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निकाय चुनाव 2019: जैसलमेर का वो वार्ड जिसको पिछले 30 सालों से विकास का इंतजार, लोगों ने बयां किया दर्द

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Published : Nov 13, 2019, 5:10 PM IST

वार्ड नम्बर 22 का अधिकांश हिस्सा तोताराम की ढाणी कच्ची बस्ती का है. इस वार्ड का आधा हिस्सा शहरी तो आधा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में आता है.

ward 22 in jaisalmer, jaisalmer city counseling

जैसलमेर. प्रदेश में निकाय चुनावों की शतरंज बिछ चुकी है. जैसलमेर की बात की जाए तो निकाय चुनावों को लेकर दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

जैसलमेर का वो वार्ड जिसको पिछले 30 सालों से विकास का इंतजार

शहर के भीतरी वार्डों में भाजपा तो वहीं बाहरी वार्डों में कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जा रही है. लेकिन निर्दलीय भी इस बार दोनों दलों का गणित बिगाड़ने मे कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते हैं. बात करें वार्ड नम्बर 22 की, जिसका अधिकांश हिस्सा तोताराम की ढाणी कच्ची बस्ती का है. इस वार्ड का आधा हिस्सा शहरी तो आधा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में आता है.

पढ़ें- सांसद बेनीवाल का यही है वो बयान, जिससे राजस्थान की राजनीति में मचा है बवाल

यहां भाजपा-कांग्रेस और 2 निर्दलीय प्रत्याशियों सहित कुल 4 उम्मीदवार मैदान में है. वार्डवासियों के अनुसार अब तक यह वार्ड अन्य वार्ड में शामिल था जिस कारण यहां का विकास उतना नहीं हो पाया जितना होना चाहिए. ऐसे में परिसीमन के बाद पहली बार अलग वार्ड बनने से उन्हें अब उम्मीद जगी है कि स्थानीय पार्षद होने से उनके वार्ड का विकास होगा.

वार्ड की ये है समस्याएं

स्थानीय वार्डवासियों का कहना है कि वे 25 से 30 वर्षों से वहां निवास कर रहे हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें घरों के पट्टे भी अब तक नहीं मिले हैं, जिससे कई सरकारी योजनाओं का उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है. साथ ही पिछले बोर्ड के समय सड़कें तो बनीं लेकिन उसका डामरीकरण नहीं हुआ है, जिससे सड़कें बारिश के समय बह जाती हैं.

यह भी पढें- केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और सांसद बेनीवाल की गाड़ी पर हरीश चौधरी समर्थकों का हमला, बाल- बाल बचे

साथ ही पानी की समस्या लगातार बनी रहती है. पानी की टंकी तो वार्ड में बनी हुई है लेकिन वहां पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होती जिसके चलते उन्हें मंहगें दामों पर पानी के टैंकर मगंवाने पड़ते हैं. इसके अलावा वार्ड में शिक्षा और चिकित्सा को लेकर कहीं कोई सुविधाएं नहीं है. कच्ची बस्ती होने के चलते यहां झाड़ियों का अबांर लगा हुआ है और रोड लाइटों का भी वार्ड में अभाव है.

ऐसे में वार्डवासियों का कहना है कि इस बार वार्ड से ऐसे पार्षद को चुनकर वे नगरपरिषद में भेजना चाहेंगे, जो उनकी आवाज बने और उनकी इन समस्याओं का समाधान कर सके.

जैसलमेर. प्रदेश में निकाय चुनावों की शतरंज बिछ चुकी है. जैसलमेर की बात की जाए तो निकाय चुनावों को लेकर दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

जैसलमेर का वो वार्ड जिसको पिछले 30 सालों से विकास का इंतजार

शहर के भीतरी वार्डों में भाजपा तो वहीं बाहरी वार्डों में कांग्रेस की पकड़ मजबूत मानी जा रही है. लेकिन निर्दलीय भी इस बार दोनों दलों का गणित बिगाड़ने मे कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते हैं. बात करें वार्ड नम्बर 22 की, जिसका अधिकांश हिस्सा तोताराम की ढाणी कच्ची बस्ती का है. इस वार्ड का आधा हिस्सा शहरी तो आधा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में आता है.

