में कार्यरत गंगाराम भ्रष्टाचार को देखता रहा, लेकिन कुछ कर नहीं सका। नोकरी के कार्यकाल में कई बार तत्कालीन जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अवगत करवाया भी था, लेकिन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने में इच्छा नहीं दिखाई। जिसके बाद खुद ने 1 जनवरी 2019 को नोकरी छोड़ कर भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुहिम शुरू की है।
बाईट: गंगाराम, पूर्व सरकारी कार्मिक


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