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40 दिन से धरने पर बैठे किसानों की समस्या जस की तस, अब पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी

सांचोर और चितलवाना के 5 गांव के किसान अपनी जमीन को अनकमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर किसान 40 दिन से धरने पर बैठे हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर किसानों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.

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Published : Jan 15, 2020, 10:48 AM IST

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किसानों की पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी

जालोर. सांचोर और चितलवाना क्षेत्र के 5 गांवों के किसान अनकमांड क्षेत्र में रह गए. किसान कमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग को लेकर पिछले 40 दिनों से नर्मदा नहर के किनारे कड़ाके की ठंड में रात-दिन डटकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसानों की सुनवाई नहीं हुई है. जिससे परेशान होकर किसानों ने अब पंचायतीराज चुनाव का बहिष्कार करने की खुली चेतावनी प्रशासन को दी है.

किसानों की पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी

मेघावा, मणोहर, विरावा, कुंडकी और गड़ावा गांव के किसान कड़ाके की ठंड में पिछले 40 दिन से रात- दिन डटकर नर्मदा नहर के किनारे धरना दे रहे हैं. किसान अपनी जमीन को कमांड क्षेत्र में जुड़वाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई खास आश्वासन नहीं मिला है. ना ही इनकी समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम उठाए गए हैं. जिससे परेशान होकर किसानों ने अब पंचायतीराज चुनावों के बहिष्कार करने की खुली चेतावनी प्रशासन को दी है. किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा.

यह भी पढ़ें. जालोर: कबाड़ी की दुकान में लगी आग, फायर ब्रिगेड की मदद से पाया गया काबू, कोई हताहत नहीं...

ज्ञापन में बताया गया, कि किसानों की जमीन को औने-पौने दामों में अवाप्त कर लिया गया. जिसके बाद जमीन में नर्मदा नहर का निर्माण करवा दिया गया,लेकिन किसानों की जमीन को सिंचित कमांड क्षेत्र में नहीं जोड़ा गया.जिसके कारण अब किसानों के खेतों के बीच से पानी से भरी नर्मदा नहर तो गुजर रही है, लेकिन किसान नहर के अंदर से एक बूंद पानी तक सिंचाई के लिए नहीं ले पा रहे हैं.

'मंत्री ने जयपुर बुलाया, लेकिन जरूरी दस्तावेज नहीं दे रहा प्रशासन'

सांचोर से विधायक और वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई के विधानसभा में किसानों का धरना चल रहा था. जिसके कारण मंत्री धरनास्थल पर पहुंचे. मंत्री ने किसानों को जरूरत के दस्तावेज लेकर जयपुर में बुलाया. जिसके बाद किसान उन आवश्यक दस्तावेजों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. किसानों का आरोप है, कि पिछले 15 दिन से आवश्यक दस्तावेजों के लिए नर्मदा नहर परियोजना के अधिकारियों और तहसील के चक्कर काट रहे हैं. वहीं इतना समय बीत जाने पर भी कार्मिक आवश्यक दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं. जिसके कारण किसान परेशान हो रहे हैं.

किसानों का आरोप, 'धमका रहे हैं अधिकारी'

किसानों ने बताया, कि खेत में नहर की जमीन को अवाप्त करके नहर का निर्माण किया गया. उस समय अधिकारियों ने जानबूझकर अनकमांड क्षेत्र में रख दिया. उसके बाद किसान धरना देकर कमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नर्मदा परियोजना और सरकार हमारी समस्या का समाधान करने के बजाय हमें उल्टा धमका रहे हैं.

यह भी पढ़ें. जयपुर की पतंगबाजी में पौराणिक और आधुनिक स्वरूप का मिश्रण, मकर सक्रांति गंगा-जमुनी तहजीब का भी प्रतीक

किसानों ने आरोप लगाया, कि प्रशासनिक अधिकारी धमकी दे रहे हैं, कि 5 से ज्यादा लोग धरनास्थल पर जुटे तो जेल भेज देंगे. जिसके बाद अब किसानों ने पंचायतीराज चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी.

