जैसलमेर. जिले में लोकतंत्र के दौर में आज भी राजतंत्र के रीति रिवाजों के लिए आस्था कम नहीं हुई है. जिसका दृश्य देखने को मिला जैसलमेर के नए महारावल चैतन्यराज सिंह भाटी के राजतिलक समारोह में. बुधवार को जैसलमेर रियासत के 44वें महारावल के रूप में चैतन्यराज सिंह भाटी का राजतिलक हुआ और वे राज गद्दी पर भी बैठे.
इस दौरान ऐतिहासिक सोनार दुर्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया. जहां पर जिले के कई रियासतकालीन ठिकानों सहित प्रदेशभर से पूर्व राजपूत रियासतों और राजपरिवारों के सदस्यों ने हिस्सा लिया. साथ ही जैसलमेर की जनता भी भारी संख्या में सोनार दुर्ग पहुंचकर इस समारोह की साक्षी बनी.
सोनार दुर्ग के राजमहल में रियासतकालीन परंपरा के अनुसार राजतिलक किया गया. जिसमें पूर्व राजपरिवार के शाही पंडितों ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की. इसके बाद महारावल का राजतिलक किया गया. राजतिलक के बाद नए महारावल ने कुलदेवी स्वांगिया माता मंदिर और नगर आराध्य लक्ष्मीनाथ जी मंदिर में पूजा अर्चना कर जिले की मंगल कामना की और आशीर्वाद प्राप्त किया.
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जिसके बाद सोनार दुर्ग स्थित दशहरा चौक में जनता दर्शन का आयोजन हुआ. वहीं, महारावल की शाही सवारी सोनार दुर्ग से निकलकर शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई मंदिर पैलेस पहुंची जहां पूर्व राजमाता से आशीर्वाद लिया गया.