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कांग्रेस पंचायतीराज चुनाव को आगे-पीछे करके अपना हित साधना चाहती हैः भाजपा - राज्य निर्वाचन आयोग

प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज चुनाव की घोषणा कर रखी है. पंच और सरपंच के चुनाव तीन चरणों मे करवाये जा रहे है, वहीं पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के चुनाव की घोषण नहीं की गई है.

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कांग्रेस ने पंचायतीराज चुनाव आगे पीछे करके अपना हित साधने चाहती है
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Published : Jan 2, 2020, 11:33 PM IST

जालोर. भाजपा प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज के चुनाव की घोषणा कर रखी है. जिसमें केवल पंच और सरपंच के चुनाव तीन चरणों में होंगे, लेकिन जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनाव की अभी तक घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में अब भाजपा के नेता कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगा रहे है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान की कांग्रेस सरकार राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाकर चुनाव को लंबा खीचना चाह रही है.

कांग्रेस ने पंचायतीराज चुनाव आगे पीछे करके अपना हित साधने चाहती है

बता दें कि भाजपा से जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने कहा कि कांग्रेस पहले भी नगरीय निकाय चुनाव में अपना हित साधने के लिए लम्बा खींच चूकी है और अब पंचायतीराज चुनाव में भी उन्होंने यह ही किया है. सांसद पटेल कहा कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरपंच के चुनाव में नामांकन करने के बाद 7 दिन बाद में चुनाव हुए हो. पहले की व्यवस्था में एक दिन पहले नामांकन होता था दूसरे दिन मतदान होता था, लेकिन अबकी बार नामांकन 8 को होगा, लेकिन मतदान 17 को करवाया जाएगा. जिससे सरपंच चुनाव में अनावश्यक खर्च बढ़ेगा.

पढ़ेंः बूंदी: पंचायत चुनाव की रणनीति तैयार करने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का स्नेह मिलन समारोह आयोजित

वहीं पंचायत समिति और जिला परिषद का समय पूरा हो चुका है और चुनाव का पता नहीं है. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पंचायतीराज शासन लागू होने से लेकर आज तक पंच, सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव मात्र 2 दिन के अंतराल में है, लेकिन इस बार अभी तक चुनाव को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. सरपंच और पंच चुनावों को तीन चरणों में करने के बावजूद आधी ग्राम पंचायतों में ही चुनाव करवाये जा रहे है, जबकि पिछली बार साथ में चुनाव होने के कारण पंचायत समिति सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो चुका है.

पढ़ेंः पंचायत चुनाव में बरती लापरवाही तो होगी सख्त कार्रवाई: जिला निर्वाचन अधिकारी

बता दें कि यह है चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगाते हुए घोषित किया है. जिसमें इन्होंने 7 जनवरी को जिला निर्वाचन अधिकारी लोक सूचना जारी किया. जिसमें 8 जनवरी को नामांकन, 9 जनवरी को नामांकन जांच और नामांकन वापसी होगी. उसके बाद चुनाव चिन्ह आवंटित करके 17 को मतदान करवाया जाएगा. वहीं देर रात को मतदान के बाद मतगणना की जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया में 10 दिन का समय देने के कारण भाजपा के पदाधिकारी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठा रहे है.

जालोर. भाजपा प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज के चुनाव की घोषणा कर रखी है. जिसमें केवल पंच और सरपंच के चुनाव तीन चरणों में होंगे, लेकिन जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनाव की अभी तक घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में अब भाजपा के नेता कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगा रहे है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान की कांग्रेस सरकार राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाकर चुनाव को लंबा खीचना चाह रही है.

कांग्रेस ने पंचायतीराज चुनाव आगे पीछे करके अपना हित साधने चाहती है

बता दें कि भाजपा से जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने कहा कि कांग्रेस पहले भी नगरीय निकाय चुनाव में अपना हित साधने के लिए लम्बा खींच चूकी है और अब पंचायतीराज चुनाव में भी उन्होंने यह ही किया है. सांसद पटेल कहा कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरपंच के चुनाव में नामांकन करने के बाद 7 दिन बाद में चुनाव हुए हो. पहले की व्यवस्था में एक दिन पहले नामांकन होता था दूसरे दिन मतदान होता था, लेकिन अबकी बार नामांकन 8 को होगा, लेकिन मतदान 17 को करवाया जाएगा. जिससे सरपंच चुनाव में अनावश्यक खर्च बढ़ेगा.