जालोर. सांचोर और चितलवाना क्षेत्र के 5 गांवों के किसान अनकमांड क्षेत्र में रह गए. किसान कमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग को लेकर पिछले 40 दिनों से नर्मदा नहर के किनारे कड़ाके की ठंड में रात-दिन डटकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसानों की सुनवाई नहीं हुई है. जिससे परेशान होकर किसानों ने अब पंचायतीराज चुनाव का बहिष्कार करने की खुली चेतावनी प्रशासन को दी है.

किसानों की पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी

मेघावा, मणोहर, विरावा, कुंडकी और गड़ावा गांव के किसान कड़ाके की ठंड में पिछले 40 दिन से रात- दिन डटकर नर्मदा नहर के किनारे धरना दे रहे हैं. किसान अपनी जमीन को कमांड क्षेत्र में जुड़वाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई खास आश्वासन नहीं मिला है. ना ही इनकी समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम उठाए गए हैं. जिससे परेशान होकर किसानों ने अब पंचायतीराज चुनावों के बहिष्कार करने की खुली चेतावनी प्रशासन को दी है. किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा.

यह भी पढ़ें. जालोर: कबाड़ी की दुकान में लगी आग, फायर ब्रिगेड की मदद से पाया गया काबू, कोई हताहत नहीं...

ज्ञापन में बताया गया, कि किसानों की जमीन को औने-पौने दामों में अवाप्त कर लिया गया. जिसके बाद जमीन में नर्मदा नहर का निर्माण करवा दिया गया,लेकिन किसानों की जमीन को सिंचित कमांड क्षेत्र में नहीं जोड़ा गया.जिसके कारण अब किसानों के खेतों के बीच से पानी से भरी नर्मदा नहर तो गुजर रही है, लेकिन किसान नहर के अंदर से एक बूंद पानी तक सिंचाई के लिए नहीं ले पा रहे हैं.

'मंत्री ने जयपुर बुलाया, लेकिन जरूरी दस्तावेज नहीं दे रहा प्रशासन'

सांचोर से विधायक और वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई के विधानसभा में किसानों का धरना चल रहा था. जिसके कारण मंत्री धरनास्थल पर पहुंचे. मंत्री ने किसानों को जरूरत के दस्तावेज लेकर जयपुर में बुलाया. जिसके बाद किसान उन आवश्यक दस्तावेजों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. किसानों का आरोप है, कि पिछले 15 दिन से आवश्यक दस्तावेजों के लिए नर्मदा नहर परियोजना के अधिकारियों और तहसील के चक्कर काट रहे हैं. वहीं इतना समय बीत जाने पर भी कार्मिक आवश्यक दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं. जिसके कारण किसान परेशान हो रहे हैं.

किसानों का आरोप, 'धमका रहे हैं अधिकारी'

किसानों ने बताया, कि खेत में नहर की जमीन को अवाप्त करके नहर का निर्माण किया गया. उस समय अधिकारियों ने जानबूझकर अनकमांड क्षेत्र में रख दिया. उसके बाद किसान धरना देकर कमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नर्मदा परियोजना और सरकार हमारी समस्या का समाधान करने के बजाय हमें उल्टा धमका रहे हैं.

यह भी पढ़ें. जयपुर की पतंगबाजी में पौराणिक और आधुनिक स्वरूप का मिश्रण, मकर सक्रांति गंगा-जमुनी तहजीब का भी प्रतीक

किसानों ने आरोप लगाया, कि प्रशासनिक अधिकारी धमकी दे रहे हैं, कि 5 से ज्यादा लोग धरनास्थल पर जुटे तो जेल भेज देंगे. जिसके बाद अब किसानों ने पंचायतीराज चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी.

