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आरटीडीसी ने डीएनपी क्षेत्र में बंद की हेलीकॉप्टर जॉय राइड, वन और पर्यटन विभाग को नोटिस

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Published : Jan 4, 2023, 6:50 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 10:58 PM IST

जैसलमेर में आरटीडीसी की ओर से शुरू हेलीकॉप्टर जॉय राइड को एक बार फिर बंद कर दिया गया (Helicopter Joy Ride in Jaisalmer banned) है. इसे लेकर वन विभाग और पर्यटन विभाग को नोटिस दिया गया है. इस संबंध में गोडावण कंजर्वेशन सोसाइटी की ओर से आपत्ति की गई थी. सोसायटी की ओर से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन व वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी.

Helicopter Joy Ride in DNP area of Jaisalmer banned, notice to forest and tourism departments
आरटीडीसी ने डीएनपी क्षेत्र में बंद की हेलीकॉप्टर जॉय राइड, वन और पर्यटन विभाग को नोटिस
क्यों बंद करनी पड़ी हेलीकॉप्टर जॉय राइड...

जैसलमेर. जिले के विश्व विख्यात पर्यटन क्षेत्र सम में हाल ही में आरटीडीसी ने सैलानियों के लिए हेलीकॉप्टर जॉय राइड को फिर से बंद कर दिया (Helicopter Joy Ride in Jaisalmer banned) है. गोडावण कंजर्वेशन सोसायटी के मालसिंह जामडा ने मुख्य वन संरक्षण एवं वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर इस जॉय राइड को डेजर्ट नेशनल पार्क के ईको-सेंसेटिव जोन से बाहर संचालित करने की मांग की थी.

जामडा ने बताया कि यह हेलीकॉप्टर आरटीडीसी के सम ढाणी से उड़ान भरकर डीएनपी क्षेत्र के ड्यूस के ऊपर कनोई क्लोजर, गांगा क्लोजर व गोडावण आश्रय स्थलों के ऊपर से होते हुए वापस पार्किंग पर उतरता है. जिससे वन्यजीव प्रभावित हो रहा है. उन्होंने बताया कि एक तरफ डेजर्ट नेशनल पार्क में राज्य पक्षी गोडावण एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयास हो रहे हैं और वन विभाग सम में ही गोडावण ब्रीडिंग सेंटर का भी संचालन किया जाता है. वन विभाग की ओर से गोडावण के अंडों को फील्ड से उठाकर सम स्थित इस सेंटर पहुंचाया जाता है.

पढ़ें: Helicopter Joy Ride : जैसलमेर में पर्यटन को लगेंगे पंख, सैलानियों को हेलीकॉप्टर जॉय राइड की सौगात...

उन्होंने बताया कि यहां गोडावण का प्रजनन कराया जाता है. वहीं दूसरी तरफ सम में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हेलीकॉप्टर जॉय राइड के शोर से परेशान होकर राज्य पक्षी गोडावण अपना आश्रय स्थल छोड़ रहे हैं. इसके साथ ही मालसिंह जामडा ने बताया कि हेलीकाप्टर को अभयारण्य क्षेत्र में बने क्लोजरों के ऊपर उड़ाना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 33 (ख) का उल्ल्घंन है. गोडावण एवं अन्य वन्यजीवों को असुरक्षित देखते हुए इसे तुरंत बंद किया जाना था. इस प्रकार की गतिविधि डेजर्ट नेशनल पार्क के ईको सेंसेटिव जॉन से बाहर की जानी चाहिए.

पढ़ें: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टर जॉय राइड की सौगात, 27 दिसंबर को जैसलमेर से शुभारंभ

शिकायत के बाद हरकत में आए विभाग: गोडावण कंजर्वेशन सोसायटी की शिकायत के बाद वन विभाग हरकत में आया. इससे पहले प्रशासन ने ही इसका शुभारंभ किया था. उस समय तक वन विभाग ने इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. हालांकि शिकायत के बाद अब वन विभाग की ओर से सख्त कदम उठाने का दावा किया जा रहा है. वन विभाग की ओर से इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र व पर्यटन विभाग को नोटिस जारी कर हेलीकॉप्टर जॉय राइड को तुरंत प्रभाव से डीएनपी क्षेत्र से बाहर चलाने के लिए पाबंद करने के लिए लिखा गया है.

