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पहले हवा तो अब धूप से बदल रही जैसलमेर की तकदीर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जैसलमेर की हवाओं के साथ-साथ अब यहां की धूप का भी उपयोग उर्जा उत्पादन के लिये किया जायेगा. पवन उर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं के चलते यहां पर कई देशी और विदेशी कंपनियों ने करोड़ों का निवेश कर प्रदेश को एनर्जी हब के रूप में नई पहचान दी.

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Published : Sep 22, 2019, 2:07 PM IST

जैसलमेर. देश के पश्चिमी छोर पर बसा सरहदी जिला जैसलमेर जो अपने विशाल रेगिस्तान और अपनी विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के चलते काले पानी के रूप में जाना जाता था. लेकिन समय और परिस्थितयों के बदलने के साथ-साथ जैसलमेर ने अपनी नई पहचान बनाना आरम्भ कर दिया. पवन उर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं के चलते यहां पर कई देशी और विदेशी कंपनियों ने करोड़ों का निवेश कर प्रदेश को एनर्जी हब के रूप में नई पहचान दी.

जैसलमेर में शुरू होगी सौर उर्जा उत्पादन

इस बार अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जैसलमेर में उर्जा उत्पादन को लेकर अपनी मंशा को स्पष्ट करते हुए उर्जा नीति बना कर कहा है कि अब जैसलमेर की हवाओं के साथ-साथ यहां की धूप का भी उपयोग उर्जा उत्पादन के लिये किया जायेगा. वहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से यहां पर सौर उर्जा के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश के लिये आगे आई है. साथ ही यहां सौर उर्जा को लेकर वृहद स्तर पर काम आरम्भ भी हो गया है.

पढ़ेंः कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं को भरपेट नहीं मिलता भोजन !

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्ववर्ती कार्यकाल में जैसलमेर जिले में उर्जा के क्षेत्र में विकास का आगाज हुआ था. जिसके चलते जिला उर्जा उत्पादन में अग्रणी बन गया और यहां के लोगों को भी रोजगार के नये विकल्प उपलब्ध हुए लेकिन अशोक गहलोत की सरकार के जाते ही बीजेपी की वसुंधरा सरकार की स्पष्ट उर्जा नीति नहीं होने के चलते यहां एक बार फिर उर्जा उत्पादन के निवेश पर ब्रेक लग गया था. जैसलमेर जिले में उर्जा उत्पादन की असीम संभावनाओं को नये पंख देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी जैसलमेर यात्रा के दौरान स्पष्ट किया था कि पहले जैसलमेर की हवाओं को तो अब यहां की धूप को इस्तेमाल कर उर्जा के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी बनाने का काम सरकार की ओर से किया जा रहा है.

उन्होंने कहा था कि इस संबंध में सरकार ने अपनी उर्जा नीति को भी स्पष्ट कर दिया है ताकि निवेश करने वाली कंपनियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. गहलोत ने कहा है कि उर्जा कंपनियों की स्थापना के साथ जैसलमेर जिला विकास की दौड में देश के अग्रणी जिलों के साथ कंधे से कंधा मिला सकता है. अब जिले में उर्जा उत्पादन को लेकर सरकार की ओर से की गयी पहल ने जिले की तकदीर को बदल कर रख दिया है.

पढ़ेंः लूट और हत्या मामले में 6 घंटे के अंदर जैसलमेर पुलिस को मिली सफलता...4 गिरफ्तार

बता दें कि पवन उर्जा उत्पादन में जहां सुजलॉन, एनरकॉन, विन्डवर्ड, आईनौक्स, वैस्टाज सहित कई नामी गिरामी कंपनियों की तरफ से बड़ा निवेश किया गया है. वहीं अब सौर उर्जा के लिये भी यहां पर अडानी, एस्सेल सहित कई बड़ी कंपनियां अपने प्लांट स्थापित कर रही है. उर्जा उत्पादन से जहां, यहां के स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के अवसरों की स्थापना होगी वहीं शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इस जिले के युवा अब शिक्षा से जुड़कर इन कंपनियों में बडे़ पदों पर काम करने की ओर अग्रसर भी हो रहे हैं.

