रानीवाड़ा (जालोर). कोरोना वायरस ने शहर के साथ-साथ अब गांवों में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घरों में रह रहे हैं. शहरी क्षेत्रों के लोग गांव की तरफ तेजी से पलायन कर रहे हैं. ऐसे में गांवों में खतरा बढ़ता जा रहा है.
70 फीसदी जनसंख्या वाले लोग गांव में रहते हैं. ऐसे में ये लोग कैसे सुरक्षित रह पाएंगे, क्या ग्रामीण कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार हैं? इसका जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम रानीवाड़ा उपखंड मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर सेवाड़ा गांव में पहुंची.
4904 है गांव की जनसंख्या
सेवाड़ा ग्राम पंचायत रानीवाड़ा तहसील के अंतर्गत आता है, वहीं सेवाड़ा ग्राम पंचायत की पंचायत समिति सरनाऊ है. साल 2011 के अनुसार सेवाड़ा ग्राम पंचायत की आबादी 4904 है. इस गांव के ज्यादातर लोग खेती-बाड़ी का काम करते हैं.
अब तक लौटे हैं 468 प्रवासी
इस गांव के कई युवा देश के अलग-अलग बड़े शहरों में व्यवसाय करते हैं. लेकिन कोरोना महामारी को लेकर अब वे सब घर पर आए हुए हैं. अब तक सेवाड़ा गांव में 468 प्रवासी अन्य राज्यों से घर लौटे चुके हैं. सेवाड़ा गांव में पातालेश्वर महादेव का प्राचीन और बड़ा मंदिर भी है. साथ ही इस गांव में बड़ी गौशाला भी है.
अब तक मिला है केवल एक पॉजिटिव
सेवाड़ा गांव कोरोना से अछूता नहीं है. इस गांव में एक महीने पहले एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद पूरे गांव में कर्फ्यू लगा दिया गया था. कर्फ्यू लगभग 22 दिनों तक रहा, जिसके बाद एक वार्ड को छोड़कर कर शेष गांव में कर्फ्यू हटा दिया गया था.
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सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम व्यापारियों के पास पहुंची और व्यापारियों से गांव का हाल चाल जाना. व्यापारियों ने बताया कि जो भी दुकान पर ग्राहक आते हैं उन्हें मास्क लगाने की हिदायत देते हैं. साथ ही सैनिटाइजर का उपयोग करने को कहते हैं.
दुकानों पर हो रही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
व्यापारियों ने बताया कि कोरोना महामारी से पहले अच्छा धंधा चलता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद बहुत मंदी है. वहीं कई दुकानों पर लोग सोशल डिस्टेंस की पालना करते नजर आए, बकायदा दुकानों के दुकानदारों की ओर दुकानों के आगे रस्सी भी बांधी हुई थी. जिसके कोई भी ग्राहक दुकान में प्रवेश नहीं करें और दूर रहकर सामान खरीद सके.
ईटीवी भारत की टीम सरकारी अस्पताल पहुंची, तो चिकित्सक मरीजों का इलाज करते नजर आए. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत किशनाराम ने बताया कि जो भी मरीज यहां आते हैं, उन्हें मास्क लगाने की सलाह दी जाती है.
पॉजिटिव मिला मरीज भी हो चुका है स्वस्थ
उन्होंने बताया कि अब तक सेवाड़ा ग्राम पंचायत में 44 लोगों का कोरोना जांच हेतु सैंपल लिए थे. जिसमें एक युवक का सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 43 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई. कोरोना पॉजिटिव पाया गया युवक भी ठीक होकर अपने घर आ चुका है.
शिक्षा विभाग के अध्यापक विरधाराम ने बताया कि कोरोना महामारी में शिक्षा विभाग के लगभग 43 से अधिक कार्मिक फिल्ड में लगे हुए हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं. साथ ही बाहर से आने वाले प्रवासियों की मॉनिटरिंग की जा रही है. .
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वहीं उसके बाद ईटीवी भारत की टीम पातालेश्वर महादेव मंदिर में पहुंची तो मंदिर में एक पुजारी को छोड़कर कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आया. पातालेश्वर महादेव मंदिर में अभी तक कोरोना के डर के कारण बंद है. वहीं मंदिर के पीछे सेवाड़ा के महंत हंसपुरी महाराज ने ग्रामीणों के सहयोग विशाल बगीचा बनाया हुआ है. जहां पर भी कोरोना से पहले लोग फोटोग्राफी के लिए लोग आते थे. लेकिन अब सन्नाटा पसरा हुआ है.
सरपंच प्रतिनिधि ने निभाई अहम भूमिका
सेवाड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि अमरसिंह विश्नोई ने बताया कि सेवाड़ा गांव में कोरोना संकट के बीच हमने मेरे घर से जरूरतमंद और गरीब परिवारों को राशन सामग्री के किट वितरित किए. लोगों को मास्क, सैनिटाइजर भी बांटे.
वहीं उन्होंने बताया कि कोरोना संकट में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध हो सके इसके लिए अधिक से अधिक ग्रामीणों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है. ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक अम्बालाल जीनगर ने जानकारी दी कि जो भी किसान सहकारी समिति पहुंचते हैं, उन्हें सरकार की एडवाइजरी का पालन करने का निर्देश दिया जाता है.