जैसलमेर. जिले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया. कोरोना काल में पेश होने वाला यह पहला बजट है और यह पूरी तरह से पेपरलेस रहा और डिजिटल भारत और मेक इन इंडिया की तर्ज पर बने टैबलेट की ओर से पेश किया गया.
बजट पेश होने के बाद सरहदी जिले जैसलमेर में भी बजट को लेकर हर जगह चर्चाएं होने लगी है. आज पेश हुए बजट को लेकर ईटीवी भारत ने जैसलमेर जिले के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से खास बातचीत की और जाना कि बजट को लेकर उनकी क्या प्रतिक्रिया है.
बातचीत के दौरान किसान नेता हाथी सिंह मुलाना ने बताया कि भाजपा का लक्ष्य है कि वे 2022 तक किसानों की आय को दुगुनी करेंगे और उसी की तर्ज पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर एमएसपी को डेढ़ गुना किया गया है. साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड में लगने वाले ब्याज को 2% कम किया गया है. वहीं गोपालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय कामधेनु योजना लागू की गई है, जो कि किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी.
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चार्टर्ड अकाउंटेंट शुभम व्यास ने बताया कि बजट में सरकार ने मूलभूत आवश्यकताओं को प्राथमिकता पर रखा है. इसके साथ ही 75 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों को आयकर से मुक्त रखा गया है. वहीं उन्होंने बताया कि बजट में निजी करण पर जोर दिया गया है, जो जनता के लिए कितना लाभदायक साबित होगा, ये तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन सरकार को इससे आय जरुर होगी. वहीं बात करें तो बजट के बाद जैसलमेर के लोग इससे काफी संतुष्ट दिए और इसे नपा-तुला बजट बताया.