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बाड़मेर में कोरोना की एंट्री से जालोर के गांवों में दहशत, प्रशासन के साथ मिलकर रास्ता किया बंद

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Published : Apr 11, 2020, 10:35 AM IST

जालोर में कोरोना का एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया, लेकिन बाड़मेर में मिले पॉजिटिव केस ने जालोर में सनसनी फैला दी है. अब गांवों में लोगों ने बाड़मेर जिले से आने वाले सभी सड़क मार्गों को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है. साथ में सोशल डिस्टेंस के साथ बारी-बारी से सड़क मार्ग पर निगरानी कर रहे है, ताकि अपने क्षेत्र में कोरोना वायरस का संक्रमण ना फैले.

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जालोर के गांवों में भय व्याप्त

जालोर. कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज बाड़मेर के कितनोरिया गांव में मिला है, जो जयपुर से आया था, लेकिन भय का माहौल जालोर के सीमावर्ती गांवों में देखा जा रहा है. गांवों में लोगों ने एहतियातन तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर बाड़मेर से जोड़ने वाले सभी रास्तों को पत्थर डालकर अवरुद्ध कर दिया है. जिसके बाद अब बाड़मेर से जालोर में सड़क मार्ग से कोई भी आ नहीं सकता.

बाड़मेर में कोरोना की एंट्री से जालोर के गांवों में दहशत

जानकारी के अनुसार जयपुर में कोरोना के गढ़ रामगंज से सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल 6 अप्रैल को बाड़मेर के कितनोरिया में आया था. एएनएम द्वारा जांच करवाने पर पॉजिटिव आने के बाद उसको जोधपुर भेज दिया गया. साथ में कितनोरिया गांव को सील करते हुए, उसके संपर्क में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रिंसिपल के संपर्क में आने वाले लोगों को खोजते हुए प्रशासन सीमावर्ती गांवों तक पहुंचा, तो जालोर के ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया.

पढ़ेंः बिना मास्क गाड़ी से नीचे उतर रहे थे राजेंद्र राठौड़, मंत्री खाचरियावास ने कुछ यूं ली चुटकी

जिसके बाद ग्रामीणों ने पहले तो एक होकर बाड़मेर से आने वाले वाहनों के बारे में पुलिस और प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन समाधान की उम्मीद कम नजर आने के बाद अपने स्तर पर सड़क मार्ग पर पत्थर डालकर मार्ग को रोक दिया. अब सड़क मार्ग को रोकने के बाद ग्रामीण सड़क मार्ग पर बारी-बारी से पहरा दे रहे हैं, ताकि इमरजेंसी वाले वाहन को पास के रास्तों से निकाला जा सके.

जिले की सीमा सील होने के बावजूद सैंकड़ों वाहनों का आवागमन

जिले की सीमा पूरी तरह सील होने के बावजूद छोटे रास्तों से वाहनों का धड़ल्ले से आवागमन जारी था. जिससे परेशान होकर ग्रामीणों की ओर से सड़क मार्ग को जाम किया गया. ग्रामीण दिनेश ने बताया कि प्रतिदिन सैंकड़ों वाहनों के आवागमन के कारण डर बना हुआ था कि कोई कोरोना वायरस का संक्रमित मरीज इस क्षेत्र में संक्रमण फैला कर चला गया, तो क्षेत्र के सभी लोग चपेट में आ जाएंगे.

पढ़ेंः कोरोना वॉरियर्स के लिए गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को देगी 50 लाख

गांवों में डराने वाला मंजर

जिले के बाड़मेर सीमावर्ती गांवों में डराने वाला मंजर नजर आ रहा है. ग्रामीण कोरोना वायरस से घबराए हुए है. खुद सोशल डिस्टेंस के साथ सड़क मार्गों को पुख्ता बन्द करवाने में सबसे आगे नजर आ रहे थे. वहीं ईटीवी भारत की टीम ने सीमावर्ती जालोर के गांवों का जायजा लिया तो डराने वाला मंजर नजर आया.

जालोर. कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज बाड़मेर के कितनोरिया गांव में मिला है, जो जयपुर से आया था, लेकिन भय का माहौल जालोर के सीमावर्ती गांवों में देखा जा रहा है. गांवों में लोगों ने एहतियातन तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर बाड़मेर से जोड़ने वाले सभी रास्तों को पत्थर डालकर अवरुद्ध कर दिया है. जिसके बाद अब बाड़मेर से जालोर में सड़क मार्ग से कोई भी आ नहीं सकता.

बाड़मेर में कोरोना की एंट्री से जालोर के गांवों में दहशत

जानकारी के अनुसार जयपुर में कोरोना के गढ़ रामगंज से सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल 6 अप्रैल को बाड़मेर के कितनोरिया में आया था. एएनएम द्वारा जांच करवाने पर पॉजिटिव आने के बाद उसको जोधपुर भेज दिया गया. साथ में कितनोरिया गांव को सील करते हुए, उसके संपर्क में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. प्रिंसिपल के संपर्क में आने वाले लोगों को खोजते हुए प्रशासन सीमावर्ती गांवों तक पहुंचा, तो जालोर के ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया.

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जिसके बाद ग्रामीणों ने पहले तो एक होकर बाड़मेर से आने वाले वाहनों के बारे में पुलिस और प्रशासन को अवगत करवाया, लेकिन समाधान की उम्मीद कम नजर आने के बाद अपने स्तर पर सड़क मार्ग पर पत्थर डालकर मार्ग को रोक दिया. अब सड़क मार्ग को रोकने के बाद ग्रामीण सड़क मार्ग पर बारी-बारी से पहरा दे रहे हैं, ताकि इमरजेंसी वाले वाहन को पास के रास्तों से निकाला जा सके.

जिले की सीमा सील होने के बावजूद सैंकड़ों वाहनों का आवागमन

जिले की सीमा पूरी तरह सील होने के बावजूद छोटे रास्तों से वाहनों का धड़ल्ले से आवागमन जारी था. जिससे परेशान होकर ग्रामीणों की ओर से सड़क मार्ग को जाम किया गया. ग्रामीण दिनेश ने बताया कि प्रतिदिन सैंकड़ों वाहनों के आवागमन के कारण डर बना हुआ था कि कोई कोरोना वायरस का संक्रमित मरीज इस क्षेत्र में संक्रमण फैला कर चला गया, तो क्षेत्र के सभी लोग चपेट में आ जाएंगे.

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गांवों में डराने वाला मंजर

जिले के बाड़मेर सीमावर्ती गांवों में डराने वाला मंजर नजर आ रहा है. ग्रामीण कोरोना वायरस से घबराए हुए है. खुद सोशल डिस्टेंस के साथ सड़क मार्गों को पुख्ता बन्द करवाने में सबसे आगे नजर आ रहे थे. वहीं ईटीवी भारत की टीम ने सीमावर्ती जालोर के गांवों का जायजा लिया तो डराने वाला मंजर नजर आया.

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