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स्वर्णनगरी में सैलानियों का बूम, गुजराती पर्यटकों की बढ़ी रेलमपेल - जैसलमेर न्यूज

'केम छो, आवजो, तमारुं नाम शु छे, तमे क्यां रहो छो, तमे शु करो छो' जी हां गुजराती भाषा के इन शब्दों से इन दिनों स्वर्णनगरी जैसलमेर की सड़कें गूंज रही हैं. दिपावाली के बाद जैसलमेर में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवक एकाएक बढ़ गई है, जिससे शहर की होटलों में नो रूम की स्थिति पैदा हो गई है. बड़ी संख्या में आए गुजराती पर्यटकों के चलते शहर के बाजारों और पर्यटक स्थलों पर रेलमपेल बढ़ गई है.

जैसलमेर न्यूज, jaisalmer news
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Published : Oct 31, 2019, 6:10 PM IST

जैसलमेर. जिले में दीपावली पूजन के अगले दिन से गुजरात से आने वाले सैलानियों की संख्या में एकाएक इजाफा होने लगता है. एक सप्ताह तक लगातार गुजराती सैलानियों की आवक बनी रहती है. इसी कड़ी में इस बार भी बड़ी संख्या में गुजराती सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिये आये हैं, जिससे शहर की पार्किंग स्थलों सहित सड़कों पर भीड़ के हालात बन गये हैं.

स्वर्णनगरी में सैलानियों का बूम

आलम यह है कि यहां आने वाले सैलानियों को रूकने के लिये कमरे तक कम पड़ने लगे हैं. वहीं रेतीले धोरों पर सूर्यास्त का आनन्द लेने पहुंच रहे सैलानियों को ऊंट की सवारी के लिये भी लम्बी कतार में इंतजार करना पड़ रहा है. सम के धोरों में बने कैम्प में रात गुजारने के लिये ये सैलानी मुंह मांगी कीमतें तक देने को तैयार हैं. लेकिन वहां भी उन्हें जगह नहीं मिल पा रही है.

पर्यटकों का बूम, खुशी की लहर

पर्यटन सीजन की धीमी शुरूआत के चलते जिले में इस बार पर्यटन में मंदी की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन दिपावाली के बाद से बढे़ सैलानियों ने पर्यटन व्यवसायियों के चेहरों पर रौनक लौटा दी है. होटल से लेकर रेस्टोरेंट और गाईड से लेकर स्थानीय दुकानदार हर कोई इन सैलानियों की आवक से व्यस्त हो गया है और अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहा है.

पढ़ेंः अलवर लिचिंग मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान और उनके बेटों पर दर्ज FIR रद्द करने के दिए आदेश

वहीं जिले का भ्रमण करने वाले इन सैलानियों का भी कहना है कि जैसलमेर उनके लिये सपनों के शहर जैसा है. यहां के किले हवेलियां और रेतीले धोरे हर किसी को आकर्षित करने वाले हैं. सैलानियों का यह भी कहना है कि एक बार यहां आने के बाद बार बार आने की इच्छा होती है. यहां आने वाले सभी सैलानी गड़ीसर झील, शानदार किले और नक्काशीदार हवेलियों में अपने इन पलों को कैमरे में कैद कर इसे चिर स्थाई बना रहे हैं.

सोनार दुर्ग में हजारों की संख्या में पहुंचे सैलानी

स्वर्णनगरी सैलानियों की आवक से रोशन हो गई है, दिपावाली के अगले दिन से गुजराती पर्यटकों की आवक शुरू हो जाती है. इस बार भी सैलानियों की भारी भीड़ है और शहर में सैलानियों की आवक में इजाफा हुआ है. अनुमान के मुताबिक 20 हजार से अधिक सैलानी जैसलमेर पहुंच चुके हैं.

