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जालोर: महापड़ाव में बैठे किसानों ने लगाया संभागीय आयुक्त पर भड़काने का आरोप, हटाने की मांग

किसान बाग में आंदोलन कर रहे किसान और प्रशासन सीधे तौर पर एक-दूसरे के आमने-सामने हो गए हैं. किसानों ने प्रशासन पर जबरन उनके आंदोलन को कुचलने, किसानों को धमकाने और भड़काने का गंभीर आरोप लगाकर अब वार्ता से आयुक्त को हटाने की मांग की है.

Jalore news, जालोर की खबर
महापड़ाव में बैठे किसानों ने लगाया संभागीय आयुक्त पर भड़काने का आरोप
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Published : Mar 8, 2020, 11:59 PM IST

जालोर. प्रदेश के गंगानगर से लेकर जालोर के सांचोर होते हुए गुजरात तक एक्सप्रेस-वे निकाला जा रहा है. इसके निर्माण कार्य के लिए जमीन अवाप्ति का विरोध करने के लिए किसानों ने बागोड़ा क्षेत्र के दादाल गांव में किसानों ने एक सप्ताह से ज्यादा समय से महापड़ाव डाल रखा है और अपनी मांगों को पूरा करने की मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं.

महापड़ाव में बैठे किसानों ने लगाया संभागीय आयुक्त पर भड़काने का आरोप

इसी मांगों को लेकर एक बार किसानों की सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के साथ वार्ता हुई थी, लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं आने के कारण किसानों ने आंदोलन को उग्र करने का फैसला लेते हुए शनिवार और रविवार को किसानों ने मौन धारण करके आंदोलन किया. वहीं, सोमवार से हजारों की तादाद में किसान महापड़ाव में अनशन शुरू करेंगे.

पढ़ें- पति की मौत के बाद खेती मजदूरी कर बेटी को बनाया एथलीट, ऐसी है पार्वती देवी के संघर्ष की कहानी

किसानों ने बताया कि इस बार गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर के किसान होली का त्यौहार नहीं मनाएंगे. महापड़ाव में किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से वार्ता के लिए जोधपुर संभागीय आयुक्त बाबू लाल कोठारी को नियुक्त किया है, लेकिन वे किसानों से वार्ता की जगह भड़काने का काम कर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि जो गलतियां अधिकारियों में की है, उसको दबाने के लिए यह अधिकारी हमे कोर्ट जाने की सलाह दे रहे है, लेकिन सुलह करने की बात नहीं कर रहे हैं. वहीं, महापड़ाव में हजारों की तादाद में किसान सोमवार से सामूहिक अनशन शुरू करेंगे.

किसानों के राष्ट्रीय नेता रमेश दलाल ने आरोप लगाया है कि किसान गांधीवादी तरीके से दादाल गांव में महापड़ाव डालकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय जिला प्रशासन राज्य सरकार के इशारों पर किसानों को आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहा है, जो गलत हैं.

पढ़ें- अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह, एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यक्रम का आयोजन

उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने आयुक्त को अभी तक की पूरी कार्यवाही को अवगत करवाया था. उसके बावजूद आयुक्त किसानों के मसलों पर सुलह करने के बजाय आंदोलन छोड़कर कोर्ट जाने की बात कर रहे है, जिसके कारण किसानों और प्रशासन के बीच शनिवार को हुई वार्ता भी विफल रही थीं. अब किसान मांग कर रहे है कि राज्य सरकार संभागीय आयुक्त कोठारी को हटाकर किसी दूसरे अधिकारी को वार्ता के लिए नियुक्त किया जाए, नहीं तो किसान आंदोलन जारी रखेंगें.

जालोर. प्रदेश के गंगानगर से लेकर जालोर के सांचोर होते हुए गुजरात तक एक्सप्रेस-वे निकाला जा रहा है. इसके निर्माण कार्य के लिए जमीन अवाप्ति का विरोध करने के लिए किसानों ने बागोड़ा क्षेत्र के दादाल गांव में किसानों ने एक सप्ताह से ज्यादा समय से महापड़ाव डाल रखा है और अपनी मांगों को पूरा करने की मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं.

महापड़ाव में बैठे किसानों ने लगाया संभागीय आयुक्त पर भड़काने का आरोप

इसी मांगों को लेकर एक बार किसानों की सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के साथ वार्ता हुई थी, लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं आने के कारण किसानों ने आंदोलन को उग्र करने का फैसला लेते हुए शनिवार और रविवार को किसानों ने मौन धारण करके आंदोलन किया. वहीं, सोमवार से हजारों की तादाद में किसान महापड़ाव में अनशन शुरू करेंगे.

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किसानों ने बताया कि इस बार गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर के किसान होली का त्यौहार नहीं मनाएंगे. महापड़ाव में किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से वार्ता के लिए जोधपुर संभागीय आयुक्त बाबू लाल कोठारी को नियुक्त किया है, लेकिन वे किसानों से वार्ता की जगह भड़काने का काम कर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि जो गलतियां अधिकारियों में की है, उसको दबाने के लिए यह अधिकारी हमे कोर्ट जाने की सलाह दे रहे है, लेकिन सुलह करने की बात नहीं कर रहे हैं. वहीं, महापड़ाव में हजारों की तादाद में किसान सोमवार से सामूहिक अनशन शुरू करेंगे.

किसानों के राष्ट्रीय नेता रमेश दलाल ने आरोप लगाया है कि किसान गांधीवादी तरीके से दादाल गांव में महापड़ाव डालकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय जिला प्रशासन राज्य सरकार के इशारों पर किसानों को आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहा है, जो गलत हैं.

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उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने आयुक्त को अभी तक की पूरी कार्यवाही को अवगत करवाया था. उसके बावजूद आयुक्त किसानों के मसलों पर सुलह करने के बजाय आंदोलन छोड़कर कोर्ट जाने की बात कर रहे है, जिसके कारण किसानों और प्रशासन के बीच शनिवार को हुई वार्ता भी विफल रही थीं. अब किसान मांग कर रहे है कि राज्य सरकार संभागीय आयुक्त कोठारी को हटाकर किसी दूसरे अधिकारी को वार्ता के लिए नियुक्त किया जाए, नहीं तो किसान आंदोलन जारी रखेंगें.

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