जैसलमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने औषधीय पौधों के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने की ठानी है. कोरोना महामारी के दौर में आमजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए RSS ने हजारों गिलोय के पौधे तैयार कर उन्हें घर-घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. जैसलमेर जिले में भी RSS कार्यकर्ता गिलोय के पौधे जिले भर में वितरित करेंगे.
भारतीय पुरातन संस्कृति में औषधीय पौधों का विशेष महत्व है. इस कोरोना महामारी के काल में कई लोगों अपनी इम्यूनिटि बढ़ाने के लिए इन्हीं औषधीय पौधों का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में विभिन्न जगहों पर लगभग 15 हजार गिलोय के पौधे तैयार कर उन्हें जिलेभर में वितरित किया जाएगा. संघ के पदाधिकारी अमृतलाल दैया ने जानकारी देते हुए बताया कि औषधीय पेड़-पौधों का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व था लेकिन पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के चलते धीरे-धीरे इसका प्रचलन घट रहा है. ऐसे में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संघ प्रकृति वंदन कार्यक्रम देशभर में चला रहा है. उसी के तहत यह पौध तैयार कर घर-घर तक औषधीय पौधों का महत्व और उसके लाभ को पहुंचाया जाएगा.
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ की प्रत्येक बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) पर तुलसी और गिलोय का एक-एक पौधा भी वितरित किया जाएगा. संघ के जिला प्रचारक गिरधारीलाल ने बताया कि जिलेभर में 8 स्थानों पर संघ के कार्यकर्ताओं की ओर से पिछले 7 दिनों से यह पौध तैयार की जा रही है. जिसके बाद 5 जून से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए यह पौधे वितरित की जाएंगे. इन पौधों की सार्वजनिक स्थानों पर इसके वितरण को प्राथमिकता दी जाएगी.