Intro:कड़ाके की ठंड में किसान पिछले 40 दिन से रात ओर दिन डटकर नर्मदा नहर के किनारे धरना देकर अपनी जमीन को कमांड क्षेत्र में जुड़वाने की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई खास आश्वासन नहीं मिला है। जिसके बाद अब किसानों ने पंचायतीराज चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी। किसानों ने साफ बताया कि मांग नहीं मानी गई तो पंचायतीराज चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।


Body:पिछले 40 दिन से धरने पर बैठे किसानों की समस्या जस की तस, अब पंचायतीराज चुनावों के बहिष्कार की दी चेतावनी
जालोर
जिले के सांचोर व चितलवाना क्षेत्र के किसानों की जीवनदायिनी जाने वाले नर्मदा नहर में 5 गांवों के किसान अन कमांड क्षेत्र में रह गए। जिनको कमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग को लेकर किसान पिछले 40 दिनों से नर्मदा नहर के किनारे कड़ाके की ठंड में रात दिन डटकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसानों की सुनवाई नहीं हुई है ना ही इनकी समस्या के समाधान को लेकर कोई कदम उठाए गए है। जिससे परेशान होकर किसानों ने अब पंचायतीराज चुनावों के बहिष्कार करने की खुली चेतावनी प्रशासन को दी है। मेघावा, मणोहर, विरावा, कुंडकी व अगड़ावा के किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों को दिए ज्ञापन में बताया कि हमारी जमीन को औने पौने दामों में अवाप्त करके अंदर नर्मदा नहर का निर्माण करवा दिया, लेकिन किसानों की जमीन को सिंचित कमांड क्षेत्र में नहीं जोड़ा गया। जिसके कारण अब किसानों के खेतों के बीच से पानी से भरी नर्मदा नहर तो गुजर रही है,लेकिन किसान नहर के अंदर से एक बूंद पानी तक सिंचाई के लिए नहीं ले पा रहे है।
वन व पर्यावरण मंत्री ने जयपुर बुलाया, लेकिन प्रशासन आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रहा
सांचोर से विधायक व सूबे के वन व पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई के विधानसभा में यह धरना चल रहा था। जिसके कारण मंत्री धरना स्थल पर पहुंचे और जरूरत के दस्तावेज लेकर किसानों को जयपुर में बुलाया था। जिसके बाद किसान उन आवश्यक दस्तावेजों के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है। किसानों का आरोप है कि पिछले 15 दिन से आवश्यक दस्तावेजों के लिए नर्मदा नहर परियोजना के अधिकारियों व तहसील के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कार्मिक आवश्यक दस्तावेज ही उपलब्ध नहीं करवा रहे है। जिसके कारण किसान परेशान हो रहे है।
किसानों का आरोप धमका रहे है अधिकारी
किसानों ने बताया कि हमारे खेत में से नहर की जमीन को अवाप्त करके नहर का निर्माण किया गया। उस समय अधिकारियों ने जानबूझ कर हमें अन कमांड क्षेत्र में रख दिया। उसके बाद हम धरना देकर कमांड क्षेत्र में जोड़ने की मांग कर रहे है, लेकिन नर्मदा परियोजना व सरकार हमारी समस्या का समाधान करने के बजाय हमे उल्टा धमका रहे है। किसानों का कहना है प्रशासनिक अधिकारी धमका रहे है कि 5 से ज्यादा लोग धरने स्थल पर एकत्रित हुए तो जेल भेज देंगे।

सांचोर से भजन लाल गोदारा व जालोर से विक्रम गर्ग की रिपोर्ट.....

बाईट- सुखराम, किसान (सिर में टोपी)
बाईट- जगदीश सियाग, किसान (गले में दुप्पटा)
बाईट- बीरबल, किसान, (चश्मे पहने हुए)
बाईट- जगमाल, किसान, (सफेद साफा)
बाईट- जेपी माथुर, एक्सईएन नर्मदा विभाग


Conclusion:कृपया करके इस खबर को स्पेशल में लिया जाए। बड़ा व पंचायतीराज चुनावों के बहिष्कार से जुड़ा मामला है।
सादर

विजुअल रेप से भेजे है।
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