पढ़ें: राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट-2022: प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हुआ कार्यक्रम...न सीएम पहुंचे और न आरटीडीसी चेयरमैन

3162 वर्ग किलोमीटर है डीएनपी क्षेत्र: गौरतलब है कि जैसलमेर और बाड़मेर जिले में 3162 वर्ग किलोमीटर में डीएनपी फैली हुई है. जिसमें 1962 वर्ग किलोमीटर में जैसलमेर के 39 व 1200 वर्ग किलोमीटर में बाड़मेर के 60 गांव शामिल हैं. इन गांवों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. डीएनपी से एनओसी नहीं मिलने के चलते इस क्षेत्र का भारतमाला प्रोजेक्ट तक अटका हुआ है.

क्यों बंद करनी पड़ी हेलीकॉप्टर जॉय राइड...

जैसलमेर. जिले के विश्व विख्यात पर्यटन क्षेत्र सम में हाल ही में आरटीडीसी ने सैलानियों के लिए हेलीकॉप्टर जॉय राइड को फिर से बंद कर दिया (Helicopter Joy Ride in Jaisalmer banned) है. गोडावण कंजर्वेशन सोसायटी के मालसिंह जामडा ने मुख्य वन संरक्षण एवं वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर इस जॉय राइड को डेजर्ट नेशनल पार्क के ईको-सेंसेटिव जोन से बाहर संचालित करने की मांग की थी.

जामडा ने बताया कि यह हेलीकॉप्टर आरटीडीसी के सम ढाणी से उड़ान भरकर डीएनपी क्षेत्र के ड्यूस के ऊपर कनोई क्लोजर, गांगा क्लोजर व गोडावण आश्रय स्थलों के ऊपर से होते हुए वापस पार्किंग पर उतरता है. जिससे वन्यजीव प्रभावित हो रहा है. उन्होंने बताया कि एक तरफ डेजर्ट नेशनल पार्क में राज्य पक्षी गोडावण एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयास हो रहे हैं और वन विभाग सम में ही गोडावण ब्रीडिंग सेंटर का भी संचालन किया जाता है. वन विभाग की ओर से गोडावण के अंडों को फील्ड से उठाकर सम स्थित इस सेंटर पहुंचाया जाता है.

पढ़ें: Helicopter Joy Ride : जैसलमेर में पर्यटन को लगेंगे पंख, सैलानियों को हेलीकॉप्टर जॉय राइड की सौगात...

उन्होंने बताया कि यहां गोडावण का प्रजनन कराया जाता है. वहीं दूसरी तरफ सम में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई हेलीकॉप्टर जॉय राइड के शोर से परेशान होकर राज्य पक्षी गोडावण अपना आश्रय स्थल छोड़ रहे हैं. इसके साथ ही मालसिंह जामडा ने बताया कि हेलीकाप्टर को अभयारण्य क्षेत्र में बने क्लोजरों के ऊपर उड़ाना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 33 (ख) का उल्ल्घंन है. गोडावण एवं अन्य वन्यजीवों को असुरक्षित देखते हुए इसे तुरंत बंद किया जाना था. इस प्रकार की गतिविधि डेजर्ट नेशनल पार्क के ईको सेंसेटिव जॉन से बाहर की जानी चाहिए.

पढ़ें: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टर जॉय राइड की सौगात, 27 दिसंबर को जैसलमेर से शुभारंभ

शिकायत के बाद हरकत में आए विभाग: गोडावण कंजर्वेशन सोसायटी की शिकायत के बाद वन विभाग हरकत में आया. इससे पहले प्रशासन ने ही इसका शुभारंभ किया था. उस समय तक वन विभाग ने इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. हालांकि शिकायत के बाद अब वन विभाग की ओर से सख्त कदम उठाने का दावा किया जा रहा है. वन विभाग की ओर से इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र व पर्यटन विभाग को नोटिस जारी कर हेलीकॉप्टर जॉय राइड को तुरंत प्रभाव से डीएनपी क्षेत्र से बाहर चलाने के लिए पाबंद करने के लिए लिखा गया है.

पढ़ें: राजस्थान डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट-2022: प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हुआ कार्यक्रम...न सीएम पहुंचे और न आरटीडीसी चेयरमैन

3162 वर्ग किलोमीटर है डीएनपी क्षेत्र: गौरतलब है कि जैसलमेर और बाड़मेर जिले में 3162 वर्ग किलोमीटर में डीएनपी फैली हुई है. जिसमें 1962 वर्ग किलोमीटर में जैसलमेर के 39 व 1200 वर्ग किलोमीटर में बाड़मेर के 60 गांव शामिल हैं. इन गांवों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. डीएनपी से एनओसी नहीं मिलने के चलते इस क्षेत्र का भारतमाला प्रोजेक्ट तक अटका हुआ है.

Last Updated : Jan 4, 2023, 10:58 PM IST
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