जैसलमेर. प्रदेश की राजनीति में चल रहे सियासी घमासान के बीच आज जैसलमेर दिनभर सुर्खियों का केंद्र बना रहा. लगभग 18 दिन के गहलोत समर्थक विधायकों के बाड़ेबंदी के बाद शुक्रवार उन्हें जयपुर के फेयर माउंट होटल से दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर सुबह से ही चर्चाओं का बाजार गर्म था.
जयपुर से विधायकों को जैसलमेर, जोधपुर उदयपुर, माउंटआबू ले जाने की अटकलें लगाई जा रही थी कि इसी बीच अंतिम निर्णय के रूप में अशोक गहलोत के कांग्रेस समर्थक विधायकों को जैसलमेर लाये जाने पर मुहर लगी. जिसके बाद दो चरणों में 89 विधायकों को जैसलमेर लाया गया. विधायकों को जैसलमेर लाने से पहले स्थानीय प्रशासन, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई और होटल सूर्यगढ़ और सिविल एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करना शुरू कर दी.
पहले चरण में शुक्रवार दोपहर 3 बजे, 3 चार्टर विमान जैसलमेर के सिविल एयरपोर्ट पहुंचे. जिसमें राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और जैसलमेर के पोकरण विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद की अगुवाई में 48 विधायकों को जैसलमेर लाया गया, जिन्हें सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच सम रोड स्थित जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर होटल सूर्यगढ़ में ले जाया गया.
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वहीं देर शाम 7 बजे दूसरे चरण में दो चार्टर विमानों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, विधायक दिव्या मदेरणा सहित कई विधायक जैसलमेर आए और सिविल एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से सभी होटल सूर्यगढ़ पहुंचे.
मिली जानकारी के अनुसार जयपुर से 89 विधायक जैसलमेर पहुंचे हैं. जो आगामी 13 अगस्त तक होटल सूर्यगढ़ में बाड़ेबंदी में रहेंगे, लेकिन इसी बीच कुछ अपुष्ट खबरें यह भी सामने आ रही है कि कुछ दिनों बाद इन्हें यहां से अन्य जगह भी शिफ्ट किया जा सकता है . विधायकों के जैसलमेर पहुंचने पर कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा होटल सूर्यगढ़ के आगे अशोक गहलोत और कांग्रेस के समर्थन में नारेबाजी भी की गई और केंद्र की भाजपा सरकार सहित केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत के विरोध में भी नारेबाजी हुई.
इस पूरे घटनाक्रम के बीच जहां कांग्रेस के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ भी जैसलमेर एयरपोर्ट पहुंचे थे और मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधायकों को जैसलमेर भ्रमण के लिए लाया गया है, क्योंकि पिछले कई दिनों से एक जगह रहने से वह बोर हो गए थे. उन्होंने इस दौरान कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है, गहलोत सरकार 5 वर्षों तक जनता की सेवा करेगी साथ ही अगले 5 वर्ष भी जनता उन्हें यह मौका देगी.
मीडिया से बातचीत के दौरान जाखड़ ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह षड्यंत्र कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल केंद्र की भाजपा सरकार के निर्देशों की पालना करते हैं और वो दबाव में है. जैसलमेर में कांग्रेस विधायकों के पहुंचने के दौरान पुलिस ने सिविल एयरपोर्ट और होटल सूर्यगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत कर रखी थी कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था और मीडिया को भी दोनों जगह दूर रखा गया.
कांग्रेस समर्थक विधायकों को जैसलमेर लाने को लेकर भी आज दिन भर बाजार गर्माया रहा और इसके लिए कई अटकलें भी लगाई गई. जहां एक ओर सुरक्षा के मद्देनजर अत्यंत सुरक्षित माहौल को देखते हुए विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए यहां लाने की बात सामने आई, तो वहीं दूसरी तरफ पर्यटन नगरी जैसलमेर के प्रति अशोक गहलोत का लगाव और भारत-पाक सीमा स्थित तनोट माता मंदिर के प्रति मुख्यमंत्री की अटूट आस्था भी चर्चा का विषय बनी रही.
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज रात 9:30 बजे विधायक दल की बैठक होनी थी जो आज के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए टाल दी गई. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ मंत्री और विधायकों सहित कांग्रेस समर्थित विधायक जो जैसलमेर नहीं पहुंचे हैं, उनके आज जैसलमेर आने की संभावना है उसके बाद यह बैठक होगी. ऐसे में कहा जा सकता है की आगामी कुछ दिनों तक राजस्थान की सरकार जैसलमेर में मेहमान होगी और सबकी निगाहें जैसलमेर पर टिकी रहेगी.