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पीएम आवास योजना के तहत बने मकान को यूआईटी ने कर दिया ध्वस्त

जैसलमेर के बड़ाबाग क्षेत्र में यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने एक मकान को भी तोड़ दिया. वहीं ग्रामीणों ने यूआईटी के अधिकारियों पर बिना अग्रिम नोटिस के कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. साथ ही यूआईटी के कर्मचारियों पर महिलाओं के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है.

encroachment removal News in Jaisalmer, जैसलमेर में यूआईटी ने किया मकान ध्वस्त
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Published : Oct 13, 2019, 3:20 PM IST

जैसलमेर. यूआईटी जैसलमेर ने बड़ाबाग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस कार्रवाई के दौरान एक प्रधानमंत्री आवास को भी ध्वस्त कर दिया गया. वहीं ग्रामीणों ने यूआईटी के अधिकारियों पर बिना नोटिस दिए अचानक से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. साथ ही यूआईटी के कर्मचारियों पर महिलाओं के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है.

यूआईटी की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

ग्रामीण धापू ने बताया की उसके नाम से पिछले साल प्रधानमंत्री बड़ाबाग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने स्वीकृत हुआ था. उसने 40 सालों से कच्चे मकान में रहने के बाद गत साल ही पक्का मकान बना था. वहीं यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में प्रधानमंत्री आवास को भी तोड़ दिया. साथ ही धापू देवी ने यूआईटी के कर्मचारियों पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया. पीड़िता ने इस संबंध में पुलिस कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

ये पढें: कोटा की महिला ने 75 की उम्र में दिया 'लाडो' को जन्म, मां और बेटी दोनों स्वस्थ

वहीं बड़ाबाग की गोगे की तलाई क्षेत्र के लोगों ने ज्ञापन प्रस्तुत कर यूआईटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि इस इलाके में वो लोग 40-50 साल से रह रहे हैं. वहीं सरकार ने उन्हें राशन कार्ड, बिजली का कनेक्शन और अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई हुई है. इसके बावजूद यूआईटी ने बिना किसी नोटिस या अग्रिम सुचना के अतिक्रमण मानते हुए उनके मकान ध्वस्त कर दिए.

यूआईटी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जबरदस्ती गोगे की तलाई से अतिक्रमण हटाए हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान को भी ध्वस्त कर दिया. जबकि ये लोग यहां पर 40 से 50 सालों से रह रहे हैं.

जैसलमेर. यूआईटी जैसलमेर ने बड़ाबाग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस कार्रवाई के दौरान एक प्रधानमंत्री आवास को भी ध्वस्त कर दिया गया. वहीं ग्रामीणों ने यूआईटी के अधिकारियों पर बिना नोटिस दिए अचानक से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. साथ ही यूआईटी के कर्मचारियों पर महिलाओं के साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है.

यूआईटी की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

ग्रामीण धापू ने बताया की उसके नाम से पिछले साल प्रधानमंत्री बड़ाबाग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने स्वीकृत हुआ था. उसने 40 सालों से कच्चे मकान में रहने के बाद गत साल ही पक्का मकान बना था. वहीं यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में प्रधानमंत्री आवास को भी तोड़ दिया. साथ ही धापू देवी ने यूआईटी के कर्मचारियों पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया. पीड़िता ने इस संबंध में पुलिस कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

ये पढें: कोटा की महिला ने 75 की उम्र में दिया 'लाडो' को जन्म, मां और बेटी दोनों स्वस्थ

वहीं बड़ाबाग की गोगे की तलाई क्षेत्र के लोगों ने ज्ञापन प्रस्तुत कर यूआईटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि इस इलाके में वो लोग 40-50 साल से रह रहे हैं. वहीं सरकार ने उन्हें राशन कार्ड, बिजली का कनेक्शन और अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई हुई है. इसके बावजूद यूआईटी ने बिना किसी नोटिस या अग्रिम सुचना के अतिक्रमण मानते हुए उनके मकान ध्वस्त कर दिए.

यूआईटी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जबरदस्ती गोगे की तलाई से अतिक्रमण हटाए हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान को भी ध्वस्त कर दिया. जबकि ये लोग यहां पर 40 से 50 सालों से रह रहे हैं.

Intro:Body:प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान को यूआईटी ने किया ध्वस्त

40 वर्षों से कच्चे मकान में रह रहे परिवार को किया बेदखल

अतिक्रमण मान कर हटाया, मारपीट का भी आरोप

जैसलमेर यूआईटी जैसलमेर ने बड़ाबाग क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान एक प्रधानमंत्री आवास को भी ध्वस्त किया गया। ग्रामीण धापू ने बताया की उसके नाम से गत साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ था। 40 वर्षों कच्चे मकान में रहने के बाद गत साल ही पक्का मकान बना था। यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में प्रधानमंत्री आवास को ही तोड़ दिया, साथ ही धापू देवी ने यूआईटी के कर्मचारियों पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने इस संबंध में पुलिस कोतवाली में रिपोर्ट पेश की है।

इसके अलावा बड़ाबाग की गोगे की तलाई क्षेत्र के अन्य लोगों ने भी ज्ञापन प्रस्तुत कर यूआईटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस इलाके में हम 40-50 वर्षों से रह रहे हैं। राशन कार्ड, बिजली का कनेक्शन व अन्य सुविधाएं भी हमें मुहैया करवाई हुई है। बावजूद इसके यूआईटी ने बिना किसी नोटिस के अग्रिम सुचना के ही अतिक्रमण मानते हुए उनके मकान ध्वस्त कर दिए। यूआईटी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जबरदस्ती गोगे की तलाई से अतिक्रमण हटाए हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान को भी ध्वस्त कर दिया, जबकि ये लोग यहां पर 40 से 50 सालों से रह रहे हैं।

बाईट-1- चेतनराम भील, सरपंच, बड़ाबाग
बाईट-2- धापू - पीड़ित महिला
बाईट-3- कविता - पीड़ित महिला
Conclusion:
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