जालोर. देश में कोरोना को लेकर लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. जिसको ठीक करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है. वहीं इस मामले को लेकर जालोर सिरोही सांसद देवजी पटेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में मोदी सरकार ने बड़े राहत पैकेज की घोषणा की है.
उन्होंने बताया कि इस पैकेज से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लोन मिलेगा. रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. जिससे छोटे उघोग जो लॉकडाउन के कारण बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गए हैं उनको वापस खड़ा करने में व्यापारियों को मदद मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पर काम कर रही है.
बता दें की लाखों की तादाद में लोग अन्य राज्यों में रहते हैं. लेकिन अब नई व्यवस्था से प्रवासी जहां रहते है वहीं राशन उपलब्ध हो सकेगा. सांसद ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर भी केंद्र सरकार गंभीर है. ऐसे में महिलाओं को लेकर बन रहे नए कानून से महिलाओ को और बल मिलेगा.
जल्द ही विकास की ओर अग्रसर होगा भारत
सांसद देवजी पटेल ने कहा कि विकासशील भारत को कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी ने एक बार थाम दिया है, लेकिन भारत को 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज मिलने से अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आएगा. भारत विकास की ओर अग्रसर होगा. उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण भारत में एक बार गतिविधियों को केंद्र सरकार ने रोक दिया था, लेकिन अब धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है. गुजरात सहित अन्य राज्यों में कार्य शुरू हो चुका है. ऐसे में हम जल्द ही आर्थिक रूप से वापस मजबूत हो जाएंगे.
प्रवासियों को लेकर राज्य सरकार ने सही कार्य नहीं किया
देवजी पटेल ने आरोप लगाया कि प्रदेश में प्रवासियों को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं हुई. जिसके कारण लाखों की तादाद में प्रवासियों को परेशान होना पड़ा. उन्होंने बताया कि जिले के लाखों प्रवासी जो अन्य राज्यों में थे वो वहां से निकल तो गए, लेकिन गहलोत सरकार के आदेश के बाद जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया था. जिसके कारण प्रवासियों को परेशान होना पड़ा. बाद में केंद्र सरकार ने प्रवासियों को लेकर आदेश जारी किया. उसके बाद अब प्रवासी राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश में आ रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अशोक गहलोत की सरकार में जिन आईएएस अधिकारियों को नोडल प्रभारी बनाया था लेकिन ऐसी स्थिति में उन अधिकारियों ने अपने फोन तक बंद कर दिए थे. लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों ने सकारात्मक सोच के साथ काम किया. जिसकी वजह से बॉर्डर पर फंसे प्रवासियों को रवाना करवाया जा सका।