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पोकरण में किसान सवांद का आयोजन, सालेह मोहम्मद ने कृषि कानून को बताया किसानों के विरुद्ध - कृषि कानून किसानों के विरुद्ध

जैसलमेर के पोकरण में शनिवार को किसान सवांद का आयोजन हुआ. इस दौरान कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव गिर रहे है, जबकि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा कर गरीबों की कमर तोड़ रही है.

कृषि कानून किसानों के विरुद्ध, Agricultural law against farmers
पोकरण में किसान सवांद का आयोजन
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Published : Jan 9, 2021, 7:48 PM IST

पोकरण (जैसलमेर). क्षेत्र के माडवा और स्वामी की ढाणी में शनिवार को किसान सवांद आयोजित हुई. इस दौरान कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने केंद्र सरकार पर कड़े प्रहार किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव गिर रहे है, जबकि केन्द्र की मोदी सरकार रोजाना पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ाकर गरीब आदमी की कमर तोड़ रही है.

पिछले तीन साल में केंद्र सरकार 30 रुपए से अधिक के भाव बढ़ा चुकी है. जिसकी मार आम आदमी पर ही पड़ती है. साथ ही कहा कि मोदी सरकार कोरोना काल में आनन-फानन में कृषि कानून लाकर किसानों के ऊपर थोप दिया, जबकि इस कानून की किसी किसान संगठन ने ना तो मांग की थी, ना ही जरूरत थी. सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये इन कानूनों को लाकर किसानों के ऊपर थोप दिया.

पढे़ं- कांग्रेस कार्यकारिणी के 39 पदाधिकारियों को जिले आवंटित, उपाध्यक्षों को बनाया संभाग प्रभारी

साथ ही इन कानूनों में मोदी सरकार ने ऐसी शर्ते जोड़ रखी है, जो किसान अपनी शिकायत कोर्ट में भी नहीं ले जा सकते. एक तरफ तो किसान सड़कों पर शहीद हो रहे है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार उद्योगपतियों से बड़े-बड़े गोदाम बनवा रही, जो की बड़े शर्म की बात है. आज अंनदाताओं को सहयोग की जरूरत है, जो की कांगेस कंधे से कंधा जोड़ किसानों के साथ खड़ी है. मोदी सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा.

पोकरण (जैसलमेर). क्षेत्र के माडवा और स्वामी की ढाणी में शनिवार को किसान सवांद आयोजित हुई. इस दौरान कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने केंद्र सरकार पर कड़े प्रहार किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव गिर रहे है, जबकि केन्द्र की मोदी सरकार रोजाना पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ाकर गरीब आदमी की कमर तोड़ रही है.

पिछले तीन साल में केंद्र सरकार 30 रुपए से अधिक के भाव बढ़ा चुकी है. जिसकी मार आम आदमी पर ही पड़ती है. साथ ही कहा कि मोदी सरकार कोरोना काल में आनन-फानन में कृषि कानून लाकर किसानों के ऊपर थोप दिया, जबकि इस कानून की किसी किसान संगठन ने ना तो मांग की थी, ना ही जरूरत थी. सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये इन कानूनों को लाकर किसानों के ऊपर थोप दिया.

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साथ ही इन कानूनों में मोदी सरकार ने ऐसी शर्ते जोड़ रखी है, जो किसान अपनी शिकायत कोर्ट में भी नहीं ले जा सकते. एक तरफ तो किसान सड़कों पर शहीद हो रहे है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार उद्योगपतियों से बड़े-बड़े गोदाम बनवा रही, जो की बड़े शर्म की बात है. आज अंनदाताओं को सहयोग की जरूरत है, जो की कांगेस कंधे से कंधा जोड़ किसानों के साथ खड़ी है. मोदी सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा.

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