जैसलमेर: विश्व प्रसिद्ध मरु महोत्सव के तीसरे दिन देसी-विदेशी सैलानियों की भरपूर आनन्द उठाया. सुबह 9 बजे से शुरु हुए कार्यक्रम में विदेशी सैलानियों ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं के साक्षी बने और मरु महोत्सव के तीसरे दिन को सफल बनाया. रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट के श्रृंगार की प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ, जिसमें सजे-धजे ऊंटों ने हिस्सा लिया. वहीं देसी और विदेशी सैलानियों के बीच कई प्रतियोगिता का आयेाजन किया गया. जिसमें पणिहारी मटका रेस, कैमल पोलो रेस, कैमल टेटू शो, एयरफोर्स द्वारा एयर वारियर ड्रिल शो, आर्मी बैण्ड, कबड्डी सहित और भी कई कई कार्यक्रम शामिल है.
मरु महोत्सव के कार्यक्रमों को देखने के लिए विदेशी सैलानी भी पीछे नहीं रहे. डेडानसर मैदान में उत्सुकता के साथ सभी कार्यक्रमों को देख सैलानी रोमांचित दिखे. रेगिस्तानी जहाज के करतबों एवं राजस्थानी संस्कृति से भरपूर कार्यक्रमों को अपनी यादों के लिए अपने कैमरों में कैद करते दिखे. हजारों की संख्या में पहुंचे दर्शकों से पूरा स्टेडियम खचाखच भरा दिखा.
पणिहारी मटका रेस
मरु महोत्सव के दूसरे दिन पणिहारी प्रतिस्पर्धा पेयजल संस्कृति को रेखांकित करते हुए आयोजित की गई. देशी एवं विदेशी महिलाओं की पणिहारी मटका रेस सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रही. जिन विदेशी महिलाओं ने कभी मटके का पानी भी नहीं पीया उन्होंने भी सिर पर मटका रख कर दौड़ लगाई एवं उनके सिर से ज्यों ही मटका गिर पड़ा तब दर्शक अपनी हंसी को रोक न सके.
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पणिहारी मटका रेस में महिलाओं ने निर्धारित स्थान से 10 मीटर पर रखी ईढाणी को अपनी सिर पर रखकर उसके आगे 10 मीटर दूर पड़े पानी से भरे हुए मटके को उठाकर गंतव्य स्थल को दौड़ पडी. पणिहारी मटका रेस देशी एवं विदेशी महिलाओं के लिए अलग अलग आयोजित किया किया. रेस में विदेशियों में प्रथम पुरस्कार जेनी (इंग्लैण्ड), द्वितीय पुरस्कार लॉरेन (कनाड़ा) तथा तृतीय पुरस्कार रियाज (इजराईल) को दिया गया. इसी प्रकार भारतीय महिलाओं की पणिहारी मटका रेस में सीमा, रेणुका वैष्णव और बेबी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
मरु महोत्सव 2020 का तीसरा दिन विदेशी मेहमानों की रस्सा कस्सी प्रतियोगिताडेंडानसर मैदान में आयोजित की गई भारतीय एवं विदेशी पुरुषों एवं महिलाओं की रस्साकस्सी प्रतियोगिता भी रोचक रही जिसने दर्शकों को मोहित कर दिया. इस बार भी दोनों वर्गो में विदेशी मेहमानों कीे टीम ने बाजी मारी. पुरुष और महिला रस्सा-कस्सी प्रतियोगिता में विदेशी पुरुषों एवं महिलाओं ने अपने पूरा दम-खम दिखाया. लगातार दोनों राउण्ड ही विदेशी मेहमानों ने भारतीय मेजबानों को अपनी ओर खींच कर विजयश्री हासिल की. इस प्रतियोगिता के लिए तीन राउण्ड निर्धारित थे. लेकिन विदेशी मेहमानों ने दो राउण्ड में ही इसे समाप्त करा दिया.
ऊंटों के मनोहारी श्रृंगार से रूबरू हुए दर्शक
मरु महोत्सव के तीसरे दिन आयोजित की गई ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता भी आकर्षण का केन्द्र रही. इसमे सजे-धजे ऊंट और उन पर राजस्थानी पोशाक में रौबदार मूंछों वाले बांके जवान भी बहुत ही सुन्दर नजर आए. इस प्रतियोगिता में इस बार केवल तीन प्रतिभागियों ने ही भाग लिया. ऊंटों को मोरी, गोरबन्द, कण्ठमाल, लूम, परची, पिलान, तंग, मोड, पायल, घूघरा, पूछ बंधनी इत्यादि श्रृंगारों से सजाया गया. ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता के निर्णायकों ने श्रंगारित ऊंटों को बारीकी से परख कर इनमें ऊंट श्रृंगार में बीएसएफ के कानू चारण प्रथम और नखतसिंह हाड़ा द्वितीय तथा मीरे खां को तृतीय पुरस्कार दिया गया. शान-ए-मरुधरा प्रतियोगिता में BSF के सुरेन्द्र सिंह प्रथम, गोरधन सिंह द्वितीय और रमेशाराम को तृतीय पुरस्कार दिया गया.
कैमल पोलो मैच प्रतियोगिता
कैमल पोलो एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में मरु महोत्सव में आयोजित किया गया कैमल पोलो मैच भी दर्शकों के लिए काफी रोचक रहा. कैमल पोलो संघ इण्डिया बनाम सीमा सुरक्षा बल की टीमों के मध्य खेले गए. इस कैमल पोलो मैच में रेगिस्तान के जहाज ने पोलो खिलाड़ियों को अपना पूरा साथ दिया साथ ही फुटबाल के नज़ारे की ओर मुड़ कर इस मूक पशु ने यह दिखा दिया की वह कितना स्वामी भक्त है. खिलाड़ियों ने स्टीक के सहारे इस पोलो मैच को रोचक ढंग से खेला.
इसके अलावा मरु महोत्सव के अन्तर्गत हुई चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया. इनमें गंगा सुथार (सेंट पॉल) को प्रथम, वाश्विक व्यास (सेंट पॉल) और निर्मला मीणा (मॉडल स्कूल) को द्वितीय, अंकिता को तृतीय पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया. इस समारोह का यादगार संचालन जफर खान सिन्धी एवं गुलनाज ने किया.