जैसलमेर. देश के पश्चिमी छोर पर बसा सरहदी जिला जैसलमेर जो अपने विशाल रेगिस्तान और अपनी विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के चलते काले पानी के रूप में जाना जाता था. लेकिन समय और परिस्थितयों के बदलने के साथ-साथ जैसलमेर ने अपनी नई पहचान बनाना आरम्भ कर दिया. पवन उर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं के चलते यहां पर कई देशी और विदेशी कंपनियों ने करोड़ों का निवेश कर प्रदेश को एनर्जी हब के रूप में नई पहचान दी.

जैसलमेर में शुरू होगी सौर उर्जा उत्पादन

इस बार अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जैसलमेर में उर्जा उत्पादन को लेकर अपनी मंशा को स्पष्ट करते हुए उर्जा नीति बना कर कहा है कि अब जैसलमेर की हवाओं के साथ-साथ यहां की धूप का भी उपयोग उर्जा उत्पादन के लिये किया जायेगा. वहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से यहां पर सौर उर्जा के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश के लिये आगे आई है. साथ ही यहां सौर उर्जा को लेकर वृहद स्तर पर काम आरम्भ भी हो गया है.

पढ़ेंः कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं को भरपेट नहीं मिलता भोजन !

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्ववर्ती कार्यकाल में जैसलमेर जिले में उर्जा के क्षेत्र में विकास का आगाज हुआ था. जिसके चलते जिला उर्जा उत्पादन में अग्रणी बन गया और यहां के लोगों को भी रोजगार के नये विकल्प उपलब्ध हुए लेकिन अशोक गहलोत की सरकार के जाते ही बीजेपी की वसुंधरा सरकार की स्पष्ट उर्जा नीति नहीं होने के चलते यहां एक बार फिर उर्जा उत्पादन के निवेश पर ब्रेक लग गया था. जैसलमेर जिले में उर्जा उत्पादन की असीम संभावनाओं को नये पंख देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी जैसलमेर यात्रा के दौरान स्पष्ट किया था कि पहले जैसलमेर की हवाओं को तो अब यहां की धूप को इस्तेमाल कर उर्जा के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी बनाने का काम सरकार की ओर से किया जा रहा है.

उन्होंने कहा था कि इस संबंध में सरकार ने अपनी उर्जा नीति को भी स्पष्ट कर दिया है ताकि निवेश करने वाली कंपनियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. गहलोत ने कहा है कि उर्जा कंपनियों की स्थापना के साथ जैसलमेर जिला विकास की दौड में देश के अग्रणी जिलों के साथ कंधे से कंधा मिला सकता है. अब जिले में उर्जा उत्पादन को लेकर सरकार की ओर से की गयी पहल ने जिले की तकदीर को बदल कर रख दिया है.

पढ़ेंः लूट और हत्या मामले में 6 घंटे के अंदर जैसलमेर पुलिस को मिली सफलता...4 गिरफ्तार

बता दें कि पवन उर्जा उत्पादन में जहां सुजलॉन, एनरकॉन, विन्डवर्ड, आईनौक्स, वैस्टाज सहित कई नामी गिरामी कंपनियों की तरफ से बड़ा निवेश किया गया है. वहीं अब सौर उर्जा के लिये भी यहां पर अडानी, एस्सेल सहित कई बड़ी कंपनियां अपने प्लांट स्थापित कर रही है. उर्जा उत्पादन से जहां, यहां के स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के अवसरों की स्थापना होगी वहीं शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े इस जिले के युवा अब शिक्षा से जुड़कर इन कंपनियों में बडे़ पदों पर काम करने की ओर अग्रसर भी हो रहे हैं.

