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पाकिस्तान के आए टिड्डी दल की रोकथाम के लिए कीटनाशक स्प्रे... लेकिन राज्य पक्षी गोडावण के लिए खतरा - राजस्थान

टिड्डी दलों को रोकने के लिए खुले क्षेत्रों में कीटनाशक स्प्रे किए गए है. लेकिन स्प्रे से क्षेत्र में विचरण करने वाले राजस्थान के दुर्लभ और अति संकटग्रस्त राज्य पक्षी गोडावण पर संकट के बादल मंडराने लगे है.

टिड्डी दल की रोकथाम के लिए कीटनाशक स्प्रे
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Published : May 25, 2019, 8:18 PM IST

जैसलमेर. पाकिस्तान से लगातार तीसरे दिन भी जैसलमेर के गलार गांव में टिड्डी दल आया है. जिसके बाद टिड्डी नियंत्रण को लेकर प्रयास बड़े स्तर पर चल रहे हैं. बीकानेर और फलौदी को विशेष अलर्ट कर दिया गया है. पाकिस्तान में टिड्डी नियंत्रण नहीं होने से यह हालात बने है. राजस्थान और गुजरात दोनों प्रदेशों में टिड्डी नियंत्रण संगठन अलर्ट मोड पर आ गया है. लेकिन ये संकट गोडावण के लिए भी खतरा साबित हो सकता हैं.

टिड्डी दल की रोकथाम के लिए कीटनाशक स्प्रे... लेकिन ये राज्य पक्षी गोडावण के लिए भी खतरा

जानकारी के मुताबिक सीमा पार पाकिस्तान से और भी टिड्डी दल आने की खबर है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में नियंत्रित नहीं होने से यह आगे बढ़ रहा है. जिसके चलते रामदेवरा में इस पर नियंत्रण के प्रयास हो रहे हैं. लेकिन, पाकिस्तान की हवा के रुख के साथ फैलता हुआ ये गुजरात, बीकानेर और फलौदी तक पहुंच सकता है. जिले की रामदेवरा लोहारी फील्ड फायरिंग रेंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में पिछले दिनों दिखे टिड्डी दलों और उनके प्रसार की संभावनाओं को रोकने के लिए खुले क्षेत्रों में कीटनाशक स्प्रे किए गए है.

गोडावन का मुख्य आहार होता है टिड्डी
लेकिन स्प्रे से क्षेत्र में विचरण करने वाले राजस्थान के दुर्लभ और अति संकटग्रस्त राज्य पक्षी गोडावण पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. बता दें कि यह टिड्डी गोडावन के मुख्य आहार का हिस्सा होती है. इस प्रकार जहर युक्त खाने से क्षेत्र में विचरण कर रहे गोडावनों के लिए बीमार होने वह मरने की आशंका बढ़ गई है.

कलेक्टर को दिया गया सौंपा
गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों से भारत सरकार और राज्य सरकार से करोड़ों रुपए की महत्वाकांक्षी गोडावण संरक्षण योजना भी चल रही है. वर्तमान में एक गोडावण ब्रीडिंग और अंडा संग्रहण केंद्र रामदेवरा के पास बनाया जा रहा है. दूसरी तरफ वन्य जीव प्रेमी राधेश्याम बिश्नोई के नेतृत्व में जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन सौंपा गया. जो की संकटग्रस्त गोडावण संरक्षण परियोजना को ध्यान में रखते हुए भी दल नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाई में सावधानी सुनिश्चित करने और पारंपरिक स्तर पर अन्य प्रकार के जैविक व यांत्रिक विधियों का इस्तेमाल करने के लिए ज्ञापन दिया.

स्प्रे छिड़काव गोडावन के लिए जानलेवा
वहीं नई दिल्ली स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुमित डाउकिया ने बताया कि रामदेवरा पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज लाठी धोलिया के आसपास के क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गोडावण है. गोडावण का प्रिय भोजन टिड्डी है. कृषि विभाग नियंत्रण दल की ओर से कीटनाशक का छिड़काव करने के प्रयास किए जा रहे हैं. गोडावण स्वास्थ्य पर असर होगा. साथ ही जानलेवा भी साबित हो सकता है.

जैसलमेर. पाकिस्तान से लगातार तीसरे दिन भी जैसलमेर के गलार गांव में टिड्डी दल आया है. जिसके बाद टिड्डी नियंत्रण को लेकर प्रयास बड़े स्तर पर चल रहे हैं. बीकानेर और फलौदी को विशेष अलर्ट कर दिया गया है. पाकिस्तान में टिड्डी नियंत्रण नहीं होने से यह हालात बने है. राजस्थान और गुजरात दोनों प्रदेशों में टिड्डी नियंत्रण संगठन अलर्ट मोड पर आ गया है. लेकिन ये संकट गोडावण के लिए भी खतरा साबित हो सकता हैं.

टिड्डी दल की रोकथाम के लिए कीटनाशक स्प्रे... लेकिन ये राज्य पक्षी गोडावण के लिए भी खतरा

जानकारी के मुताबिक सीमा पार पाकिस्तान से और भी टिड्डी दल आने की खबर है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में नियंत्रित नहीं होने से यह आगे बढ़ रहा है. जिसके चलते रामदेवरा में इस पर नियंत्रण के प्रयास हो रहे हैं. लेकिन, पाकिस्तान की हवा के रुख के साथ फैलता हुआ ये गुजरात, बीकानेर और फलौदी तक पहुंच सकता है. जिले की रामदेवरा लोहारी फील्ड फायरिंग रेंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में पिछले दिनों दिखे टिड्डी दलों और उनके प्रसार की संभावनाओं को रोकने के लिए खुले क्षेत्रों में कीटनाशक स्प्रे किए गए है.

