जैसलमेर. आयोजित मरू महोत्सव के 4 दिवसीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत पुरातन वैभव और अतीत की गाथाओं से रूबरू कराने वाले सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल खाभा फोर्ट के लिए शनिवार 27 फरवरी की प्रभात अनूठे अन्दाजों से भरी रही, जब सामूहिक सूर्य नमस्कार और योगाभ्यास के बेहतरीन कार्यक्रम ने स्वस्थ जैसाण और निरोगी राजस्थान का संदेश गुंजाया.
पहली बार खाभा में अभिनव प्रयोग
इस बार के मरू महोत्सव में इस अभिनव कार्यक्रम को जिला कलेक्टर आशीष मोदी की पहल पर शामिल किया गया. जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग की ओर से आयुर्वेद विभाग तथा जैसलमेर विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के अन्तर्गत फोर्ट प्रांगण में योगाभ्यास के निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार कर अरुणिम आभा बिखेरते भगवान भास्कर के सम्मुख नमन करते हुए योगाभ्यास किया.
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सामूहिक सूर्य नमस्कार एवं योगाभ्यास कार्यक्रम में उपखण्ड अधिकारी रमेश सिरवी, मरू महोत्सव के जिला प्रभारी एवं सहायक निदेशक (लोक सेवाएं) अशोक कुमार, उप निदेशक (पर्यटन) भानुप्रताप, बास्केटबाल प्रशिक्षक राकेश विश्नोई सहित अधिकारियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों व योगप्रेमियों ने हिस्सा लिया और आसन-प्राणायाम व सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया.
जन-जन तक फैलाएं आरोग्य का संदेश
मरू महोत्सव के जिला प्रभारी, सहायक निदेशक (लोक सेवाएं) अशोक कुमार ने मरू महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित इस कार्यक्रम को बेहद सफल बताया और कहा कि आरोग्य का संदेश प्रदान करने वाले इस आयोजन से स्वस्थ जैसाण की संकल्पना को सम्बल मिला है. इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सेहत को संवारने की दिशा में व्यापक लोक जागरूकता का संचार होता है. आरंभ में आयुर्वेद उप निदेशक डॉ. रामनरेश शर्मा एवं जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्रप्रकाश व्यास ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और इस कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी.
लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने बांधा समा
खाभा फोर्ट के मुख्य द्वार के पास प्रसिद्ध अलगोजा कलाकार तगाराम भील एवं अन्य लोक कलाकारों द्वारा रावण हत्था, अलगोजा, मोरचंग आदि वाद्यों के साथ लोक गायकी के सुमधुर प्रवाह ने सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया.
खाना-पीना एट खाभा ने दिया यादगार स्वाद
मरू महोत्सव के अन्तर्गत खाभा फोर्ट में सैलानियों के लिए विशेष रूप से स्थापित रेस्टारेंट 'खाना-पीना एट खाभा' में लोगों ने चाय-काफी-नाश्ता आदि का आनंद लिया.
कुलधरा में सैलानियों का तांता बंधा रहा
पुरातत्व और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ ही विलक्षण ऐतिहासिक गाथाओं के प्रतीक कुलधरा में सैलानियों का तांता बंधा रहा. वहां लगे इतिहास पट्टों से सैलानियों ने कुलधरा के पुरातन वैभव, समृद्धि की गाथाओं और वीरानगी के पीछे छिपे रहस्यों की जानकारी ली और पालीवाल सभ्यता के प्राचीन अवशेषों को देखकर लोक जीवन के पुरातन स्वर्ण युग की कल्पना की. कुलधरा में बालिकाओं ने विभिन्न संदेशों के साथ रंगोली एवं माण्डणा स्थापित किए और इनका सुन्दर दिग्दर्शन कराया.