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ई-मित्र संचालक ने लगाया उपभोक्ताओं को चूना, सरकार ने सेवा प्रदाता कंपनी से पैसे वसूल कर उपभोक्ताओं के खाते में जमा किए

जिले के भीनमाल में एक ईमित्र संचालक ने बिजली का बिल भरने पर करीब 42 लाख का घोटाला किया. ई-मित्र संचालक ने उपभोक्ताओं से पैसे तो ले लिए लेकिन उसे डिस्कॉम में जमा नहीं करवाया. वहीं, अब मामले की जांच के बाद राजकॉम्प इन्फो सर्विस ने सेवा प्रदाता सीएमएस कंपनी के कमीशन में राशि वसूल करके डिस्कॉम के खाते में जमा करवाई.

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Published : Jan 25, 2020, 1:20 PM IST

ई-मित्र संचालक ने उपभोक्ताओं के साथ की धोखाधड़ी, E-Mitra operator cheated consumers
ई-मित्र संचालक ने उपभोक्ताओं के साथ की धोखाधड़ी

भीनमाल (जालोर). प्रदेश में आम जनता को एक जगह सभी सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ई-मित्र सेवा शुरू कर रखी है. लेकिन ई-मित्र संचालक कई जगहों पर आम उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर देते है. ऐसे ही एक मामला 2018 में जिले के भीनमाल में सामने आया था. जहां ई-मित्र संचालक हितेश दवे ने उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की राशि को डकार लिया.

ई-मित्र संचालक ने लगाया उपभोक्ताओं को चूना

लोगों ने अपने बिजली के बिल जमा करवाये तो उन्हें ई-मित्र संचालक ने कच्ची रसीद दे दी और पैसे डिस्कॉम में जमा नहीं करवाए. काफी समय बाद लोगों के खातों में बिजली के बिलों की बकाया राशि जुड़ कर सामने आई तो मामले से पर्दा उठ गया.

वहीं, जब लोगों ने ई-मित्र संचालक के खिलाफ आंदोलन चलाया तो प्रशासन हरकत में आया और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया. इस बीच ई-मित्र संचालक हितेश दवे अपनी दुकान बंद करके फरार हो गया. इस मामले में बाद में डिस्कॉम और शासन की ओर से जांच की गई तो सामने आया कि आरोपी ई-मित्र संचालक हितेश दवे ने 1950 उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करके बिजली के बिलों की राशि 42 लाख 76 हजार 553 रुपए डकार लिए.

पढ़ें- बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

इस पूरे घटनाक्रम के बाद आरोपी के खिलाफ भीनमाल थाने में मामला दर्ज करवाया गया. बाद में जब इसकी जानकारी कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को मिली तो राजकॉम्प इन्फो सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों को पत्र लिखा गया और हस्तक्षेप करके उपभोक्ताओं को राहत देने की मांग की गई. जिसके बाद राजकॉम्प इन्फो सर्विस ने सेवा प्रदाता सीएमएस कंपनी के कमीशन में से 42 लाख 76 हजार 553 रुपए की वसूली करके डिस्कॉम के खाते में जमा किए.

हर माह उपभोक्ताओं के खाते में जुड़ कर आती थी राशि

सितंबर 2018 में उपभोक्ताओं ने भीनमाल में ई-मित्र संचालक हितेश दवे के पास बिजली के बिलों की राशि जमा करवाई थी. लेकिन अगले बिल में यह राशि जुड़कर आ गई थी. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया. अब जब राजकॉम्प ने डिस्कॉम के खाते में राशि जमा कर दी है तो उपभोक्ताओं के खातों में यह राशि जुड़कर नहीं आएगी.

एमडी ने लिया फैसला

ई-मित्र संचालक की ओर से घोटाला करके उपभोक्ताओं के पैसे डकारने का मामला सामने आया तो जिला प्रशासन ने जांच करवाकर पूरी रिपोर्ट राजकॉम्प इन्फो सर्विस को भेजी. जिसके बाद राजकॉम्प के एमडी अभिमन्यु सिंह ने कार्रवाई करते हुए सेवा प्रदाता कंपनी सीएमएस के अक्टूबर और नवंबर 2019 के कमीशन में से राशि काटकर डिस्कॉम के खातों में जमा करवा दी.

