जैसलमेर. राजस्थान के पर्यटन मानचित्र में विशेष पहचान बना चुका स्वर्णनगरी जैसलमेर में नववर्ष मनाने के बाद अब देशी-विदेशी सैलानियों के लौटने का सिलसिला शनिवार से प्रारंभ हो गया है. इस दौरान शहर छोड़ने से पहले सैलानियों ने दूर से नजर आने वाले सोनार दुर्ग को अपने कैमरे में कैद भी किया. स्वर्णनगरी जैसलमेर में गत गुरूवार रात्रि सम और खुहड़ी के रिसोर्ट में पर्यटकों ने उल्लास और उमंग के साथ नए साल का जश्न मनाया.
सैलानियों ने जैसलमेर के सम और खुहड़ी के रेतीले धोरों पर राजस्थानी लोक संगीत, पॉप म्यूजिक और पंजाबी संगीत की धुनों पर थिरकते नजर आए थे. इस दौरान रंग-बिरंगी आतिशबाजी के बीच नववर्ष का स्वागत किया. जैसलमेर में नववर्ष पर होटलों तथा रिसोर्ट में जो नो रूम वाला माहौल बना था वो अब आगामी दिनों में नहीं रहेगा. हालांकि शीतकालीन अवकाश जनवरी माह के पहले सप्ताह तक होने से सैलानियों की आवक बनी रहेगी.
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वैसे इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कम संख्या में सैलानी जैसलमेर भ्रमण पर पहुंचे. जिसमें देशी सैलानी ही अधिक थे. जैसलमेर जिले में पिछले 15 दिनों से सैलानियों की बहार छाई हुई थी. नववर्ष पर सैलानियों की आवक के चलते पिछले लंबे समय से कोरोना के कारण मंदी की मार झेल रहे पर्यटन व्यवसाय को मानो संजीवनी सी मिल गई. इससे पर्यटन व्यवसायी भी उत्साहित नजर आए.
शनिवार से सैलानियों की आवक कम हो गई है और जो सैलानी यहां आए हुए थे वे अब लौटने लगे हैं. सुबह से ही जैसलमेर से जोधपुर, बाड़मेर जाने वाले मार्गों पर वाहनों की कतारें जाती हुई नजर आई. वहीं सम और खुहड़ी के रेतीले धोरों पर अपना नववर्ष मनाने के बाद लौटे सैलानी काफी उत्साहित दिखाई दिए.