जालोर. जिले में पिछले 6 महीनों से टिड्डी दल बार-बार धावा बोल रहा है. रबी की फसल चौपट करने के बाद अब खरीफ की फसल पर भी टिड्डी का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में किसान बुवाई नहीं करने का सोच रहे थे, लेकिन इस बीच किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. जिसके बाद शायद किसान बुवाई करने को लेकर विचार कर सकते हैं.
इस बार खरीफ का सीजन शुरू होते ही टिड्डी नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार गंभीर हो गई है. पिछली बार अचानक भारी संख्या में टिड्डी दल द्वारा धावा बोलने के कारण टिड्डी नियंत्रण को लेकर कुछ कदम नहीं उठाए गए थे, लेकिन इस बार खरीफ के सीजन को देखते हुए काफी पहले से तैयारियां शुरू कर दी है.
इस कड़ी में राज्य सरकार ने जालोर जिले को 10 माउटेंड स्प्रे ट्रैक्टर पहले ही आवंटित कर दिए हैं. जिसके बाद कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आर. बी. सिंह ने इन ट्रैक्टरों को जिले के उपखण्ड मुख्यालय को आवंटित कर दिया है. जिसमें 4 माउटेंड स्प्रे ट्रैक्टर चितलवाना, 3 रानीवाड़ा और 3 भीनमाल को दिए गए हैं.
चितलवाना में सबसे पहले होता है टिड्डी का हमला
टिड्डी पाकिस्तान से भारत में प्रवेश करती है, उसके बाद बाड़मेर जिले के गांवों से होती हुई जालोर जिले में प्रवेश करती है. इसमें बाड़मेर जिले के सीमावर्ती गांवों में चितलवाना उपखण्ड के गांवों की सीमा लगती है. ऐसे में जिले में सबसे पहले टिड्डी चितलवाना क्षेत्र के गांवों में कहर बरपाती है. उसके बाद यह आगे के गांवों की ओर बढ़ती है.
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इस बार तैयारी पूरी है, लेकिन किसान भरोसा नहीं कर पा रहे
जिले में बार-बार टिड्डी दल के हमलों के बाद किसान डरे हुए हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन पहले भी टिड्डी नियंत्रण करने का दावा करता रहा है और टिड्डियों ने रबी की फसल बर्बाद कर दी. अब खरीफ के मौसम में टिड्डियों का खतरा बना हुआ है. ऐसे में सोच रहे है कि खरीफ के सीजन की बुवाई करें या नहीं करें.