भीनमाल (जालोर). प्रदेश में आम जनता को एक जगह सभी सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ई-मित्र सेवा शुरू कर रखी है. लेकिन ई-मित्र संचालक कई जगहों पर आम उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर देते है. ऐसे ही एक मामला 2018 में जिले के भीनमाल में सामने आया था. जहां ई-मित्र संचालक हितेश दवे ने उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की राशि को डकार लिया.

ई-मित्र संचालक ने लगाया उपभोक्ताओं को चूना

लोगों ने अपने बिजली के बिल जमा करवाये तो उन्हें ई-मित्र संचालक ने कच्ची रसीद दे दी और पैसे डिस्कॉम में जमा नहीं करवाए. काफी समय बाद लोगों के खातों में बिजली के बिलों की बकाया राशि जुड़ कर सामने आई तो मामले से पर्दा उठ गया.

वहीं, जब लोगों ने ई-मित्र संचालक के खिलाफ आंदोलन चलाया तो प्रशासन हरकत में आया और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया. इस बीच ई-मित्र संचालक हितेश दवे अपनी दुकान बंद करके फरार हो गया. इस मामले में बाद में डिस्कॉम और शासन की ओर से जांच की गई तो सामने आया कि आरोपी ई-मित्र संचालक हितेश दवे ने 1950 उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करके बिजली के बिलों की राशि 42 लाख 76 हजार 553 रुपए डकार लिए.

पढ़ें- बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

इस पूरे घटनाक्रम के बाद आरोपी के खिलाफ भीनमाल थाने में मामला दर्ज करवाया गया. बाद में जब इसकी जानकारी कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को मिली तो राजकॉम्प इन्फो सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों को पत्र लिखा गया और हस्तक्षेप करके उपभोक्ताओं को राहत देने की मांग की गई. जिसके बाद राजकॉम्प इन्फो सर्विस ने सेवा प्रदाता सीएमएस कंपनी के कमीशन में से 42 लाख 76 हजार 553 रुपए की वसूली करके डिस्कॉम के खाते में जमा किए.

हर माह उपभोक्ताओं के खाते में जुड़ कर आती थी राशि

सितंबर 2018 में उपभोक्ताओं ने भीनमाल में ई-मित्र संचालक हितेश दवे के पास बिजली के बिलों की राशि जमा करवाई थी. लेकिन अगले बिल में यह राशि जुड़कर आ गई थी. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया. अब जब राजकॉम्प ने डिस्कॉम के खाते में राशि जमा कर दी है तो उपभोक्ताओं के खातों में यह राशि जुड़कर नहीं आएगी.

एमडी ने लिया फैसला

ई-मित्र संचालक की ओर से घोटाला करके उपभोक्ताओं के पैसे डकारने का मामला सामने आया तो जिला प्रशासन ने जांच करवाकर पूरी रिपोर्ट राजकॉम्प इन्फो सर्विस को भेजी. जिसके बाद राजकॉम्प के एमडी अभिमन्यु सिंह ने कार्रवाई करते हुए सेवा प्रदाता कंपनी सीएमएस के अक्टूबर और नवंबर 2019 के कमीशन में से राशि काटकर डिस्कॉम के खातों में जमा करवा दी.