गोडावन का मुख्य आहार होता है टिड्डी
लेकिन स्प्रे से क्षेत्र में विचरण करने वाले राजस्थान के दुर्लभ और अति संकटग्रस्त राज्य पक्षी गोडावण पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. बता दें कि यह टिड्डी गोडावन के मुख्य आहार का हिस्सा होती है. इस प्रकार जहर युक्त खाने से क्षेत्र में विचरण कर रहे गोडावनों के लिए बीमार होने वह मरने की आशंका बढ़ गई है.

कलेक्टर को दिया गया सौंपा
गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों से भारत सरकार और राज्य सरकार से करोड़ों रुपए की महत्वाकांक्षी गोडावण संरक्षण योजना भी चल रही है. वर्तमान में एक गोडावण ब्रीडिंग और अंडा संग्रहण केंद्र रामदेवरा के पास बनाया जा रहा है. दूसरी तरफ वन्य जीव प्रेमी राधेश्याम बिश्नोई के नेतृत्व में जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन सौंपा गया. जो की संकटग्रस्त गोडावण संरक्षण परियोजना को ध्यान में रखते हुए भी दल नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाई में सावधानी सुनिश्चित करने और पारंपरिक स्तर पर अन्य प्रकार के जैविक व यांत्रिक विधियों का इस्तेमाल करने के लिए ज्ञापन दिया.

स्प्रे छिड़काव गोडावन के लिए जानलेवा
वहीं नई दिल्ली स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुमित डाउकिया ने बताया कि रामदेवरा पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज लाठी धोलिया के आसपास के क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गोडावण है. गोडावण का प्रिय भोजन टिड्डी है. कृषि विभाग नियंत्रण दल की ओर से कीटनाशक का छिड़काव करने के प्रयास किए जा रहे हैं. गोडावण स्वास्थ्य पर असर होगा. साथ ही जानलेवा भी साबित हो सकता है.

Intro:मनीष व्यास जैसलमेर पाकिस्तान से लगातार तीसरे दिन भी जैसलमेर के गलार गांव में टिड्डी दल आया है टिड्डी नियंत्रण को लेकर प्रयास बड़े स्तर पर चल रहे हैं ।बीकानेर और फलोदी को विशेष अलर्ट कर दिया गया है। पाकिस्तान में टिड्डी नियंत्रण नहीं होने से यह हालात बने हैं राजस्थान को गुजरात दोनों प्रदेशों में टिड्डी नियंत्रण संगठन अलर्ट पर आ गया है. लेकिन या संकटग्रस्त गोडावण के लिए भी खतरा साबित हो सकते हैं।


Body:सीमा पार पाकिस्तान से और भी टिड्डी दल आने की जानकारी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में नियंत्रित नहीं होने से यह आगे बढ़ रहा है ।यह रामदेवरा में इस पर नियंत्रण के प्रयास हो रहे हैं ।लेकिन पाकिस्तान की यहां हवा के रुख के साथ फैलता है तो गुजरात बीकानेर और फलोदी तक पहुंच सकता है ।जिले की रामदेवरा लोहारकी फील्ड फायरिंग रेंज व आसपास के क्षेत्रों में पिछले दिनों दिखे टिड्डी दलों और उनके प्रसार की संभावनाओं को रोकने के लिए खुले क्षेत्रों में किए गए कीटनाशक स्प्रे से इस क्षेत्र में विचरण करने वाले राजस्थान के दुर्लभ व अति संकटग्रस्त राज्य पक्षी गोडावण पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं ।यह टिड्डी गोडावन के मुख्य आहार का हिस्सा होती है। इस प्रकार जहर युक्त खाने से क्षेत्र में विचरण कर रहे गोडावनों के लिए बीमार होने वह मरने की आशंका बढ़ गई है।


Conclusion:गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों से भारत सरकार और राज्य सरकार से करोड़ों रुपए की महत्वाकांक्षी गोडावण संरक्षण योजना भी चल रही है और वर्तमान में एक गोडावण ब्रीडिंग और अंडा संग्रहण केंद्र रामदेवरा के पास बनाया जा रहा है। अखिल भारतीय जीव रक्षा विशेषज्ञ बिश्नोई सभा के तहसील संयोजक राधेश्याम बिश्नोई के नेतृत्व में जिला कलेक्टर नमित मेहता को संकटग्रस्त गोडावण संरक्षण परियोजना को ध्यान में रखते हुए भी दल नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाई में सावधानी सुनिश्चित करने व पारंपरिक स्तर पर अन्य प्रकार के जैविक व यांत्रिक विधियों का इस्तेमाल करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। वही नई दिल्ली स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमित डाउकिया ने बताया कि रामदेवरा पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज लाठी धोलिया के आसपास के क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक गोडावण है जो टिड्डी गोडावण का प्रिय भोजन है और कृषि विभाग नियंत्रण दल की ओर से कीटनाशक का छिड़काव करने के प्रयास किए जा रहे हैं गोडावण स्वास्थ्य पर असर होगा जानलेवा भी साबित हो सकता है। बाइट राधेश्याम विश्नोई वन्यजीव प्रेमी बाइट डॉ सुमित डाउकिया असिस्टेंट प्रोफेसर नोट इस खबर के विजुअल और बाइट एफटीपी किए गए हैं जो निम्न नाम से प्रेषित है।। rj_jsl_tiddi_dal_spre_godawan_khatra_01_rj10014
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