जालोरः प्रदेश में गंगानगर, हनुमानगढ़ से लेकर विभिन्न जिलों से होते हुए जालोर के गांवों से गुजरात जामनगर तक भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेस वे सिक्स लेन हाईवे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. जिसके लिए जमीन अवाप्ति की जा चुकी है, लेकिन किसान जमीन नहीं देने पर अड़े हुए हैं.
किसान पिछले 2 सालों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन सरकार द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है. ऐसे में परेशान किसानों ने बागोड़ा उपखण्ड के दादाल में किसान बाग के नाम से विशाल पांडाल बनाकर महापड़ाव शुरू किया है. महापड़ाव के दूसरे दिन किसानों से वार्ता करने के लिए एडीएम छगन लाल गोयल भी आए, लेकिन किसान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव से मिलने की मांग पर अड़े हुए हैं.
इस दौरान किसानों ने राष्ट्रीय नेता रमेश दलाल के नेतृत्व में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा. जिसमें हजारों किसानों ने एक साथ सामूहिक आत्महत्या करने की अनुमति देने की मांग की है.
ज्ञापन में बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस वे के लिए जिस जगह जमीन अवाप्त की गई है, वहा पर किसानों के अनार के बाग लगाए हुए है. अब सड़क मार्ग बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर लगाए गए.
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साथ ही बताया कि अनार सहित अन्य फसलों के बाग पूरी तरह तहस नहस हो जाएंगे. जिसके कारण किसानों का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. किसानों ने बताया किसानों को बचाने के लिए सरकार पहल करते हुए एक्सप्रेस वे को नेशनल हाइवे पर निकाले, ताकि किसानों की उपजाऊ जमीन बर्बाद नहीं हो.
किसी भी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं किसान
गंगानगर से लेकर जालोर के सांचोर तक के किसान इस महापड़ाव में शामिल हो रहे हैं. किसानों ने सरकार को ज्ञापन में साफ अल्टीमेटम दिया कि किसी भी कीमत पर हम एक इंच भी जमीन नहीं देंगे.