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मरू महोत्सव में स्थानीय कलाकारों की अनदेखी और बाहरी कलाकारों को अधिक तवज्जो देना गलत- सालेह मोहम्मद - मंत्री सालेह मोहम्मद

जैसलमेर का प्रसिद्ध मरु महोत्सव इस साल कुछ फीका रहा. जहां इस बार महोत्सव स्थानीय लोगों के साथ देसी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सका. मंत्री सालेह मोहम्मद ने भी माना कि इस बार के मरू महोत्सव में कई खामियां रही और कहा कि स्थानीय कलाकारों की अनदेखी और बॉलीवुड सितारों को अधिक तवज्जो देना गलत है.

Maru Mahotsav faded, मरु महोत्सव रहा फीका
इस बार का मरु महोत्सव रहा फीका
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Published : Mar 1, 2021, 7:55 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान हो या जैसलमेर किसी भी महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य दर्शकों को उस स्थान विशेष की कला, संस्कृति से रुबरु करवाना होता है. जैसलमेर में हाल ही में संपन्न हुए मरू महोत्सव में इस बार कई कमियां रही और महोत्सव इस बार स्थानीय लोगों के साथ देसी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सका.

इस बार का मरु महोत्सव रहा फीका

वहीं दिन के कई कार्यक्रमों में दर्शकों की कमी साफ तौर पर दिखाई दी. गहलोत सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद ने भी माना कि इस बार के मरू महोत्सव में कई खामियां रही और कहा कि स्थानीय कलाकारों की अनदेखी और बॉलीवुड सितारों को अधिक तवज्जो देना गलत है. मरु महोत्सव का उद्देश्य राजस्थान और जैसलमेर की लोक-कला और संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना एवं विश्व पटल पर उसको पहचान दिलाना है.

पढे़ं- खराब सड़क होने के बाद भी वसूला जा रहा टोल, विधायक छगन सिंह ने जताया विरोध

मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि कोरोना काल के बाद जैसलमेर में यह पहला कार्यक्रम था, वहीं नए अधिकारियों का भी आना हुआ जो जैसलमेर की संस्कृति से पूर्णतः परिचित नहीं थे. जिसके चलते इस बार स्थानीय कलाकारों को लेकर दूरियां देखी गई. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर जिला प्रशासन से बात की है और निर्देश दिए हैं कि आगामी मरू महोत्सव में बाहरी कलाकारों को तो अवसर दें, लेकिन जैसलमेर के स्थानीय कलाकारों को अधिक महत्व दिया जाए. जिससे कि यहां की कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके.

जैसलमेर. राजस्थान हो या जैसलमेर किसी भी महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य दर्शकों को उस स्थान विशेष की कला, संस्कृति से रुबरु करवाना होता है. जैसलमेर में हाल ही में संपन्न हुए मरू महोत्सव में इस बार कई कमियां रही और महोत्सव इस बार स्थानीय लोगों के साथ देसी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर सका.

इस बार का मरु महोत्सव रहा फीका

वहीं दिन के कई कार्यक्रमों में दर्शकों की कमी साफ तौर पर दिखाई दी. गहलोत सरकार के मंत्री सालेह मोहम्मद ने भी माना कि इस बार के मरू महोत्सव में कई खामियां रही और कहा कि स्थानीय कलाकारों की अनदेखी और बॉलीवुड सितारों को अधिक तवज्जो देना गलत है. मरु महोत्सव का उद्देश्य राजस्थान और जैसलमेर की लोक-कला और संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना एवं विश्व पटल पर उसको पहचान दिलाना है.

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मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि कोरोना काल के बाद जैसलमेर में यह पहला कार्यक्रम था, वहीं नए अधिकारियों का भी आना हुआ जो जैसलमेर की संस्कृति से पूर्णतः परिचित नहीं थे. जिसके चलते इस बार स्थानीय कलाकारों को लेकर दूरियां देखी गई. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर जिला प्रशासन से बात की है और निर्देश दिए हैं कि आगामी मरू महोत्सव में बाहरी कलाकारों को तो अवसर दें, लेकिन जैसलमेर के स्थानीय कलाकारों को अधिक महत्व दिया जाए. जिससे कि यहां की कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके.

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