पढ़ेंः युवाओं ने सोशल मीडिया पर अपील कर जुटाए ₹72 लाख, जुर्माना भरने के बाद नागौर के गोविंद सऊदी जेल से रिहा

सुबह के समय सोनार दुर्ग में हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. वहीं दुर्ग की तलहटी पर सैलानियों का जमावड़ा नजर आ रहा है. पर्यटन व्यवसायी उत्साहित है और आगामी 5 दिन तक जैसलमेर में गुजराती पर्यटकों की भीड़ रहेगी. सोनार दुर्ग में इतनी भीड़ हो रही है कि पुलिसकर्मियों को यातायात सुचारू करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. हालात यह है कि दुर्ग में जाने के लिए लोगों को 5 मिनट की जगह आधा घंटा लग रहा है. शहर में भी इतनी भीड़ है कि जगह-जगह बार-बार जाम लग रहा है. शहर में एकाएक सैलानियों की जबरदस्त आवक होने से हर जगह भीड़ दिखाई दे रही है.

शहर के सभी पार्किंग स्थल हाउसफुल

शहर के सभी पार्किंग स्थल हाउसफुल नजर आ रहे हैं, सैलानियों को वाहन खड़ा करने की भी जगह नहीं मिल रही है. फोर्ट पार्किंग में सैकड़ों वाहनों की कतारें लगी हुई है. वहीं मलका प्रोल, गड़ीसर, पटवा हवेली, हनुमान चौराहा, गांधी चौक सहित सभी पार्किंग स्थलों पर वाहनों की कतारें लगी हुई है. शहर से 45 किमी दूर सम स्थित धोरों पर जाते ही ऐसा नजारा है मानो अलग ही शहर बस गया हो. शाम होते ही 50 से अधिक रिसोर्ट चकाचौंध लाइटिंग से जगमगा जाते हैं और साथ ही लोक धुनों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है. हजारों पर्यटक पहुंच रहे हैं और केमल सफारी का लुत्फ उठा रहे हैं.

जैसलमेर. जिले में दीपावली पूजन के अगले दिन से गुजरात से आने वाले सैलानियों की संख्या में एकाएक इजाफा होने लगता है. एक सप्ताह तक लगातार गुजराती सैलानियों की आवक बनी रहती है. इसी कड़ी में इस बार भी बड़ी संख्या में गुजराती सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिये आये हैं, जिससे शहर की पार्किंग स्थलों सहित सड़कों पर भीड़ के हालात बन गये हैं.

स्वर्णनगरी में सैलानियों का बूम

आलम यह है कि यहां आने वाले सैलानियों को रूकने के लिये कमरे तक कम पड़ने लगे हैं. वहीं रेतीले धोरों पर सूर्यास्त का आनन्द लेने पहुंच रहे सैलानियों को ऊंट की सवारी के लिये भी लम्बी कतार में इंतजार करना पड़ रहा है. सम के धोरों में बने कैम्प में रात गुजारने के लिये ये सैलानी मुंह मांगी कीमतें तक देने को तैयार हैं. लेकिन वहां भी उन्हें जगह नहीं मिल पा रही है.

पर्यटकों का बूम, खुशी की लहर

पर्यटन सीजन की धीमी शुरूआत के चलते जिले में इस बार पर्यटन में मंदी की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन दिपावाली के बाद से बढे़ सैलानियों ने पर्यटन व्यवसायियों के चेहरों पर रौनक लौटा दी है. होटल से लेकर रेस्टोरेंट और गाईड से लेकर स्थानीय दुकानदार हर कोई इन सैलानियों की आवक से व्यस्त हो गया है और अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहा है.

पढ़ेंः अलवर लिचिंग मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान और उनके बेटों पर दर्ज FIR रद्द करने के दिए आदेश

वहीं जिले का भ्रमण करने वाले इन सैलानियों का भी कहना है कि जैसलमेर उनके लिये सपनों के शहर जैसा है. यहां के किले हवेलियां और रेतीले धोरे हर किसी को आकर्षित करने वाले हैं. सैलानियों का यह भी कहना है कि एक बार यहां आने के बाद बार बार आने की इच्छा होती है. यहां आने वाले सभी सैलानी गड़ीसर झील, शानदार किले और नक्काशीदार हवेलियों में अपने इन पलों को कैमरे में कैद कर इसे चिर स्थाई बना रहे हैं.

