जैसलमेर. सरहदी जिले जैसलमेर में कोरोना का आंकड़ा 300 के पार हो गया है. हर दिन आने वाली रिपोर्ट में औसतन 4 से 5 लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं. हालांकि संक्रमित मरीजों के उपचार और संक्रमण पर लगाम लगाने को लेकर जिला प्रशासन और चिकित्सा महकमा लगातार कोशिश कर रहा है.
इसी बीच कोरोना मरीजों की जांच और उनके होम आइसोलेशन को लेकर सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है. जिसमें कहा जा रहा है कि एक बार कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद संक्रमित की दोबारा जांच नहीं की जा रही है. इसके चलते संक्रमण के बढ़ने का खतरा बन सकता है.
सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से फैलाए जा रहे इस भ्रम पर लगाम लगाते हुए जैसलमेर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने इसको लेकर स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है. जिसमें बताया गया है कि असिंप्टोमेटिक कोरोना संक्रमितों को चिकित्सालय के बजाय उनके घरों में अगर होम आइसोलेशन की सुविधा है, तो वहां आइसोलेट किया जा सकता है.
इसी कड़ी में जैसलमेर में भी पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा महकमें का 1-1 प्रतिनिधि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर जाकर वहां आइसोलेशन की सुविधाओं की जांच करता है और अगर सुविधाएं उपयुक्त पाई जाती है तो उन्हें घरों पर ही आइसोलेट किया जाता है.
वहीं, 14 दिन बाद रिपीट जांच को लेकर भी कलेक्टर मोदी का कहना है कि भारत सरकार के नियमों के तहत असिंप्टोमेटिक मरीज को 14 दिन बाद दोबारा जांच की जरूरत नहीं होती है और उसे नेगेटिव मान लिया जाता है. लेकिन फिर भी कुछ केस में जरूरत के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति की दोबारा जांच करने के निर्देश दिए जाते हैं.
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कलेक्टर आशीष मोदी ने इस बीमारी को लेकर फैल रहे भ्रम के चलते अपील की है कि प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना काम कर रहा है और लोगों को डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, बल्कि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों की पालना कर संक्रमण को रोकने में अपना सहयोग करें.