जालोर. जिले में 13 दिसंबर से टिड्डियों के झुंड आने शुरू हुए थे. जालोर में आखिरी बार 21 जनवरी को टिड्डियों का झुंड आया और डूंगरी, बंधाकुंआ, कोलियों की बेरी, खांभराई और जालबेरी सहित 12 गांवों में रबी की पूरी फसल को बर्बाद कर दिया. जिसके बाद किसानों ने 27 जनवरी को बड़ी संख्या में चितलवाना पहुंच कर एसडीएम को ज्ञापन दिया और मुआवजा देने की मांग की. उसके बाद अभी तक किसानों के खातों में मुआवजे की राशि जमा नहीं होने के कारण किसानों ने मंगलवार को एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.
किसानों ने 1 मार्च तक सभी प्रभावित किसानों का मुआवजा खातों में जमा करने की मांग की. साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर तय समय अवधि के अंदर किसानों के खातों में राशि जमा नहीं की गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. किसानों ने बताया कि टिड्डी प्रभावित किसानों के खातों में मुआवजा राशि आ चुकी है, लेकिन आखिरी बार आए टिड्डियों के झुंड ने जिन 12 गांवों में फसलों की तबाही मचाई उन किसानों को पैसा नहीं मिला है, जिसके कारण वे परेशान हो रहे हैं.
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स्पेशल गिरदावरी के आदेश नहीं हुए
टिड्डियों के हमले में बर्बाद हुए किसानों के खेतों की गिरदावरी करने के स्पेशल आदेश दिए गए थे. उसी आदेश के तहत गिरदावरी करके 25 हजार किसानों के खातों में 37 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि जमा हो चुकी है, लेकिन 12 गांवों में बर्बाद हुई रबी की फसल के गिरदावरी के आदेश अभी तक नहीं हो पाए हैं. जिसके कारण इन गांवों के किसान मुआवजे की राशि को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
भारतीय किसान संघ ने दिया समर्थन
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया, जिसमें भारतीय किसान संघ ने भी अपना समर्थन दिया है. भारतीय किसान संघ के चितलवाना ब्लॉक अध्यक्ष मकाराम चौधरी ने कहा कि किसानों ने कर्ज लेकर रबी की फसल की बुवाई की थी और टिड्डियों ने पूरी फसल को नष्ट कर दिया. उन्होंने बताया कि इसके कारण किसान कर्ज में डूब गए हैं. ऐसे में सरकार बिजली के बिल माफ करने के साथ गर्मियों के मौसम में नहर में पानी देने और प्रति हेक्टेयर 50 हजार मुआवजा राशि दे ताकि किसानों को थोड़ी राहत मिल सके.