सोनार दुर्ग में हजारों की संख्या में पहुंचे सैलानी

स्वर्णनगरी सैलानियों की आवक से रोशन हो गई है, दिपावाली के अगले दिन से गुजराती पर्यटकों की आवक शुरू हो जाती है. इस बार भी सैलानियों की भारी भीड़ है और शहर में सैलानियों की आवक में इजाफा हुआ है. अनुमान के मुताबिक 20 हजार से अधिक सैलानी जैसलमेर पहुंच चुके हैं.

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सुबह के समय सोनार दुर्ग में हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. वहीं दुर्ग की तलहटी पर सैलानियों का जमावड़ा नजर आ रहा है. पर्यटन व्यवसायी उत्साहित है और आगामी 5 दिन तक जैसलमेर में गुजराती पर्यटकों की भीड़ रहेगी. सोनार दुर्ग में इतनी भीड़ हो रही है कि पुलिसकर्मियों को यातायात सुचारू करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. हालात यह है कि दुर्ग में जाने के लिए लोगों को 5 मिनट की जगह आधा घंटा लग रहा है. शहर में भी इतनी भीड़ है कि जगह-जगह बार-बार जाम लग रहा है. शहर में एकाएक सैलानियों की जबरदस्त आवक होने से हर जगह भीड़ दिखाई दे रही है.

शहर के सभी पार्किंग स्थल हाउसफुल

शहर के सभी पार्किंग स्थल हाउसफुल नजर आ रहे हैं, सैलानियों को वाहन खड़ा करने की भी जगह नहीं मिल रही है. फोर्ट पार्किंग में सैकड़ों वाहनों की कतारें लगी हुई है. वहीं मलका प्रोल, गड़ीसर, पटवा हवेली, हनुमान चौराहा, गांधी चौक सहित सभी पार्किंग स्थलों पर वाहनों की कतारें लगी हुई है. शहर से 45 किमी दूर सम स्थित धोरों पर जाते ही ऐसा नजारा है मानो अलग ही शहर बस गया हो. शाम होते ही 50 से अधिक रिसोर्ट चकाचौंध लाइटिंग से जगमगा जाते हैं और साथ ही लोक धुनों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है. हजारों पर्यटक पहुंच रहे हैं और केमल सफारी का लुत्फ उठा रहे हैं.

Intro:Body:Note :- खबर में वीओ नही किया गया है, इसे पैकेज बनाये।

स्वर्णनगरी में सैलानियों का बूम
बडी संख्या में सैलानी पहुंचे जैसलमेर
गुजराती पर्यटकों की बढी रैलमपेल
होटलों में नो-रूम की बनी स्थिति।

केम छो, आवजो, तमारुं नाम शु छे, तमे क्यां रहो छो, तमे शु करो छो,................ जी हां... गुजराती भाषा के इन शब्दों से इन दिनों स्वर्णनगरी जैसलमेर की सडकें गूंज रही है। दिपावाली के बाद जैसलमेर में बढी देशी - विदेशी पर्यटकों की आवक से शहर में एकाएक भीड बढ गई जिससे शहर की होटलों में नो रूम की स्थिति पैदा हो गई है। बडी संख्या में आये गुजराती पर्यटकों के चलते शहर के बाजारों व पर्यटक स्थलों पर रेलमपेल बढ गई है। सुबह होते ही जैसलमेर के सोनार किले सहित गडीसर झील और हवेलियों की ओर जाने वाले सडकों पर सैलानियों का मेला लगना शुरू हो जाता है ,बात करें अगर सोनार किले की तो यहां पर इन दिनों कदम तक रखने की जगह नहीं बची है।


