जालोर. प्रदेश में एक महीने तक सरकार अस्थिर रहने के बाद कांग्रेस हाईकमान में प्रियंका गांधी के दखल के बाद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट बगावती तेवर छोड़ कर वापस जयपुर लौट आये थे. वहीं राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधानसभा सत्र के पहले दिन 14 अगस्त को विधानसभा भवन में ध्वनिमत से बहुमत हासिल करके 6 महीनों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार बचा ली.
सियासी संकट में अशोक गहलोत व पायलट गुट के विधायक और मंत्री करीबन एक महीने तक होटलों में कैद रहने के बाद आजाद हो गए है. जिसके बाद सांचोर विधायक और वन मंत्री सुखराम बिश्नोई चार दिवसीय दौरे पर अपने विधानसभा के दौरे पर आए. उनसे ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि सरकार अस्थिर नहीं थी. हम सब लगातार सचिवालय में जाकर काम करते थे.
व्यवस्थित तरीके से सरकार चली थी. जिसके कारण ही कांग्रेस पूरी एक हुई. वहीं सचिन पायलट के वापसी और ध्वनिमत से बहुमत हासिल करने के बारे बोलते हुए मंत्री ने कहा कि इसमें न तो पायलट की जीत हुई है न ही गहलोत की जीत हुई है. बहुमत हासिल करने पर पार्टी की जीत हुई है. वहीं कांग्रेस के ताजे बदलाव और प्रभारी बदलने को लेकर कहा कि 3 साल तक प्रभारी रहे थे. ऐसे में उनको बदला गया है तो यह एक रूटीन प्रक्रिया है. उसके तहत ही यह फैसला हुआ है.
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इसके अलावा उन्होंने स्थानीय सांचोर और चितलवाना में कई जन सुनवाई को लेकर कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में आम जनता की समस्या पहले से सुनता आ रहा हूं और अब भी उसी परिपाटी के अनुसार आम जनता की समस्या सुनता हूं. वहीं बताया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद हमने जो भी मांगा है उससे ज्यादा मिला है. आजादी से लेकर आज तक में सांचोर में राजकीय कॉलेज पहली बार प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने खोली है.
उन्होंने कहा कि हमने सांचोर में राजकीय कॉलेज खोलने की मांग की थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांचोर और चितलवाना में दो दो कॉलेज खोल दीं. इसके अलावा सांचोर शहर में 7 हेक्टेयर जमीन पर वन स्मृति को मंजूरी दी है. भवातड़ा के पास 11 हजार हेक्टेयर जमीन बिना राजस्व रिकॉर्ड के इंद्राज पड़ी थी. उसमें भी बर्ड सेंचुरी बनाने की कवायद चल रही है.