जालोर. जिले के दादाल गांव में किसान भारतमाला परियोजना के तहत प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के निर्माण के स्थान को बदलने की मांग को लेकर किसान पिछले 10 दिन से अनशन पर बैठे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ शनिवार को किसानों के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई थी. जिसमें एक्सप्रेस वे को नेशनल हाईवे 68 पर निकालने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने किसानों को दिया था.
जिसके बाद अब नेशनल हाईवे 68 के किसान विरोध में उतर गए हैं. नेशनल हाईवे पर सिवाड़ा गांव के किसानों ने एसडीएम मसिंगा राम को मुख्यमंत्री के नाम पत्र देकर साफ कहा है कि जिस जगह हवाई सर्वे हुआ है, उसी जगह एक्सप्रेस वे को निकाला जाए. नेशनल हाईवे 68 पर पहले जमीन अवाप्ति के कारण आम लोगों को काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में अगर एक्सप्रेस वे सिक्स लाइन हाईवे को यहां से निकाला जाता है तो स्थानीय लोग पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे.
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सिवाड़ा गांव के लोगों ने बताया कि नेशनल हाइवे के लिए जमीन अवाप्त कर ली. जिस समय काफ़ी लोगों के दुकान क्षतिग्रस्त हुई. उसके बाद अब ग्रामीणों ने पाई-पाई जोड़कर दुकानें या घरों का निर्माण किया है. ऐसे में अगर अब एक्सप्रेस वे निकाला जाता है तो लोगों के बने बनाये सैंकड़ों घरों को तोड़ना पड़ेगा. जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होगा, साथ में आम लोग पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे.
मांग पर अमल नहीं किया तो उतरेंगे हड़ताल पर
पत्र में किसानों व व्यापारियों ने बताया कि किसी भी कीमत पर हम इसी नेशनल हाइवे को चौड़ा करके एक्सप्रेस वे में बदलने नहीं देंगे. उन्होंने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि अगर यहां से सड़क निकालने की कोशिश की गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. जिसमें नेशनल हाईवे 68 को भी जाम किया जाएगा.