दीपावली पूजन के अगले दिन से गुजरात से आने वाले सैलानियों की संख्या में एकाएक इजाफा होने लगता है और फिर एक सप्ताह तक लगातार गुजरात से यहां आने वाले सैलानियों की आवक बनी रहती है। इसी कडी में इस बार भी बडी संख्या में गुजराती सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिये आये हैं जिससे शहर की पार्किंग स्थलों सहित सडकों पर भीड के हालात बन गये है। आलम यह है कि यहां आने वाले सैलानियों को रूकने के लिये कमरे तक कम पडने लगे है। वहीं रेतीले धोरों पर सूर्यास्त का आनन्द लेने पहुंच रहे सैलानियों को उंट की सवारी के लिये भी लम्बी कतार में इंतजार करना पड रहा है। सम के धोरों में बने कैम्प में रात गुजारने के लिये ये सैलानी मुहमांगी कीमतें तक देने को तैयार है लेकिन वहां जगह नहीं मिल पा रही है। पर्यटन सीजन की धीमी शुरूआत के चलते जैसलमेर में इस बार पर्यटन में मंदी की आशंका जताई जा रही थी लेकिन दिपावाली के बाद से बढे सैलानियों ने पर्यटन व्यवसाईयों के चेहरों पर रौनक लौटा दी है। होटल से लेकर रेस्टोरेंट और गाईड से लेकर स्थानीय दुकानदार हरकोई इन सैलानियों की आवक से व्यस्त हो गया है और अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहा है। वहीं जैसलमेर भ्रमण करने वाले इन सैलानियों का भी कहना है कि जैसलमेर उनके लिये सपनों के शहर जैसा है। यहां के किले हवेलियां और रेतीले धोरे हर किसी को आकर्षित करने वाले हैं। सैलानियों का यह भी कहना है कि एक बार यहां आने के बाद बार बार आने की इच्छा होती है। यहाँ आने वाले सभी सैलानी गड़ीसर झील , शानदार किला और नक्काशीदार हवेलियों में अपने इन पलों को कैमरे में कैद कर इसे चिरस्थाई बना रहा है।

सोनार दुर्ग में हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे: -
स्वर्णनगरी सैलानियों की आवक से रोशन हो गई है। दिपावाली के अगले दिन से गुजराती पर्यटकों की आवक शुरू हो जाती है। इस बार भी सैलानियों की भारी भीड़ है और शहर में सैलानियों की आवक में इजाफा हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक 20 हजार से अधिक सैलानी जैसलमेर पहुंच चुके है।सुबह सोनार दुर्ग में हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे है। दुर्ग की तलहटी पर सैलानियों का ही जमावड़ा ही नजर आ रहा है। पर्यटन व्यवसायी उत्साहित है और आगामी 5 दिन तक जैसलमेर में गुजराती पर्यटकों की भीड़ रहेगी । सोनार दुर्ग में इतनी भीड़ हो रही कि पुलिसकर्मियों को यातायात सुचारू करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है । हालात यह है कि दुर्ग में जाने के लिए लोगों को 5 मिनट की जगह आधा घंटा लग रहा है । शहर में भी इतनी भीड़ है कि जगह-जगह बारबार जाम लग रहा है। शहर में एकाएक सैलानियों की जबरदस्त आवक होने से हर जगह भीड़ दिखाई दे रही है।

शहर के सभी पार्किंग स्थल हाउसफुल: -
शहर के सभी पार्किंग स्थल हाउसफुल नजर आ रहे हैं । सैलानियों को वाहन खड़ा करने की भी जगह नहीं मिल रही है । फोर्ट पार्किंग में सैकड़ों वाहनों की कतारें लगी हुई है । वहीं मलका प्रोल, गड़ीसर, पटवा हवेली, हनुमान चौराहा, गांधी चौक सहित सभी पार्किंग स्थलों पर वाहनों की कतारें लगी हुई है ।शहर से 45 किमी दूर सम स्थित धोरों पर जाते ही ऐसा नजारा है मानो अलग ही शहर बस गया हो । शाम होते ही 50 से अधिक रिसोर्ट चकाचौंध लाइटिंग से जगमगा जाते है और साथ ही लोक धुनों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है । हजारों पर्यटक सम पहुंच रहे हैं और केमल सफारी का लुत्फ उठा रहे हैं ।

बाईट-1- नेहा , गुजराती पर्यटक
बाईट-2- वेदांता , देशी पर्यटक
बाईट-3- मीनल , गुजराती पर्यटक
बाईट-4- अरुण पुरोहित , पर्यटक गाइड Conclusion:
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