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वितरिका टूटने से खेतों में भरा पानी, ग्रामीणों ने विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

जालोर के सांचौर में नर्मदा नहर परियोजना की वितरिका सरवाना सरहद टूट जाने से आस-पास की ढाणियां जलमग्र हो गई हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उक्त मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

सांचौर में वितरिका टूटा, Distribution broken in Sanchore
वितरिका टूटने से खेतों में भरा पानी
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Published : Jun 10, 2020, 6:40 PM IST

सांचौर (जालोर). नर्मदा नहर परियोजना की वितरिका सरवाना सरहद में टूट जाने से खेतों में पानी भर गया. वहीं आस-पास की ढाणियां भी जलमग्र हो गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि वितरिका के टूट जाने की सूचना विभाग के अधिकारियों को देने के बावजूद भी अबतक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.

इस दौरान वितरिका में पानी की आवक ज्यादा होने से आस-पास के खेत जलमग्र हो गए हैं. वहीं, दूसरी ओर वितरिका के टूटने को लेकर विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त वितरिका के टूटने की यह चौथी घटना है.

पढ़ेंः COVID-19 : पाली में रोहट-गाजनगढ़ टोल के 26 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित

विभाग द्वारा वितरिका को ठीक करने और रखरखाव को लेकर महज कागजी खानापूर्ति के नाम पर ठेकेदारों से मिलीभगत के आधार पर घटिया निर्माण किया गया है. जिसकी वजह से वितरिका बार-बार टूट रही है. वहीं, वितरिका के दोनों ओर किसी प्रकार का ठोस अर्थवर्क भी नहीं किया गया है.

जिसकी वजह से गुणवता का अभाव है. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त मामले को लेकर विभाग के अधिकारियों को कई बार लिखित में अवगत करवाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वितरिका के टूटने से आस-पास के खेतों में पानी भर जाने और ढाणियां जलमग्र होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

पढ़ेंः Corona Update: प्रदेश में कोरोना की मार, अब तक 11,245 बीमार

आस-पास के खेतों में कटाव हो गया है. जिससे किसानों को नुकसान हुआ है. किसानों ने उक्त हुए कटाव को ठीक करने की मांग की है. ग्रामीण प्रताप सिंह और भूर सिंह की ढाणी जलमग्न होने से नुकसान हुआ है. गुलाब सिंह के खेत में पानी भर जाने से नुकसान हुआ है. इसके आस-पास के खेतों में भी नुकसान हुआ है. ग्रामीणो ने उक्त मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

सांचौर (जालोर). नर्मदा नहर परियोजना की वितरिका सरवाना सरहद में टूट जाने से खेतों में पानी भर गया. वहीं आस-पास की ढाणियां भी जलमग्र हो गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि वितरिका के टूट जाने की सूचना विभाग के अधिकारियों को देने के बावजूद भी अबतक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे.

इस दौरान वितरिका में पानी की आवक ज्यादा होने से आस-पास के खेत जलमग्र हो गए हैं. वहीं, दूसरी ओर वितरिका के टूटने को लेकर विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त वितरिका के टूटने की यह चौथी घटना है.

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विभाग द्वारा वितरिका को ठीक करने और रखरखाव को लेकर महज कागजी खानापूर्ति के नाम पर ठेकेदारों से मिलीभगत के आधार पर घटिया निर्माण किया गया है. जिसकी वजह से वितरिका बार-बार टूट रही है. वहीं, वितरिका के दोनों ओर किसी प्रकार का ठोस अर्थवर्क भी नहीं किया गया है.

जिसकी वजह से गुणवता का अभाव है. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त मामले को लेकर विभाग के अधिकारियों को कई बार लिखित में अवगत करवाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वितरिका के टूटने से आस-पास के खेतों में पानी भर जाने और ढाणियां जलमग्र होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

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आस-पास के खेतों में कटाव हो गया है. जिससे किसानों को नुकसान हुआ है. किसानों ने उक्त हुए कटाव को ठीक करने की मांग की है. ग्रामीण प्रताप सिंह और भूर सिंह की ढाणी जलमग्न होने से नुकसान हुआ है. गुलाब सिंह के खेत में पानी भर जाने से नुकसान हुआ है. इसके आस-पास के खेतों में भी नुकसान हुआ है. ग्रामीणो ने उक्त मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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