जालोर. आने वाले दिनों में पंचायतीराज के चुनाव है. उसकी तैयारियां भी पुरजोर चल रही है. जगह जगह पंचायतीराज चुनावों को लेकर नवीन ग्राम पंचायत व राजस्व गांव बनाने के प्रस्ताव भी लिए जा रहे है, लेकिन सांचोर व चितलवाना में प्रशासनिक अधिकारियों की हालत इतनी खराब है कि एक ही अधिकारी के पास में अपने विभाग सहित 8 पदों का अतिरिक्त चार्ज है. इसमें कई महत्वपूर्ण एसडीएम व फ़ास्ट ट्रेक मजिस्ट्रेट जैसे पद का भी चार्ज एक तहसीलदार के पास में है. जिसके कारण आम जनता से जुड़े कार्य नहीं हो पा रहे है.
जानकारी के अनुसार चितलवाना में पिछले लंबे से एसडीएम का पद रिक्त है, वहीं सांचोर एसडीएम का भी कुछ दिनों पूर्व ट्रांसफर हो गया था. जिसके बाद सांचोर व चितलवाना एसडीएम का चार्ज सांचोर के तहसीलदार पीताम्बर दास राठी को दे दिया था. इसके अलावा राठी के पास में एसीजेएम फ़ास्ट ट्रेक सांचोर, उपकोष अधिकारी सांचोर व चितलवाना, उप पंजीयक सांचोर, तहसीलदार नर्मदा विभाग, नायब तहसीलदार सांचोर, चितलवाना तहसीलदार व डीडीओ का चार्ज था और यह सभी कार्य राठी देख रहे थे लेकिन शुक्रवार शाम को राजस्व विभाग अजमेर ने एक आदेश जारी कर सांचोर में कार्यरत तहसीलदार राठी का ट्रासंफर गढ़ी बांसवाड़ा में कर दिया गया है.
वहीं राठी के जगह पर गोपीकिशन पालीवाल को पचपदरा से सांचोर लगाया है. एक ही अधिकारी के पास इतने चार्ज होने के कारण आम जनता के काम नहीं हो पा रहे है. अधिकारी जिले के सीमावर्ती सांचोर व चितलवाना उपखण्ड मुख्यालय पर प्रशासनिक अधिकारियों के पद रिक्त होने के कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इन दोनों उपखण्ड मुख्यालय पर प्रशासनिक अधिकारियों का चार्ज भी एक ही अधिकारी तहसीलदार को दिया हुआ था. जिसके कारण चितलवाना क्षेत्र के ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता क्योंकि सांचौर तहसीलदार राठी को चितलवाना के उपखंड अधिकारी व तहसीलदार दोनों का चार्ज दिया हुआ था, जबकि दोनों उपखंड मुख्यालय के बीच में दूरी भी काफी है.
जिसके कारण लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए चितलवाना व सांचोर के चक्कर लगाने पड़ रहे थे, लेकिन अब उनका भी स्थानान्तरण होने के कारण यह समस्या और बढ़ जाएगी. जिले के चितलवाना व सांचोर क्षेत्र में लगभग एक साल छोड़ कर एक साल बाढ़ के हालात बनते है. इस बार भी मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि जालोर जिले में भारी बारिश होने की संभावना रहेगी. ऐसे इस क्षेत्र में भारी बारिश होती है तो नेहड़ क्षेत्र में पानी का भराव होने के कारण कई गांव टापू बन जाएंगे, लेकिन संभालने के लिए प्रशासनिक अधिकारी कोई नहीं है.