Intro:जिले के भीनमाल में एक ईमित्र संचालक ने बिजली के बिल भरने में घोटाला किया और उपभोक्ताओं से बिजली के पैसे ले लिए ओर आगे डिस्कॉम में जमा नहीं करवाये। इसमें ईमित्र संचालक हितेश ने करीबन 42 लाख का घोटाला किया था। जिसके बाद अब उस राशि की वसूली सेवा प्रदाता कम्पनी सीएमएस के कमीशन से वसूली की गई।


Body:ईमित्र संचालक ने लगाया उपभोक्ताओं को चुना, सरकार ने सेवा प्रदाता कम्पनी से पैसे वसूल कर किये उपभोक्ताओं के खाते में जमा
जालोर
प्रदेश में आम जनता को एक जगह सभी सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ईमित्र सेवा शुरू कर रखी है, लेकिन ईमित्र संचालक कई जगहों पर आम उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर देते है। ऐसे ही एक मामला 2018 में जिले के भीनमाल में सामने आया था। ईमित्र संचालक हितेश दवे ने उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों की राशि को डकार ली। लोगों ने अपने बिजली के बिल जमा करवाये तो उन्होंने कच्ची रसीद दे दी ओर पैसे डिस्कॉम में जमा नहीं करवाये। काफी समय बाद लोगों के खातों में बिजली के बिलों की बकाया राशि जुड़ कर आई पोल खुल गई। मामले में ज्यादा शिकायते आई लोगों ने ईमित्र संचालक के खिलाफ आंदोलन चलाया तो प्रशासन हरकत में आया और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। इस दरम्यान ईमित्र संचालक हितेश दवे अपनी दुकान बंद करके फरार हो गया। इस मामले में बाद में डिस्कॉम व प्रशासन द्वारा जांच की गई तो सामने आया कि आरोपी ईमित्र संचालक हितेश दवे ने 1950 उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करके बिजली के बिलों की राशि 42 लाख 76 हजार 553 रुपये डकार लिए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद आरोपी के खिलाफ भीनमाल थाने में मामला दर्ज करवाया गया। इस मामले की जानकारी कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी को मिली तो मामले की गंभीरता को देखते हुए राजकॉम्प इन्फो सर्विस लिमिटेड के अधिकारियों को पत्र लिखा ओर इस मामले में हस्तक्षेप करके उपभोक्ताओं को राहत देने की मांग की। जिसके बाद राजकोम्प इन्फो सर्विस ने सेवा प्रदाता सीएमएस कम्पनी के कमीशन में से 42 लाख 76 हजार 553 रूपये की वसूली करके डिस्कॉम के खाते में जमा की है।

हर माह उपभोक्ताओं के खाते में जुड़ कर आती थी राशि
सितम्बर 2018 में उपभोक्ताओं के भीनमाल में ईमित्र संचालक हितेश दवे के पास बिजली के बिलों की राशि जमा करवाई थी, लेकिन अगले बिल में यह राशि जुड़कर आ गई थी। उसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया। इसके बाद लगातार हर माह बिजली के बिलों में यह राशि जुड़कर आती थी, लेकिन अब राजकॉम्प ने डिस्कॉम के खाते में राशि जमा कर दी है। जिसके बाद अब आगे उपभोक्ताओं के खातों में यह राशि जुड़कर नहीं आएगी।
एमडी ने लिया बोर्ड फैसला
ईमित्र संचालक द्वारा घोटाला करके उपभोक्ताओं के पैसे डकारने का मामला सामने आया तो जिला प्रशासन ने जांच करवाकर पूरी रिपोर्ट राजकॉम्प इन्फो सर्विस को भेजा। जिसके बाद राजकॉम्प के एमडी अभिमन्यु सिंह ने कार्यवाही करते हुए सेवा प्रदाता कम्पनी सीएमएस कम्पनी के अक्टूबर व नवम्बर 2019 के कमीशन में से राशि काटकर डिस्कॉम के खातों में जमा करवा दी।

बाईट- महेंद्र कुमार, जिला कलेक्टर जालोर


Conclusion:लगातार ईमित्र संचालकों द्वारा किये जा रहे घोटालों में प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सेवा प्रदाता कम्पनी से इतनी बड़ी राशि की वसूली करके उपभोक्ताओं के खाते में जमा करवाई गई है। स्पेशल में करवाये

इस खबर के कुछ विजुअल रेप से भेज रहा हु।
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