जैसलमेर. सरहदी जिला अपने पर्यटक स्थलों के चलते दुनिया भर के सैलानियों की पहली पसंद बना हुआ है. देश के विभिन्न हिस्सों से सैर सपाटों के शौकीनों के लिये जहां जैसलमेर पसंदीदा सैरगाह माना जाता है. लेकिन सैलानियों की सुरक्षा और पर्यटक स्थलों की देखभाल को लेकर प्रशासन और पुलिस के बंदोबस्त सैलानियों को निराश करते हैं.
जैसलमेर में सात समन्दर पार से भी बडी संख्या में विदेशी सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिये आते हैं. आंकडों की अगर बात करें तो पर्यटन सीजन के दौरान लाखों की संख्या में देशी व विदेशी सैलानी जैसलमेर भ्रमण के लिये आते है और यह आंकडा साल दर साल बढता ही जा रहा है. लेकिन देश-विदेश से आने वाले इन सैलानियों की सुरक्षा और पर्यटक स्थलों की देखभाल को लेकर बात करें तो जिले के पर्यटन महकमे सहित प्रशासन व पुलिस के बंदोबस्त सैलानियों को निराश करने वाले साबित हो रहे हैं.
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पर्यटक स्थलों की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर जब हमने यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो हालात निराश करने वाले थे. जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले सैलानी सुबह और शाम के वक्त गड़ीसर झील पर नौकायान का लुत्फ उठाते हैं. वहीं इस झील पर बने घाटों के हालात यह है कि यहां शाराबियों द्वारा फेंकी गई कांच की बोतलों से कई सैलानी चोटिल भी हो चुके हैं. देर शाम के बाद सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में यह इलाका शराबियों का अड्डा बन जाता है. यहां पर शराब पीने के बाद शराबी खाली बोतलें यहीं घाट के आसपास फेंक देते हैं. जिससे चारों और गंदगी का आलम पसरा रहता है.
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दुनियाभर से आने वाले सैलानी इन पर्यटक स्थलों के माध्यम से देश की छवि का अंदाजा लगाते हैं. ऐसे में जैसलमेर के गडीसर सरोवर पर फैली गंदगी दुनिया भर में देश की छवि को किस कदर बिगाड़ रही है, इसका अंदाजा न तो पर्यटन विभाग को है और न ही पुलिस और प्रशासन को है.
ऐसे में अगर शराबियों के चलते यहां कोई बडा हादसा सामने आया तो जिले के पर्यटन पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है.