जैसलमेर. दुनिया में तेजी से लुप्त हो रहे गोडावण यानि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जी.आई.बी) के विद्युत तारों से टकरा कर मौत हो जाने के मामले में राष्ट्रीय हरित न्यायालय (एन.जी.टी ) नई दिल्ली बेंच के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस मेंबर जस्टिस शिव कुमार सिंह, मेंबर सत्यवान सिंह गिरेबाल, एक्सपर्ट मेंबर नागिन नंदा की खंडपीठ ने इसे गंभीरता से लेते हुए गौरव कुमार बंसल की याचिका पर आदेश देते हुए कहा कि गोडावण के आवासीय क्षेत्र में अक्षय उर्जा की जो भी योजनाए हैं, उनकी विद्युत वितरण लाईनें भूमीगत होनी चाहिए.
ऑर्डर में केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संबंधित राज्यों से कहा गया हैं कि सौर उर्जा से संबंधित जो भी विद्युत लाइनें हैं उस पर 4 महीनों के अंदर-अंदर बर्ड डाईवेटर लगाए जाए ताकि जो 150 गोडावण बचे हुए हैं उनको बचाया जा सके.
ग़ौरतलब हैं कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी पूर्व वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एम.के.रणजीत सिंह ने गोडावण को बचाने के लिए हाई टेंशन विद्युत लाईनो को भूमीगत करने के लिए जनहित याचिका लगा रखी हैं, इस संबंध में 2 सुनवाई हो चुकी हैं और संभवतः अगले महीने सुप्रीम कोर्ट कोई निर्णय दे सकता हैं.
गत बुधवार को एन.जी.टी के खंडपीठ ने इस याचिका पर सेडयुल फ़र्स्ट के वन्य जीव प्राणी गोडावण को बचाने के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि गोडावण के विचरण वाले क्षेत्र में हाई टेंशन की विद्युत तारों पर अनिवार्य रूप से बर्ड डाईवेटर लगाये जाये, इसके अलावा इसकी पूरी रुट प्लानिंग बनाकर विद्युत लाईनो की अंडर ग्राउंड करने की योजना बनाई जाये, इसके अलावा ग्राउंड की अर्थ वायर को रिमूव किया जाए.