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जैसलमेर में पहले बर्ड फेयर का आयोजन, पर्यावरण संरक्षण और पक्षी जगत से कराया गया रूबरू

भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर का पहला बर्ड फेयर शनिवार को शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय में आयोजित हुआ. जैसलमेर की पक्षी संपदा एवं प्रवासी पक्षियों के संबंध में व्यापक जागरूकता के प्रसार के साथ ही युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण और पक्षी जगत से रूबरू कराने के लिए यह पहल वन विभाग की ओर से की जा रही है.

Jaisalmer news, जैसलमेर की खबर
बर्ड फेयर का आयोजन
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Published : Jan 25, 2020, 11:53 PM IST

जैसलमेर. जिले का पहला बर्ड फेयर शहर के समीप नेतसी, भणियाणा, जसेरी और बरमसर तालाब पर किया जा रहा है. जिससे पक्षी संरक्षण का संदेश लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके चलते शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय पर शनिवार को बर्ड फेयर के दौरान कई पर्यावरण प्रेमी, स्कूली बच्चे और कई अधिकारी पहुंचे.

बर्ड फेयर का आयोजन

उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रावत ने बच्चों को पक्षियों की जानकारी देते हुए बताया कि देशी-विदेशी प्रवासी पक्षियों के लिए मरूभूमि जैसलमेर का जलाशय खास पसंदीदा क्षेत्र है, जहां सैकड़ों- हजारों किलोमीटर दूर से पक्षी आते हैं. इन दिनों जिले के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की क्रियाओं का मनोहारी दृश्य देखा जा सकता है.

पढ़ें- जैसलमेर : पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं का आतंक, नगरपरिषद सभापति का जल्द कार्रवाई का दावा

वहीं, पक्षी विशेषज्ञ प्रोफेसर श्यामसुंदर मीणा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान अब तक कुल 14 प्रजाति के पक्षियों को देखा जा चुका है और इनमें कई प्रवासी पक्षी भी शामिल है. साथ ही मीणा ने कहा कि इस प्रकार के जलाशयों में जहां पर पानी शुद्ध होता है, वहीं पर प्रवासी पक्षियों सहित अन्य पक्षी पाए जाते हैं.

बता दें कि एशियन वाटर बर्ड सेशन के तहत राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर की ओर से जिले में पहली बार व्यापक पैमाने पर जैसलमेर के विभिन्न जल बिंदुओं, तालाबों और झीलों पर शनिवार की सुबह 8 बजे से प्रवासी पक्षियों की गणना भी करवाई जा रही है.

पढ़ें- जैसलमेर: 'बाल श्रम मुक्त जैसाण' को लेकर बाल कल्याण समिति का जागरूकता अभियान शुरू

इस गणना के दौरान मुख्य रूप से जलीय प्रवासी पक्षियों की गणना कार्य वन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ स्वयंसेवकों की ओर से जैसलमेर के गजरूप सागर, बरमसर, नेतसी तालाब, पोकरण के खेतोलाई, रामदेवरा और भणियाणा तालाबों पर भी किया जा रहा है. जिसमें वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूआईआई के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं.

जैसलमेर. जिले का पहला बर्ड फेयर शहर के समीप नेतसी, भणियाणा, जसेरी और बरमसर तालाब पर किया जा रहा है. जिससे पक्षी संरक्षण का संदेश लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके चलते शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय पर शनिवार को बर्ड फेयर के दौरान कई पर्यावरण प्रेमी, स्कूली बच्चे और कई अधिकारी पहुंचे.

बर्ड फेयर का आयोजन

उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रावत ने बच्चों को पक्षियों की जानकारी देते हुए बताया कि देशी-विदेशी प्रवासी पक्षियों के लिए मरूभूमि जैसलमेर का जलाशय खास पसंदीदा क्षेत्र है, जहां सैकड़ों- हजारों किलोमीटर दूर से पक्षी आते हैं. इन दिनों जिले के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की क्रियाओं का मनोहारी दृश्य देखा जा सकता है.

