जालोर. जिले में 13 दिसम्बर को टिड्डी ने बाड़मेर, जालोर जिले के गांवों में पहली बार प्रवेश किया था. उसके बाद जनवरी के आखिरी सप्ताह तक अलग अलग टिड्डियों के झुंड किसानों के खेतों पर आक्रमण करते रहे. जिस समय किसानों के खेतों में खड़ी रबी की फसल को टिड्डी ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया. किसानों को अरबों का नुकसान होने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों के हालात जानने जिले के सांचौर में आए और किसानों से रू-ब-रू हुए.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्या सुनी और स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की घोषणा भी की थी. स्पेशल गिरदावरी होने के बाद जिले में जिन किसानों को नुकसान हुआ था उनकी सूची बनाई. जिसके बाद आधे किसानों को तो प्रति हेक्टेयर 13 हजार 500 रुपए मुआवजा जमा हो गया, लेकिन आधे किसानों के खाते में पैसा जमा नहीं हुआ था.
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ऐसे में कई किसान आज भी मुआवजे के इंतजार में प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं. किसानों ने बताया कि टिड्डी ने रबी की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया था. उसके बाद लगातार किसान मुआवजे की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकारी कर्मचारियों की ओर से सुनवाई नहीं की जा रही है.
टिड्डी प्रभावित किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पांचाराम आंजना ने बताया कि जिले में टिड्डियों ने रबी की फसल को नुकसान पहुंचाया था. उसके बाद राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला मुआवजा आधे किसानों के खातों में जमा हुआ था, लेकिन 50% किसान आज भी मुआवजे से वंचित है. उन्होंने बताया कि मुआवजे की मांग को लेकर दो बार उपखंड अधिकारी को धरना देकर ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन अभी तक किसानों को उनका हक नहीं मिला है.
250 से ज्यादा गांवों में हुआ था नुकसान...
दिसंबर और जनवरी में अलग-अलग दिनों में टिड्डियों के झुंड ने धावा बोला और रबी की फसल बर्बाद कर दी थी. उस समय की गई गिरदावरी में 250 से ज्यादा गांवों में 25 हजार 314 किसानों के डेढ़ लाख हेक्टेयर में नुकसान होने की जानकारी सामने आई थी. जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से 36 करोड़ 97 लाख की राशि किसानों को मुआवजे के तौर पर आवंटित की गई थी. जिसमें से आधे किसानों के खातों में पैसा जमा हो गया है, जबकि करीबन 10 से 12 हजार किसान जिलेभर में मुआवजे को लेकर भटक रहे हैं.
जिला कलेक्टर बदलने और कोरोना के कारण किसानों की उम्मीद पर फिरा पानी
जिले में तत्कालीन जिला कलेक्टर महेंद्र कुमार सोनी ने अपने स्तर पर अच्छी मेहनत करके टिड्डी नष्ट करने के लिए कीटनाशक से लेकर किसानों को मुआवजा राशि स्वीकृत करवाई थी. साथ में कड़ी मॉनिटरिंग से किसानों के खातों में पैसा जमा करवाया था, लेकिन फरवरी में कलेक्टर सोनी का तबादला हो गया. जिसके बाद हिमांशु गुप्ता ने जॉइन किया ही था कि उसके कुछ दिन बाद कोरोना आ गया. ऐसे में अब तक किसानों के मुआवजे की राशि अटकी हुई पड़ी है.