पढ़ें- सांसद बेनीवाल का यही है वो बयान, जिससे राजस्थान की राजनीति में मचा है बवाल

यहां भाजपा-कांग्रेस और 2 निर्दलीय प्रत्याशियों सहित कुल 4 उम्मीदवार मैदान में है. वार्डवासियों के अनुसार अब तक यह वार्ड अन्य वार्ड में शामिल था जिस कारण यहां का विकास उतना नहीं हो पाया जितना होना चाहिए. ऐसे में परिसीमन के बाद पहली बार अलग वार्ड बनने से उन्हें अब उम्मीद जगी है कि स्थानीय पार्षद होने से उनके वार्ड का विकास होगा.

वार्ड की ये है समस्याएं

स्थानीय वार्डवासियों का कहना है कि वे 25 से 30 वर्षों से वहां निवास कर रहे हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें घरों के पट्टे भी अब तक नहीं मिले हैं, जिससे कई सरकारी योजनाओं का उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है. साथ ही पिछले बोर्ड के समय सड़कें तो बनीं लेकिन उसका डामरीकरण नहीं हुआ है, जिससे सड़कें बारिश के समय बह जाती हैं.

यह भी पढें- केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और सांसद बेनीवाल की गाड़ी पर हरीश चौधरी समर्थकों का हमला, बाल- बाल बचे

साथ ही पानी की समस्या लगातार बनी रहती है. पानी की टंकी तो वार्ड में बनी हुई है लेकिन वहां पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होती जिसके चलते उन्हें मंहगें दामों पर पानी के टैंकर मगंवाने पड़ते हैं. इसके अलावा वार्ड में शिक्षा और चिकित्सा को लेकर कहीं कोई सुविधाएं नहीं है. कच्ची बस्ती होने के चलते यहां झाड़ियों का अबांर लगा हुआ है और रोड लाइटों का भी वार्ड में अभाव है.

ऐसे में वार्डवासियों का कहना है कि इस बार वार्ड से ऐसे पार्षद को चुनकर वे नगरपरिषद में भेजना चाहेंगे, जो उनकी आवाज बने और उनकी इन समस्याओं का समाधान कर सके.

Intro:Body:जैसलमेर नगर निकाय चुनाव 2019 स्पेशल

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क्या है यहां कि समस्याएं

प्रदेश में निकाय चुनावों की शतरंज बिछ चुकी है और बात करे जैसलमेर की तो निकाय चुनावों को लेकर दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे है। शहर के भीतरी वार्डो में जहां भाजपा तो बाहरी वार्डों में कॉग्रेंस की पकड़ मजबूत मानी जा रही है लेकिन निर्दलीय भी इस बार दोनों दलों का गणित बिगाड़ने मे कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते।
बात करें वार्ड नम्बर 22 जिसका अधिकांश हिस्सा तोताराम की ढाणी कच्ची बस्ती का है वहां पर भाजपा , कॉग्रेंस और 2 निर्दलीय प्रत्याशियों सहित कुल 4 उम्मीदवार मैदान में है। वार्डवसियों की माने तो उनका कहना है कि अब तक यह वार्ड अन्य वार्ड में शामिल था जिससे यहां का विकास उतना नहीं हो पाया जितना होना चाहिए ऐसे में परिसीमन के बाद पहली बार अलग वार्ड बनने से उन्हें अब उम्मीद जगी है कि स्थानीय पार्षद होने से उनके वार्ड का विकास होगा।

वार्ड की समस्याएं-
स्थानीय वार्डवासियों का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है वे 25 से 30 वर्षों से वहां निवास कर रहे है लेकिन उन्हें घरों के पट्टे नहीं मिले है जिससे कई सरकारी योजनाओं का उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है ,साथ ही पिछले बोर्ड के समय सड़के तो बनी लेकिन उसका डामरीकरण नहीं हुआ है जिससे सड़के बारिश के समय बह जाती है। इसके अलावा पानी की समस्या लगातार बनी रहती है और पानी की टंकी तो वार्ड में बनी हुई है लेकिन वहां पानी की पर्याप्त आपूर्ति नही होती जिसके कारण उन्हें मंहगें दामों पर पानी के टैंकर मगंवाने पड़ते है । साथ ही वार्ड में शिक्षा और चिकित्सा को लेकर कोई सुविधाएं नहीं है। कच्ची बस्ती होने के चलते यहां झाड़ियों का अबांर लगा हुआ है और साथ ही रोड़ लाईटों का भी वार्ड में अभाव है। ऐसे में वार्डवासियों का कहना है कि इस बार वार्ड से ऐसे पार्षद को चुनकर वे नगरपरिषद में भेजना चाहेंगें जो उनकी आवाज बनकर उनकी इन समस्याओं का समाधान कर सकें।
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