पढ़ें- जैसलमेर : पर्यटन नगरी में आवारा पशुओं का आतंक, नगरपरिषद सभापति का जल्द कार्रवाई का दावा

वहीं, पक्षी विशेषज्ञ प्रोफेसर श्यामसुंदर मीणा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान अब तक कुल 14 प्रजाति के पक्षियों को देखा जा चुका है और इनमें कई प्रवासी पक्षी भी शामिल है. साथ ही मीणा ने कहा कि इस प्रकार के जलाशयों में जहां पर पानी शुद्ध होता है, वहीं पर प्रवासी पक्षियों सहित अन्य पक्षी पाए जाते हैं.

बता दें कि एशियन वाटर बर्ड सेशन के तहत राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर की ओर से जिले में पहली बार व्यापक पैमाने पर जैसलमेर के विभिन्न जल बिंदुओं, तालाबों और झीलों पर शनिवार की सुबह 8 बजे से प्रवासी पक्षियों की गणना भी करवाई जा रही है.

पढ़ें- जैसलमेर: 'बाल श्रम मुक्त जैसाण' को लेकर बाल कल्याण समिति का जागरूकता अभियान शुरू

इस गणना के दौरान मुख्य रूप से जलीय प्रवासी पक्षियों की गणना कार्य वन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ स्वयंसेवकों की ओर से जैसलमेर के गजरूप सागर, बरमसर, नेतसी तालाब, पोकरण के खेतोलाई, रामदेवरा और भणियाणा तालाबों पर भी किया जा रहा है. जिसमें वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूआईआई के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं.

Intro:भारत - पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर का पहला बर्ड फेयर आज शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय में आयोजित हुआ. जैसलमेर की पक्षी संपदा एवं प्रवासी पक्षियों के संबंध में व्यापक जागरूकता के प्रसार तथा युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण एवं पक्षी जगत से रूबरू कराने के लिए यह अभिनव पहल वन विभाग की ओर से की जा रही है.


Body:बर्ड फेयर का आयोजन जिले के विभिन्न जलाशयों नेतसी, भणियाणा, जसेरी, बरमसर तालाब पर किया जा रहा है. जिससे पक्षी संरक्षण का संदेश सभी जगह पहुंचाया जा रहा है. शहर के समीप गजरूप सागर जलाशय पर आज बर्ड फेयर के दौरान कई पर्यावरण प्रेमी, स्कूल के बच्चे और कई अधिकारी पहुंचे. उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रावत ने बच्चों को पक्षियों की जानकारी दी और बताया कि देसी विदेशी प्रवासी पक्षियों के लिए मरूभूमि जैसलमेर के जलाशय खास पसंदीदा क्षेत्र है, जहां सैकड़ों- हजारों किलोमीटर दूर से पक्षी आते हैं. इन दिनों जिले के विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की क्रियाओं का मनोहारी दृश्य देखा जा सकता है.


Conclusion:एशियन वाटर बर्ड सेशन के तहत राष्ट्रीय मरू उद्यान जैसलमेर द्वारा जिले में प्रथम बार व्यापक पैमाने पर जैसलमेर के विभिन्न जल बिंदुओं, तालाबों तथा झीलों पर आज सुबह 8:00 बजे से प्रवासी पक्षियों की गणना भी करवाई जा रही है. पक्षी गणना के दौरान मुख्य रूप से जलीय प्रवासी पक्षियों की गणना कार्य वन विभाग के स्टाफ के साथ - साथ स्वयंसेवकों द्वारा जैसलमेर के गजरूप सागर, बरमसर, नेतसी तालाब, पोकरण के खेतोलाई, रामदेवरा, भणियाणा तालाबों पर भी किया जा रहा है, जिसमें वन विभाग, WWWF एवं WII के स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं. पक्षी विशेषज्ञ प्रोफेसर श्यामसुंदर मीणा ने बताया कि आज इस कार्यक्रम के दौरान अब तक कुल 14 प्रजाति के पक्षियों को देखा जा चुका है और इनमें कई प्रवासी पक्षी भी शामिल है. मीणा ने कहा कि इस प्रकार के जलाशयों में जहां पर पानी शुद्ध होता है वहीं पर प्रवासी पक्षियों सहित अन्य पक्षी पाए जाते हैं. बाईट-1- कपिल चंद्रावत, उप वन संरक्षक, डीएनपी बाईट-2- प्रोफेसर डॉ श्याम सुंदर मीणा, पक्षी विशेषज्ञ बाईट-3- अनुराग भार्गव, सचिव, यूआईटी
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