जैसलमेर. राजस्थान सरकार ने हाल ही में नई आबकारी नीति जारी की है, जो आगामी 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए शराब ठेकों पर लागू होगी. नई आबकारी नीति के जरिए शराब बिक्री को लेकर कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें शराब खरीददार के साथ शराब विक्रेताओं को भी राहत दी गई है. जिला आबकारी अधिकारी मोहनराम पूनिया ने बताया, कि नई आबकारी नीति ग्राहकों और शराब विक्रेताओं दोनों के लिए ही लाभकारी है. नये शराब ठेकों के लिए आगामी 27 फरवरी तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, उसके बाद शराब ठेकों की लॉटरी निकाली जाएगी.
नई आबकारी नीति के तहत शराब ठेकेदारों को दुकान पर POS मशीन रखना अनिवार्य कर दिया गया है. उसके बाद आगामी दिनों में राशन की दुकानों की तरह सरकारी शराब ठेकों पर भी पोस मशीन से शराब बिकेगी, जिससे शराब खरीदने पर बिल भी मिलेगा और सेल्समेन प्रिंट रेट से ज्यादा राशि नहीं ले सकेंगे. शराब पर बारकोड अंकित होगा, जिससे ग्राहक मोबाइल से स्कैन करके यह पता लगा सकेगा, कि शराब कहां, कब बनी है और उसकी कीमत क्या है?
नई नीति में ठेकेदारों के लाभ प्रतिशत में भी वृद्धि की गई है. ऑनलाइन व्यवस्था के चलते शराब विक्रेता के स्टॉक से संबंधित पूरा ब्यौरा मुख्यालय पर भी रियल टाइम में प्रदर्शित होगा.
नई आबकारी नीति में नकली शराब, कालाबाजारी और ओवर रेटिंग रोकने के लिए राज्य सरकार ने लाइसेंसी दुकानों पर पोस मशीनें अनिवार्य कर दी हैं. शराब की बोतल पर बारकोड को पोस मशीन से स्कैन करते ही शराब की ब्रांड, मात्रा, गुणवत्ता की जानकारियां मिल सकेगी. ठेकेदार को सबसे बड़ी राहत नई नीति में यह होगी, कि वह माल के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा और उसकी डिमांड के अनुसार ही उसे शराब लेनी पड़ेगी.
अवैध रूप से शराब बिक्री की रोकथाम पर अबतक जहां आबकारी की शर्तों की अवहेलना के तहत कार्रवाई का प्रावधान था. वहीं अब ऐसा करने पर 3 बार सिर्फ चेतावनी देने का प्रावधान है. इसके साथ ही नई आबकारी नीति में राजस्थान निर्मित शराब यानि (आर एम एल- राजस्थान मेड लीकर) की बिक्री को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जिसके तहत राजस्थान निर्मित शराब की बिक्री बढ़ाने के मकसद से नई आबकारी नीति में ठेकेदारों को कई शिथिलता भी दी गई है.