जैसलमेर. जिले का पहला बर्ड फेयर शहर के समीप नेतसी, भणियाणा, जसेरी और बरमसर तालाब पर किया जा रहा है. जिससे पक्षी संरक्षण का संदेश लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके चलते शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय पर शनिवार को बर्ड फेयर के दौरान कई पर्यावरण प्रेमी, स्कूली बच्चे और कई अधिकारी पहुंचे.
उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रावत ने बच्चों को पक्षियों की जानकारी देते हुए बताया कि देशी-विदेशी प्रवासी पक्षियों के लिए मरूभूमि जैसलमेर का जलाशय खास पसंदीदा क्षेत्र है, जहां सैकड़ों- हजारों किलोमीटर दूर से पक्षी आते हैं. इन दिनों जिले के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की क्रियाओं का मनोहारी दृश्य देखा जा सकता है.
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वहीं, पक्षी विशेषज्ञ प्रोफेसर श्यामसुंदर मीणा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान अब तक कुल 14 प्रजाति के पक्षियों को देखा जा चुका है और इनमें कई प्रवासी पक्षी भी शामिल है. साथ ही मीणा ने कहा कि इस प्रकार के जलाशयों में जहां पर पानी शुद्ध होता है, वहीं पर प्रवासी पक्षियों सहित अन्य पक्षी पाए जाते हैं.
बता दें कि एशियन वाटर बर्ड सेशन के तहत राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर की ओर से जिले में पहली बार व्यापक पैमाने पर जैसलमेर के विभिन्न जल बिंदुओं, तालाबों और झीलों पर शनिवार की सुबह 8 बजे से प्रवासी पक्षियों की गणना भी करवाई जा रही है.
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इस गणना के दौरान मुख्य रूप से जलीय प्रवासी पक्षियों की गणना कार्य वन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ स्वयंसेवकों की ओर से जैसलमेर के गजरूप सागर, बरमसर, नेतसी तालाब, पोकरण के खेतोलाई, रामदेवरा और भणियाणा तालाबों पर भी किया जा रहा है. जिसमें वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूआईआई के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं.