जैसलमेर. जिले के भागू के गांव में सोमवार को आयोजित जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के उर्स में (Jashn e Eid Urs of Miladunnabi) बतौर मुख्य अतिथि शिरकत किए राज्य के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद (Rajasthan Minority Affairs Minister Shale Mohammad) ने लोगों को मोहम्मद साहब के विचारों से अवगत कराया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने सारे जहां को इंसानियत-भाईचारे और मोहब्बत की (Mohammad Saheb taught lesson of love) शिक्षा दी. मोहम्मद साहब जिस मार्ग से गुजरते थे, वहां की एक बुढ़िया हमेशा उन पर कूड़ा फेंका करती थी, लेकिन मोहम्मद साहब ने कभी भी इसका बुरा नहीं माना.
उन्होंने कहा कि एक दिन बुढ़िया ने कूड़ा नहीं फेंका तो मोहम्मद साहब ने मुहल्ले के लोगों से उस बुढ़िया के बारे में पूछा. जिसके बाद उन्हें पता चला कि वो काफी बीमार थी. यह सुनकर मोहम्मद साहब उसके घर गए और उसका कुशलक्षेम जाना. इस वाकया के बाद बुढ़िया को उसके किए पर पश्चतावा हुआ और वह मोहम्मद साहब पर ईमान लाई. इसपर उन्होंने अनगिनत काम किए जो इंसानों की बेहतरी और भलाई के लिए थे.
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मंत्री ने आगे कहा कि मोहम्मद साहब ने शिक्षा को लेकर कहा था कि इल्म हासिल करो, चाहे इसके लिए चीन ही क्यों न जाना पड़े. मतलब साफ है कि अरब से चीन की दूरी बहुत अधिक रही होगी और तब तो इतने संसाधन भी नहीं थे. इसलिए चीन का उदाहरण दिया गया. आज हर गांव, ढाणी में स्कूल, मदरसा खुले हैं, फिर भी शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
सरकार ने आवासीय विद्यालय, कॉलेज, बालिकाओं के लिए अलग से स्कूल, छात्रावास, कॉलेज खोले हैं. ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों स्कूल भेजे और देश की तरक्की में भागीदार बने.