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वहीं पंचायत समिति और जिला परिषद का समय पूरा हो चुका है और चुनाव का पता नहीं है. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पंचायतीराज शासन लागू होने से लेकर आज तक पंच, सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव मात्र 2 दिन के अंतराल में है, लेकिन इस बार अभी तक चुनाव को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. सरपंच और पंच चुनावों को तीन चरणों में करने के बावजूद आधी ग्राम पंचायतों में ही चुनाव करवाये जा रहे है, जबकि पिछली बार साथ में चुनाव होने के कारण पंचायत समिति सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो चुका है.

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बता दें कि यह है चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगाते हुए घोषित किया है. जिसमें इन्होंने 7 जनवरी को जिला निर्वाचन अधिकारी लोक सूचना जारी किया. जिसमें 8 जनवरी को नामांकन, 9 जनवरी को नामांकन जांच और नामांकन वापसी होगी. उसके बाद चुनाव चिन्ह आवंटित करके 17 को मतदान करवाया जाएगा. वहीं देर रात को मतदान के बाद मतगणना की जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया में 10 दिन का समय देने के कारण भाजपा के पदाधिकारी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठा रहे है.

Intro:प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज चुनाव की घोषणा कर रखी है। पंच व सरपंच के चुनाव तीन चरणों मे करवाये जा रहे है, नहीं पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य के चुनाव की घोषण नहीं की गई है। जिसके कारण भाजपा के नेता कांग्रेस पर आरोप लगा रहे है कि अपना हित साधने व भ्रष्टाचार बढ़ावा देने के लिए चुनाव को लंबा खींच रहे है।


Body:कांग्रेस ने पंचायतीराज चुनाव आगे पीछे करके अपना हित साधने चाहती है- भाजपा प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज के चुनाव की घोषणा कर रखी है। जिसमें केवल पंच व सरपंच के चुनाव तीन चरणों में होंगे, लेकिन जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनाव की अभी तक घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में अब भाजपा के नेता कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगा रहे है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान की कांग्रेस सरकार राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाकर चुनाव को लंबा खीचना चाह रही है। भाजपा से जालोर सिरोही सांसद देवजी पटेल ने कहा कि कांग्रेस पहले भी नगरीय निकाय चुनाव में अपना हित साधने के लिए लम्बा खींच चूकी है और अब पंचायतीराज चुनाव में भी उन्होंने यह ही किया है। सांसद पटेल कहा कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरपंच के चुनाव में नामांकन करने के बाद 7 दिन बाद में चुनाव हुए हो। पहले की व्यवस्था में एक दिन पहले नामांकन होता था दूसरे दिन मतदान होता था,लेकिन अबकी बार नामांकन 8 को होगा, लेकिन मतदान 17 को करवाया जाएगा। जिससे सरपंच चुनाव में अनावश्यक खर्च बढ़ेगा। पंचायत समिति व जिला परिषद का समय पूरा, चुनाव का पता नहीं भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पंचायतीराज शासन लागू होने से लेकर आज तक पंच, सरपंच व जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव मात्र 2 दिन के अंतराल में है, लेकिन इस बार अभी तक चुनाव को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सरपंच व पंच चुनावों को तीन चरणों में करने के बावजूद आधी ग्राम पंचायतों में ही चुनाव करवाये जा रहे है, जबकि पिछली बार साथ में चुनाव होने के कारण पंचायत समिति सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। यह है चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगाते हुए चुनाव कार्यक्रम घोषित किया। जिसमें इन्होंने 7 जनवरी को जिला निर्वाचन अधिकारी लोकसूचना जारी करेगा। 8 जनवरी को नामांकन जमा किए जाएंगे। 9 जनवरी को नामांकन जांच व नामांकन वापसी होगी। उसके बाद चुनाव चिन्ह आवंटित करके 17 को मतदान करवाया जाएगा। देर रात को मतदान के बाद मतगणना की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में 10 दिन का समय देने के कारण भाजपा के पदाधिकारी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठा रहे है।


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