Intro:Body:पहले हवा तो अब धूप से बदल रही इलाके की तकदीर
जैसलमेर जिले में उर्जा उत्पादन को लेकर मुख्यमंत्री की पहल
नई उर्जा नीति के बाद सौर उर्जा क्षेत्र में होने लगा बडा निवेश
देश में उर्जा हब के रूप में जिले को मिलेगी नई पहचान
उर्जा उत्पादन को लेकर मुख्यमंत्री भी दिखा रहे पूरी गंभीरता

देश के पश्चिमी छोर पर बसा सरहदी जिला जैसलमेर जो अपने विशाल रेगिस्तान और अपनी विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के चलते काले पानी के रूप में जाना जाता था। लेकिन समय और परिस्थितयों के बदलने के साथ-साथ जैसलमेर ने अपनी पुरानी पहचान के इतर नई पहचान गढना आरम्भ कर दिया, पवन उर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं के चलते यहां पर कई देशी व विदेशी कंपनियों ने करोडों का निवेश कर जैसलमेर जिले को एनर्जी हब के रूप में नई पहचान दी। इस बार अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जैसलमेर में उर्जा उत्पादन को लेकर अपनी मंशा को स्पष्ट करते हुए उर्जा नीति बना कर कहा है कि अब जैसलमेर की हवाओं के साथ-साथ यहां की धूप का भी उपयोग उर्जा उत्पादन के लिये किया जायेगा और मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से यहां पर सौर उर्जा के क्षेत्र में बडी बडी कंपनियां निवेश के लिये आगे आई है और यहां सौर उर्जा को लेकर वृहद स्तर पर काम आरम्भ भी हो गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्ववर्ती कार्यकाल में जैसलमेर जिले में उर्जा के क्षेत्र में विकास का आगाज हुआ था जिसके चलते जिला उर्जा उत्पादन में अग्रणी बन गया और यहां के लोगों को भी रोजगार के नये विकल्प उपलब्ध हुए लेकिन अशोक गहलोत की सरकार के जाते ही बीजेपी की वसुंधरा सरकार की स्पष्ट उर्जा नीति नहीं होने के चलते यहां एक बार फिर उर्जा उत्पादन में निवेश पर ब्रेक लग गया था। जैसलमेर जिले में उर्जा उत्पादन की असीम संभावनाओं को नये पंख देते हुए सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी जैसलमेर यात्रा के दौरान स्पष्ट किया था कि पहले जैसलमेर की हवाओं को तो अब यहां की धूप को इस्तेमाल कर उर्जा के क्षेत्र में जैसलमेर जिले को देशभर में अग्रणी बनाने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि इस संबंध में सरकार ने अपनी उर्जा नीति को भी स्पष्ट कर दिया है ताकि निवेश करने वाली कंपनियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पडे। गहलोत ने कहा है कि उर्जा कंपनियों की स्थापना के साथ जैसलमेर जिला विकास की दौड में देश के अग्रणी जिलों के साथ कंधे से कंधा मिला सकता है।अब जिले में उर्जा उत्पादन को लेकर सरकार द्वारा की गयी पहल ने जिले की तकदीर को बदल कर रख दिया है।

पवन उर्जा उत्पादन में जहां सुजलॉन, एनरकॉन, विन्डवर्ड, आईनौक्स, वैस्टाज सहित कई नामी गिरामी कंपनियों द्वारा बडा निवेश किया गया है वहीं अब सौर उर्जा के लिये भी यहां पर अडानी, एस्सेल सहित कई बडी कंपनियां अपने प्लांट स्थापित कर रही है जो कि जिले के विकास को नये पंख देने वाली है। उर्जा उत्पादन से जहां यहां के स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के अवसरों की स्थापना होगी वहीं शिक्षा के क्षेत्र में पिछडे इस जिले के युवा अब शिक्षा से जुडकर इन कंपनियों में बडे पदों पर काम करने की ओर अग्रसर भी हो रहे हैं।

बाईट -1 - सालेह मोहम्मद , केबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार
बाईट-2- अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकारConclusion:
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