जैसलमेर. भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान कड़ी धूप और तेज ठंड में भी देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं. लेकिन, घर से दूर तैनात जवान सीमावर्ती क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के चलते अपने घरवालों से कई दिनों और महीनों तक बातचीत ही नहीं कर पाते और ना ही उनकी कुशलक्षेम पूछ पाते हैं, जिससे जवानों को असुविधा हो रही है, लेकिन अब सार्वजनिक क्षेत्र की संचार कंपनी बीएसएनएल सीमा पर तैनात इन जवानों के लिए एक अच्छी खबर ले कर आई है.
बीएसएनएल के जिला प्रबंधक रमेशचंद्र व्यास ने बताया, कि सरकार की नीतियों के मुताबिक बॉर्डर पर जवानों को दिया जाने वाला DSPTC सिस्टम बंद कर दिया गया है. सीमावर्ती क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या है, जिसके चलते बॉर्डर पर तैनात जवानों को परिजनों से बात करने में दिक्क्त हो रही है. हाल ही में बीएसएफ के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा गया है, कि सीमावर्ती इलाकों में वे ऐसे स्थान चिह्नित करवा दें, जहां जवान और दूसरी जनसंख्या निवास करती हो. ऐसे स्थानों पर कंपनी नए टावर लगाएगी, जिससे नेटवर्क मिल सकेगा और जवानों की समस्या दूर हो सकेगी. इससे बीएसएनएल को भी थोड़ी राजस्व प्राप्ति हो सकती है.
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बीएसएनएल के जिला प्रबंधक रमेशचंद्र व्यास ने कहा, कि जबतक मोबाइल टॉवर नहीं लगते हैं, तबतक वैकल्पिक तौर पर बीएसएनएल की विंग सर्विस से जवानों को अपने परिजनों से बातचीत करने की सुविधा दिलाई जा सकती है. विंग सर्विस के तहत किसी भी नेटवर्क के वाई-फाई के जरिए सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिसमें एक वर्चुअल नंबर जारी किया जाएगा, जिससे किसी भी बेसिक या मोबाइल नेटवर्क पर बातचीत की जा सकती है. बीएसएफ के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है, कि जल्द ही विंग सेवा से जुड़ी कार्रवाई पूरी करने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के किसी एरिया में प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया जाएगा.