जैसलमेर. भारत पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले से राज्य पक्षी गोडावण को बचाने को लेकर बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है. माना जा रहा है कि इससे द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानि गोडावण के संरक्षण कार्यों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. जैसलमेर जिले के डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में बसे करीब चार गांवों की 15878 बीघा राजस्व भूमि को राज्य सरकार ने वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग को आवंटित की है.
इस भूमि पर डेजर्ट नेशनल पार्क में राज्य पक्षी गोडावण के लिए नए क्लोजर बनाने के अलावा इनकी सुरक्षा व संरक्षण के साथ ब्रीडिंग के लिए और अधिक बेहतर संसाधन सुलभ हो सकेंगे. इसकी जानकारी देते हुए डीएनपी के उपवन संरक्षक आशीष व्यास ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उन्होंने गोडावण संरक्षण के प्रयासों की कड़ी में राज्य सरकार को नई भूमि अलॉटमेंट के लिए प्रस्ताव भिजवाया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए वन विभाग को डीएनपी क्षेत्र की राजस्व भूमि निशुल्क अलॉट की है.
इन गांवों की भूमि आवंटित
राजस्थान सरकार ने एक आदेश जारी कर 4 गांवों की राजस्व भूमि आवंटित की है. जिसमें जैसलमेर के डीएनपी क्षेत्र की सम तहसील के राजस्व गांव जामड़ा, बीदा, चौहानी और बरना के 183 खसरा नम्बर की 15,878 बीघा जमीन शामिल है. इन्हें धारा 102 के तहत राज्य पक्षी गोडावण सहित अन्य वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग को निशुल्क आवंटित किए जाने को लेकर राजकीय स्वीकृति जारी की गई है.
स्वछंद रूप से कर सकेंगे ब्रीडिंग
उपवन संरक्षक आशीष व्यास ने आगे बताया कि यह 15,878 बीघा की राजस्व भूमि वन विभाग की उसी भूमि से लगती है जहां डीएनपी के पूर्व में क्लोजर्स बने हैं. वहीं अब गोडावण भी स्वछंद रूप से ब्रीडिंग कर सकेगा जिससे इनकी संख्या में भी और अधिक वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से नई भूमि मिलने से अब राज्य पक्षी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर विभाग के प्रयासों को भी और अधिक मजबूती मिलेगी और इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे. बता दें कि जैसलमेर जिले के सम क्षेत्र में गोडावण के लिए एक ब्रीडिंग सेंटर का संचालन किया जा रहा है.
पढ़ें-जैसलमेर में हेलीकॉप्टर जॉय राइड बनी गोडावण के लिए खतरा, वन विभाग ने दिया आरटीडीसी को नोटिस