ETV Bharat / state

साढ़े 800 साल पुराने सोनार दुर्ग को मरम्मत की दरकार, बारिश बन सकती है आफत - sonar fort of jaisalmer

साढ़े 800 साल पुराना सोनार दुर्ग अपने स्थापत्य और क्लासिक बनावट के दम पर सात समंदर पार से सैलानियों को खींच लाता है. लेकिन अब बदलते समय के साथ जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते इसकी नींव कमजोर पड़ गई है. जिले में इन दिनों रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. ऐसे में दुर्ग के बुर्ज सहित शहर में कई ऐसे कच्चे मकान हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं और कभी भी गिर सकते हैं. जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका है.

जैसलमेर की खबर,  राजस्थान हिंदी न्यूज,  jaisalmer latest news
जैसलमेर के सोनार दुर्ग की बदहाल स्थिति
author img

By

Published : Sep 6, 2020, 10:25 AM IST

जैसलमेर. पिछले कुछ दिनों से लगातार सीमावर्ती जिले जैसलमेर में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. इसी बारिश के चलते शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई कच्चे मकान गिर कर धराशाई हो गए हैं. वहीं विश्व प्रसिद्ध सोनार दुर्ग के बुर्ज सहित शहर में कई ऐसे कच्चे मकान हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं और कभी भी गिर सकते हैं. जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका है.

सोनार दुर्ग के कई बुर्जों सहित शहर के जर्जर मकानों का पिछले लंबे समय से मरम्मत या रखरखाव का काम नहीं हुआ है. वहीं किले का एक बुर्ज जो शिव मार्ग की तरफ है, वो भी पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है और कभी भी गिर सकता है.

जैसलमेर के सोनार दुर्ग की बदहाल स्थिति

गौरतलब है कि शिव मार्ग पर कई बैंकों सहित अन्य प्रतिष्ठानों का संचालन होता है और दिन भर यहां लोगों की आवाजाही बनी रहती है. ऐसे में अगर यह दिन के समय क्षतिग्रस्त होकर सड़क पर गिरा, तो यहां पर सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों के लिए जान की आफत बन सकती है.

जैसलमेर जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी मरम्मत या बचाव के लिए समय रहते प्रयास करने की आवश्यकता है, नहीं तो यह किसी भी बड़े हादसे का रूप ले सकता है. गौरतलब है कि जैसलमेर का सोनार दुर्ग एक लिविंग फोर्ट है. जहां कई परिवार निवास करते हैं.

पढ़ें : जैसलमेर में बारिश ने बिगाड़े हालात, ग्रामीण इलाकों में कच्चे आशियानें हुए धराशायी, फसलें भी हुईं चौपट

यहां रहने वाले अगर मरम्मत करवाना चाहते भी हो तो भी नहीं करवा पाते, क्योंकि यह किला पुरातत्व विभाग के अधीन आता है. ऐसे में यहां कोई भी निर्माण या मरम्मत कार्य बिना उनकी अनुमति के संभव नहीं होता और इसकी अनुमति की प्रक्रिया जटिल है. ऐसे में इसका समय पर रखरखाव नहीं हो पाता है.

जैसलमेर. पिछले कुछ दिनों से लगातार सीमावर्ती जिले जैसलमेर में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. इसी बारिश के चलते शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई कच्चे मकान गिर कर धराशाई हो गए हैं. वहीं विश्व प्रसिद्ध सोनार दुर्ग के बुर्ज सहित शहर में कई ऐसे कच्चे मकान हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं और कभी भी गिर सकते हैं. जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका है.

सोनार दुर्ग के कई बुर्जों सहित शहर के जर्जर मकानों का पिछले लंबे समय से मरम्मत या रखरखाव का काम नहीं हुआ है. वहीं किले का एक बुर्ज जो शिव मार्ग की तरफ है, वो भी पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है और कभी भी गिर सकता है.

जैसलमेर के सोनार दुर्ग की बदहाल स्थिति

गौरतलब है कि शिव मार्ग पर कई बैंकों सहित अन्य प्रतिष्ठानों का संचालन होता है और दिन भर यहां लोगों की आवाजाही बनी रहती है. ऐसे में अगर यह दिन के समय क्षतिग्रस्त होकर सड़क पर गिरा, तो यहां पर सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों के लिए जान की आफत बन सकती है.

जैसलमेर जिला प्रशासन व आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी मरम्मत या बचाव के लिए समय रहते प्रयास करने की आवश्यकता है, नहीं तो यह किसी भी बड़े हादसे का रूप ले सकता है. गौरतलब है कि जैसलमेर का सोनार दुर्ग एक लिविंग फोर्ट है. जहां कई परिवार निवास करते हैं.

पढ़ें : जैसलमेर में बारिश ने बिगाड़े हालात, ग्रामीण इलाकों में कच्चे आशियानें हुए धराशायी, फसलें भी हुईं चौपट

यहां रहने वाले अगर मरम्मत करवाना चाहते भी हो तो भी नहीं करवा पाते, क्योंकि यह किला पुरातत्व विभाग के अधीन आता है. ऐसे में यहां कोई भी निर्माण या मरम्मत कार्य बिना उनकी अनुमति के संभव नहीं होता और इसकी अनुमति की प्रक्रिया जटिल है. ऐसे में इसका समय पर रखरखाव नहीं हो पाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.