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फोन टैपिंग पर बवाल: मंत्री हरीश चौधरी ने केंद्र सरकार को घेरा, कहा- सबको पता है फोन टैपिंग कौन करवाता है

राजस्थान में एक बार फिर फोन टैपिंग का मुद्दा गरमा गया है. मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से एफआईआर दर्ज करवाने के बाद से नेताओं के बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पूरे देश को पता है कि फोन टैपिंग कौन करवा रहा है.

Harish Chaudhary statement in phone tapping case,  Phone tapping case
मंत्री हरीश चौधरी ने केंद्र सरकार को घेरा
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Published : Mar 26, 2021, 6:12 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान में सियासी उठापटक के समय फोन टैपिंग का जिन्न रह-रह कर बाहर आ रहा है. फोन टैपिंग मामले में 17 मार्च को विधानसभा में सरकार की ओर से जवाब दिया गया था. जिसमें किसी भी विधायक, मंत्री के फोन टैपिंग से साफ इनकार किया गया था. लेकिन 10 दिन बाद एक बार फिर फोन टैपिंग का मुद्दा गरमा गया है.

मंत्री हरीश चौधरी ने केंद्र सरकार को घेरा

पढ़ें- फोन टैपिंग मामला: शेखावत के FIR दर्ज कराने के पीछे भाजपा की बड़ी साजिश: कांग्रेस

इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की तरफ से तुगलक रोड थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इसके बाद से नेताओं के बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. मामले में प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पूरे देश को पता है कि फोन टैपिंग कौन करवा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फोन टैपिंग मामले में शामिल है और उसके बाद इस प्रकार का माहौल पैदा किया जा रहा है.

पढ़ें- फोन टैपिंग मामला : केंद्रीय मंत्री शेखावत ने की शिकायत, क्राइम ब्रांच करेगी जांच

राजस्व चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुखिया ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि यदि प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि के फोन टैपिंग का मामला सामने आता है तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे. चौधरी ने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री शेखावत इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहते हैं तो उन्हें एक जनप्रतिनिधि होने के चलते आगे आकर अपना वॉइस सैंपल देना चाहिए. इससे मामले में जांच आगे बढ़ सकेगी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं.

पढ़ें- फोन टैपिंग मामला: गजेंद्र सिंह शेखावत FIR की नौटंकी बंद करें और अपना वॉइस सैंपल दें: डोटासरा

दरअसल, पिछले वर्ष राजस्थान में सियासी संकट के समय कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था. इसी घटनाक्रम में विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे. हालांकि, अधिकारियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद इसका खंडन किया था.

जैसलमेर. राजस्थान में सियासी उठापटक के समय फोन टैपिंग का जिन्न रह-रह कर बाहर आ रहा है. फोन टैपिंग मामले में 17 मार्च को विधानसभा में सरकार की ओर से जवाब दिया गया था. जिसमें किसी भी विधायक, मंत्री के फोन टैपिंग से साफ इनकार किया गया था. लेकिन 10 दिन बाद एक बार फिर फोन टैपिंग का मुद्दा गरमा गया है.

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इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की तरफ से तुगलक रोड थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इसके बाद से नेताओं के बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. मामले में प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पूरे देश को पता है कि फोन टैपिंग कौन करवा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फोन टैपिंग मामले में शामिल है और उसके बाद इस प्रकार का माहौल पैदा किया जा रहा है.

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राजस्व चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुखिया ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि यदि प्रदेश के किसी जनप्रतिनिधि के फोन टैपिंग का मामला सामने आता है तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे. चौधरी ने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री शेखावत इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहते हैं तो उन्हें एक जनप्रतिनिधि होने के चलते आगे आकर अपना वॉइस सैंपल देना चाहिए. इससे मामले में जांच आगे बढ़ सकेगी, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं.

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दरअसल, पिछले वर्ष राजस्थान में सियासी संकट के समय कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था. इसी घटनाक्रम में विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे. हालांकि, अधिकारियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद इसका खंडन किया था.

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