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जैसलमेरः डेजर्ट नेशनल पार्क सहित अन्य क्षेत्रों में वाटर प्वाइंट्स पद्धति के आधार पर हुई वन्यजीव गणना

जैसलमेर जिले में वन विभाग की ओर से वन क्षेत्र, डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव गणना की गई. बता दें कि इस बार कुल 132 वाटर प्वाइंट्स पर वन्यजीव गणना की गई है.

Wildlife census,  Water points method,  Jaisalmer Desert National Park
वाटर प्वाइंट्स पद्धति के आधार पर हुई वन्यजीव गणना
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Published : Jun 7, 2020, 4:20 AM IST

जैसलमेर. राजस्थान में वन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष पूर्णिमा के दिन वन्यजीवों की वाटर प्वाइंट के आधार पर गणना की जाती है. जैसलमेर जिले में भी वन विभाग की ओर से 5 जून सुबह 8 बजे से लेकर 6 जून की सुबह 8 बजे तक 24 घंटे वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव की गणना की गई. इस दौरान जैसलमेर जिले के वन क्षेत्र, डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव गणना की गई.

वाटर प्वाइंट्स पद्धति के आधार पर हुई वन्यजीव गणना

उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रावत ने बताया कि जिले में इस बार हर्ष वर्ष की तुलना में उसने अधिक वाटर प्वाइंट चिन्हित कर कुल 132 वाटर प्वाइंट्स पर वन्यजीव गणना की गई. चंद्रावत ने बताया कि इस बार नवाचार करते हुए डीएनपी के अंदर और उसके आसपास के क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों जहां पर वन्यजीवों का बाहुल्य है और वन्य जीव पाए जाते हैं, वहां के जल स्रोतों में भी वन विभाग के कार्मिकों की ओर से गणना की गई.

पढ़ें- रियलिटी चेक: जयपुर नगर निगम का दावा- बायोमेडिकल वेस्ट के लिए हूपरों में लगाए गए हैं लाल डिब्बे, हकीकत दावे से जुदा

चंद्रावत ने बताया कि गणना के दौरान राज्य पक्षी गोडावण के साथ मरू लोमड़ी, चिंकारा और कई अन्य दुर्लभ मरुस्थलीय वन्यजीव देखे गए हैं. उपवन सरक्षक चंद्रावत ने बताया कि इस दौरान जिले में कुल 132 प्वाइंट पर प्रत्येक जगह पर 2 वन कार्मिक इस दौरान मौजूद रहकर इस गणना को संपन्न किया. फिलहाल, गणना के आंकड़े नहीं आए हैं लेकिन जब इस गणना के सामने आएंगे तो निश्चित तौर पर यह पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक संतुष्टि वाले होंगे.

गौरतलब है कि वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव गणना के दौरान वन क्षेत्रों और उसके आसपास के क्षेत्र में बने जल स्रोतों पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीवों की जल स्रोत के पास बने मचान पर मौजूद वन विभागों के कार्मिकों की ओर से गणना की जाती है.

जैसलमेर. राजस्थान में वन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष पूर्णिमा के दिन वन्यजीवों की वाटर प्वाइंट के आधार पर गणना की जाती है. जैसलमेर जिले में भी वन विभाग की ओर से 5 जून सुबह 8 बजे से लेकर 6 जून की सुबह 8 बजे तक 24 घंटे वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव की गणना की गई. इस दौरान जैसलमेर जिले के वन क्षेत्र, डेजर्ट नेशनल पार्क और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव गणना की गई.

वाटर प्वाइंट्स पद्धति के आधार पर हुई वन्यजीव गणना

उप वन संरक्षक डीएनपी कपिल चंद्रावत ने बताया कि जिले में इस बार हर्ष वर्ष की तुलना में उसने अधिक वाटर प्वाइंट चिन्हित कर कुल 132 वाटर प्वाइंट्स पर वन्यजीव गणना की गई. चंद्रावत ने बताया कि इस बार नवाचार करते हुए डीएनपी के अंदर और उसके आसपास के क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों जहां पर वन्यजीवों का बाहुल्य है और वन्य जीव पाए जाते हैं, वहां के जल स्रोतों में भी वन विभाग के कार्मिकों की ओर से गणना की गई.

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चंद्रावत ने बताया कि गणना के दौरान राज्य पक्षी गोडावण के साथ मरू लोमड़ी, चिंकारा और कई अन्य दुर्लभ मरुस्थलीय वन्यजीव देखे गए हैं. उपवन सरक्षक चंद्रावत ने बताया कि इस दौरान जिले में कुल 132 प्वाइंट पर प्रत्येक जगह पर 2 वन कार्मिक इस दौरान मौजूद रहकर इस गणना को संपन्न किया. फिलहाल, गणना के आंकड़े नहीं आए हैं लेकिन जब इस गणना के सामने आएंगे तो निश्चित तौर पर यह पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक संतुष्टि वाले होंगे.

गौरतलब है कि वाटर प्वाइंट्स पर वन्य जीव गणना के दौरान वन क्षेत्रों और उसके आसपास के क्षेत्र में बने जल स्रोतों पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीवों की जल स्रोत के पास बने मचान पर मौजूद वन विभागों के कार्मिकों की ओर से गणना की जाती है.

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